भारत माता की जय। केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी बहन  अनुप्रिया पटेल जी, मंत्री परिषद के मेरे साथी डॉक्टर महेन्द्र पांडे जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान रामचरित्र झा जी, श्रीमान भरत पटेल जी, श्री हंसराज विश्वकर्मा जी, श्री रमेश राजवर जी, श्री सर्वेश कुशवाहा जी, श्री नरेन्द्र पटेल जी, श्रीमान कौशेन्द्र सिंह जी, रामलखन सिंह जी, ओंकार केसरी जी, कांशी तिवारी जी, सुरेश सिंह जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, अपना दल और भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवारों को और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों  बहनों।  बिंद्रा  से भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर अवधेश सिंह जी, शिवपुरी से श्रीमान अनिल राजवर जी, गोहिया से श्री सुरेंद्र सिंह जी, मुग़ल सराय से श्रीमती साधना सिंह जी, सैयद राजा से श्रीमान सुशील सिंह जी, सकंडिया  से श्रीमान सूर्यमणि तिवारी जी, सेवापुरी अपना दल के उम्मीदवार श्रीमान निंद्रधन पटेल जी नीलू, अजगरा  से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान कैलाश सोनकर जी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

छह चरण के चुनाव समाप्त हो चुके हैं। आठ तारीख को जब पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाता होगा, उस दिवस सातवें चरण में आप मतदान करके भारतीय जनता पार्टी, अपना दल और भारतीय समाज पार्टी के सभी उम्मीदवारों को विजय दिला करके उत्तर प्रदेश को सपा, बसपा,  कांग्रेस से मुक्ति दिलाने का एक भागीरथ काम करोगे, यह मेरा विश्वास है।

भाइयों और बहनों।

मुझे आज इस क्षेत्र में करके एक विशेष आनंद हो रहा है। जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था तो डॉक्टर सोनेलाल जी गुजरात आते रहते थे। खासकर के सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रति उनकी जो श्रद्धा थी, उसके कारण उनका आना होता था।  और उनके मन में हमेशा, क्योंकि मुझे काफी उनके साथ बातें करने का सौभाग्य मिला था। हमेशा अमूल डेरी की तरह यहां के गांवों में गरीब, किसान, पशुपालक उनके जीवन में अमूल डेरी के जैसी व्यवस्था खड़ी करके बदलाव कैसे किया जाये, यह विचार लगातार करते रहते थे। आज मुझे ख़ुशी है कि डॉक्टर सोनेलाल जी ने जो बीज बोया, वो वटवृक्ष रूप में फला फूला और उनकी प्यारी बेटी डॉक्टर सोनेलाल जी के सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से जुटी हैं। ऐसे क्षेत्र में मुझे करके अपने आप में बड़ा गर्व होता है। आज सुबह लाल बहादुर शास्त्री जी के निवास स्थान पर जा करके उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मुझे सौभाग्य मिला।  जय जवान जय किसान, यह मंत्र  घर-घर में गूंजा। दशकों के बाद आज भी वो मंत्र गूंज रहा है।  ऐसे महापुरुष को नमन करके मैं आपके बीच आया हूं।  

भाइयों और बहनों।

मेरा जन्म उस धरती पर हुआ जिस धरती पर सरदार वल्लभभाई पटेल पैदा हुए थे, महात्मा गांधी पैदा हुए थे।  भाइयों और बहनों। और यह मेरा सौभाग्य है कि पूर्वांचल की धरती का जनप्रतिनिधि बनकर के आपकी सेवा करने का आपने मुझे अवसर दिया है  भाइयों और बहनों। हमारे देश का अगर हम कल्याण करना चाहते हैं तो हमें हमारे देश के गांवों में किसानों की ज़िन्दगी में, गांव के जीवन में बदलाव लाना ही पड़ेगा।  देश की अर्थव्यवस्था, गांव की खरीद शक्ति जितनी बढ़ेगी, उसके आधार पर निर्भर होने वाली है। और इसीलिए हमने सपना संजोया है कि 2022 में जब हिंदुस्तान की आज़ादी के 75 साल होंगे, महात्मा गांधी, सरदार पटेल जैसे महापुरुषों ने जिस आज़ादी के लिए अपना जीवन खपा दिया था। उन सरदार पटेल के, महात्मा गांधी के, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, अनगिनत क्रांतिकारी, अनगिनत स्वतंत्रता सेनानी, जिन सपनों को ले करके वो देश की आज़ादी के लिए अपनी जवानी खपा रहे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए हर हिंदुस्तानी को अविरल प्रयास करना चाहिए। और इसलिए 2022 में जब हिंदुस्तान की आज़ादी के 75 साल होंगे, दो सपने प्रमुख रूप से लेकर के भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार दिल्ली में काम कर रही है। एक 2022 में जब आज़ादी के 75 साल हों, तब तक हिंदुस्तान  का कोई भी परिवार ऐसा हो, गरीब से गरीब क्यों हो, उसको रहने के लिए अपना घर हो। भाइयों और बहनों, गरीब से गरीब परिवार को रहने के लिए छत देने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम कर रही है। दूसरा मेरा सपना है, 2022 जब आज़ादी के 75 साल हों, अभी 2017 चल रहा है, पांच साल बाकी हैं। इन पांच साल के भीतर भीतर हिंदुस्तान के किसान की आय डबल करनी है, दोगुना करनी है। आज अगर एक लाख रुपये कमाता है तो दो लाख पहुंचाना है। आज अगर वो पचास हज़ार  रुपये कमाता है तो एक लाख पहुंचाना है। और भाइयों और बहनों, ये संभव है। जिस प्रकार से हमने पूरा रोडमैप बनाया है, हिंदुस्तान के किसान के जीवन में बदलाव लाने के लिए। एक के बाद एक हमने ठोस कदम उठाए हैं। और उस ठोस कदम का परिणाम यह है कि देश की कृषि की आवक देश के किसान की आवक उसकी आय डबल होगी दोगुना होगी। धरती मां में हम एक बीज बोते हैं और अनेक बना कर देती है। कभी भी हमने इस धरती मां की सेहत की चिंता नहीं की। सोचा भी नहीं क्या कभी मेरी धरती मां बीमार होती है, उसमें भी कभी बीमारी जाती है क्या। कभी नहीं सोचा। हमने धरती मां का इतना शोषण किया कि मां हमसे हिसाब मांगती है।  

और इसीलिए भाइयों और बहनों।

हमने सॉयल हेल्थ कार्ड के द्वारा धरती मां की तबीयत कैसी है, इसका परीक्षण करना है, जैसे आजकल कोई भी व्यक्ति बीमार हो जाए तो डॉक्टर कहता है कि लैबोरेटरी में जा करके खून का नमूना दे करके आओ, पेशाब का नमूना दे करके आओ, जांच कराओ और उसके बाद रिपोर्ट आती है, तब जाकर के डॉक्टर दवाई देता है। जैसा मनुष्य के शरीर का है, वैसा ही इस धरती माता का भी है। और इसलिए हर खेत की मिटटी ले करके उसका लेबोरेटरी में परीक्षण होना चाहिए। मिटटी का दबाव क्या है? गुण क्या है दोष क्या है? किस फसल के लिए वो मिटटी अनुकूल है? कौन सा खाद चलेगा? कौन सा नहीं चलेगा? कौन सी दवाई चलेगी? कौन सी नहीं चलेगी? इसको वैज्ञानिक तरीके से जांचना ज़रूरी है।  

और इसलिए भाइयों और बहनों।

हमने पूरी तरह हिंदुस्तान के हर किसान को जोड़ने के लिए शासन ने, भारत सरकार ने अरबों खरबों का खर्च लगाया है, जब खेतों से जमीन के नमूने ले करके जांच पड़ताल होगी।  किसान क्या करता है। अगर बगल वाले किसान ने लाल डिब्बे वाली दवाई डाल दी, तो वो भी अपने यहां लाल डिब्बे वाली डाल देता है। पीले डिब्बे वाली  डाल दी, तो वो भी पीले  डिब्बे वाली डाल देता है। वो सोचता ही नहीं है कि मेरे खेत में इस दवाई की जरूरत है कि नहीं है। मेरी जो फसल है, उसमें इसका उपयोग है कि नहीं है, लेकिन बगल वाले ने किया, वो भी कर देता है। और उसके कारण जितनी पैदावार होनी चाहिए, होती नहीं है, और आर्थिक रूप से नुकसान हो जाता है।  

भाइयों और बहनों।

हम सॉयल हेल्थ कार्ड के द्वारा किसान को वैज्ञानिक तरीके से अपनी फसल से कमाई करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित कर रहे हैं, व्यवस्था कर रहे हैं। हमारे किसान को  सर्टिफाइड बीज मिले, अगर अच्छा बीज होगा तो किसान को कभी फिर रोने की बारी नहीं आएगी। आज कालाबाज़ारी करने वाले लोग, बेईमानी करने वाले लोग किसानों को ऐसे झूठे बीज दे देते हैं, और जब साल बर्बाद हो जाए, तब किसानों को पता चलता है कि किसी ने मुझे ठग लिया है। भाइयों और बहनों। ये किसान की रक्षा करने का प्रबंध आज भारत सरकार ने किया है।

भाइयों और बहनों।

किसान को अगर पानी मिल जाए तो मिट्टी में से सोना पैदा कर देता है। ये ताकत हमारे देश के किसान की है। और इसीलिए हमने हज़ारों करोड़ रुपये की लागत से देश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को लागू किया है। देश में डैम बने हुए हैं लेकिन पानी ले जाने के लिए कैनाल नहीं बनी हुईं। कहीं पर पानी नीचे चला गया है, कुओं को रिचार्ज करने की आवश्यकता है। हजारों करोड़ रुपया, अरबों खरबों खर्च करके देश में किसानों को पानी पहुंचाने के दिशा में एक बहुत बड़ा भागीरथ काम हमने शुरू किया है। हम ऐसी योजना ला रहे हैं कि आज किसान के पास जो पंप हैं, कभी-कभी वो इतनी बिजली खाते हैं, इतने पुराने हो गए हैं, किसान के पास पैसे नहीं वो पंप बदलने के लिए। हमने तय किया है, जो भी किसान ये पंप बदलना चाहता है, भारत सरकार मुफ्त में उसका ये पंप बदल देगी, नया पंप दे देगी।

भाइयों और बहनों।

हमने दूसरा काम किया, यूरिया। आपको पता है किसान को जब यूरिया चाहिए तब उसे मिले तब उसका उपयोग है। अगर दस दिन के बाद यूरिया मिले, तब बेकार है।  उसे समय पर चाहिए। फसल के निश्चित दिन होते हैं। तब चाहिए। लेकिन हमारे देश में किसान यूरिया के लिए दो-दो दिन तक लाइन में खड़ा रहता था। कभी पुलिस के लाठी चार्ज करती थी और कालेबाजार वाले इस कारोबार पर कब्ज़ा करके किसान को लूटते थे। आज इसलिए भाइयों और बहनों, यूरिया मिले, यूरिया की चोरी हो, बेईमानी हो, हमने यूरिया का नीम कोटिंग किया, और ये कोई बहुत बड़ा विज्ञान नहीं है। सिंपल सा काम था और उसको हमने करके हज़ारों करोड़ की चोरी को रोक दिया। नीम कोटिंग, ये जो नीम के पेड़ होते है, नीम के पेड़ की फली होती है। जहां पर खाद के कारखाने हैं, फ़र्टिलाइज़र के कारखाने हैं, उसके अगल बगल के गांवों की माताओं बहनों को कहा कि जो नीम की फली है, उसको इकट्ठा कीजिये, हम खरीद लेंगे। गरीबों को काम मिल गया। नीम की फली इकट्ठी की। उसका तेल निकाला, यूरिया में उसको मिक्स कर दिया। अब यूरिया की चोरी संभव नहीं रही।  अब यूरिया सिर्फ इसमें ही काम सकता है और किसी में काम नहीं सकता, और मेरे किसान का काम हो गया।

भाइयों और बहनों।

फसल हो जाए और अच्छी फसल हो जाए, लेकिन कभी-कभी बारिश हो, कभी बाढ़ जाये, कभी ज्यादा बारिश जाये, किसान को तो मरना ही मरना है।  हम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाये। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कारण आज किसान अगर प्राकृतिक आपदा के कारण बारिश नहीं आयी और बुवाई नहीं कर पाया तो भी उसको बीमा का पैसा मिलेगा। फसल हो गई, काट करके खेत में रख दी, अभी मंडी जाना है और अचानक बारिश गयी, अचानक ओले गिर गए और बनी बनाई सब बर्बादी हो गयी तो भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से पैसा मिलेगा। अगर खेत में पानी का भराव हो गया तो भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से पैसा मिलेगा। किसान की ज़िन्दगी को बचा लिया जायेगा।  

भाइयों और बहनों।

मुझे दुःख के साथ कहना है, उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकार है जिसे किसान की परवाह है विकास की चिंता है। उसको तो अपने वोट बैंक को संभालो। बस उसी को दाना  पानी  देते रहो, उनको दूसरा कोई सिला नहीं। भेदभाव से भरी हुई ये सरकार, उसने किसानों का कल्याण नहीं किया। पूरे हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का स्वागत हुआ, हर राज्य में 50 प्रतिशत, 60 प्रतिशत किसानों ने बीमा ले लिया। ये अकेला उत्तर प्रदेश ऐसा है कि जहां पर इतने सारे गांव किसानों से भरे पड़े हैं, यहां का उद्योग खेती है लेकिन 14 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के बीमे का काम, ये अखिलेश जी की सरकार ने नहीं किया है। भाइयों और बहनों। किसान के साथ इससे बड़ा कोई अन्याय नहीं हुआ है। हमारे किसान धान की खेती करते हैं, सरकार समर्थन मूल्य देती है, लेकिन 3 प्रतिशत से ज्यादा यहां की सरकार किसानों से धान खरीदती नहीं है। जहां भाजपा की सरकार है, 50 प्रतिशत, 60 प्रतिशत किसानों का धान खरीद लिया जाता है। कभी किसान को मुफ्त में अपना माल देने की नौबत नहीं आती है। भाइयों और बहनों। मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि इस देश के किसान के लिए हम काम करना चाहते हैं।

भाइयों और बहनों।

हमारी गरीब मां लकड़ी का चूल्हा जला करके खाना पकाती हैं। उसके कारण जो धुआं होता है, 400 सिगरेट का धुआं गरीब मां के शरीर में जाता है। जिस मां के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता होगा, उस मां की तबीयत का हाल क्या होता होगा। जो बच्चे घर में खेलते हैं, उनके शरीर में धुआं जाता होगा। उन बच्चों का क्या हाल होता होगा। भाइयों और बहनों। मैंने गरीबी देखी है। मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं। गरीब की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है, वो मैंने जी करके देखा है। और इसलिए गरीबों के लिए कुछ करना है, इस मकसद को ले करके काम कर रहा हूं। इसलिए हमने तय किया तीन साल के अंदर पांच करोड़ गरीब परिवारों को गैस का सिलिंडर देंगे, गैस का कनेक्शन देंगे, गैस का चूल्हा देंगे ताकि गरीब मां को लकड़ी के चूल्हे के धुएं से जो मरना पड़ रहा है, उसको मरना नहीं पड़ेगा।

और भाइयों और बहनों।

अकेले उत्तर प्रदेश में 55 लाख गरीब परिवारों में गैस का सिलेंडर हम पहुंचा चुके हैं, यहां पर भी हमने यह काम कोई भेदभाव के बिना किया है, कोई भ्रष्टाचार के बिना किया है, कोई काला दाग इस काम में नहीं लगा है। अगर सरकार गरीबों के लिए जीती है तो कैसे काम करती है, आप देख सकते हैं। नौजवान को उसके जनपद में काम मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...? गरीब मां-बाप के पास बेटे को रहने का अवसर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...? लेकिन भाइयों और बहनों इनको इन चीज़ों की कोई परवाह नहीं। मुझे आज किसी ने अखबार का कतरन दे दिया।  जो अखबार में छपा है, मैं बताता हूं। ये उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उसने 2015 में पीसीएस के एग्जाम लिए। एक बच्ची होनहार थी, उसने एग्जाम दिया, लेकिन रिजल्ट आया तो उसमें वो पास नहीं हुई। लेकिन वो बेटी बड़ी हिम्मत वाली थी, उसे अपना इरादा बरकरार रखा, उसने आरटीआई में सवाल पूछ लिया, पीछे पड़ गई कि मैं इतनी होशियार लड़की हूं, मेरा पेपर इतना अच्छा गया। मैं फेल कैसे हो गई। आरटीआई ने उसको उसका पेपर देखने के लिए दिया और पाया गया कि बदइरादे से उसको फेल कर दिया गया था। और बाद में उसको पास करना पड़ा, वो परीक्षा में पास हो गई। देखिये बेईमानी इसके बाद शुरू होती है, वो इसपे अटकते नहीं हैं। पहले लिखित परीक्षा में फेल किया, पकड़े गए तो गुपचुप उसका इंटरव्यू किया, और फिर उसको इंटरव्यू में फेल कर दिया।  

भाइयों और बहनों।

ऐसी सरकार पे कोई भरोसा करेगा  क्या ...? कोई भरोसा करेगा क्या ...? ये इंटरव्यू के नाम पर नौजवानों को लूटा जाता है। दिल्ली में हमारी सरकार ने निर्णय किया कि हम इंटरव्यू नाम की जो बीमारी है, उस बीमारी को ही हटा देंगे। वर्ग 3 और 4, उसकी जो भर्ती होगी, पुलिस की हो, शिक्षक की हो, नर्स की हो, अस्पताल की हो,  क्लर्क की हो, सरकार में सबसे ज्यादा भर्ती वर्ग  3 और 4 की ही होती है। हमने तय किया कि वो जो एग्जाम देकर पढ़ करके आये हैं वो,  उनकी लिखित परीक्षा होगी। वो  कंप्यूटर तय करेगा कि किसके सबसे ज्यादा मार्क आये हैं और कंप्यूटर ही तय कर देगा कि किसको नौकरी देनी है। कोई इंसान बीच में आएगा ही नहीं।  पहले क्या होता था, गरीब मां का बेटा रात दिन मेहनत करके परीक्षा देता था, परीक्षा में पास हो जाता था अपनी मेहनत से, फिर इंटरव्यू आता था। घर में खुशी का माहौल बन जाता था कि बेटे का इंटरव्यू आया है। और फिर तीन चार दिन में कोई घर पर जाता था और कहता था कि सुना है आपके बेटे का इंटरव्यू आया है। बहुत अच्छा हुआ आपको बधाई है, लेकिन देखिये इंटरव्यू के लिए तैयारी अच्छी तरह करिये। कोई जान पहचान है क्या ...? तो मां कहती है हम तो गरीब लोग हैं, हमारी क्या जान पहचान, बेटा जायेगा, इंटरव्यू देकर जायेगा। तो वो कहता है, नहीं-नहीं मां ऐसे नौकरी नहीं मिलती है। कुछ जान पहचान वाला लाना पड़ेगा।  अच्छा ठीक है, मैं कोशिश करता हूं। दो दिन के बाद फिर आता है और कहता है, मां काम हो जायेगा।  तो मां पूछती है कैसे ...? बोले दो लाख रुपया लगेगा बस। मां को लगता है कि भई जमीन गिरवी रखनी पड़े तो रक्खो, घर गिरवी रखना है तो रक्खो, बेटे की नौकरी लग जाएगी तो फिर देखा जायेगा।  और गरीब मां के ठग दो लाख रुपये मार लेता है, काफी लोग मारते हैं। यहां नौकरी के रेट बोलते हैं कि  नहीं बोलते ...? इस नौकरी के लिए दो लाख, इस नौकरी के लिए तीन लाख, इसके लिए पांच, होता है कि नहीं होता है ...? यह सब बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...? अब इंटरव्यू क्या होता है ...? यहां कई लोग हैं, जिन्होंने इंटरव्यू दिया होगा। तीन बाबू बैठे होते हैं कमरे में। एक दरवाज़े को यूं ही धक्का देता हुआ अंदर आता है। सामने खड़ा रहता है, किसी को फुर्सत हो तो यूं ही पूछ लेता है कि नाम क्या है, और दूसरे दरवाज़े से बाहर निकाल देता है। मुझे बताइये कि दुनिया में कोई ऐसा विज्ञान है कि 30 सेकेंड में पता चल जाए कि ये होनहार है कि नहीं है ...। ये बेईमानी है कि नहीं है ...? नौजवान को मूर्ख बनाया जा रहा है कि नहीं ...? हमने तय किया कि हम कोई इंटरव्यू नहीं करेंगे, उसके अपने मार्क के आधार पर उसके नौकरी दे देंगे, गरीब को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला देंगे। हमने अखलेश जी को कहा कि भई आप भी लागू करो। उन्होंने लागू नहीं किया। क्यों ? क्योंकि उनको तो भेदभाव करना ही करना था। आप मुझे बताइये। आज उत्तर प्रदेश में कोई बहन बेटी सूरज ढलने के बाद अकेले घर से बाहर जा सकती है क्या ...? सलामत रहेगी क्या बेटी ...? वो डरेगी कि नहीं डरेगी ...? और कभी देर से आना हो गया तो मां बाप परेशान हो जाते हैं कि नहीं हो जाते हैं ...?

 

भाइयों और बहनों।

ये कानून व्यवस्था हमने बनाई है ? बलात्कार, हत्या, लूट , हर प्रकार के माफिया, खनिज के माफिया, शिक्षा के माफिया, पानी के माफिया, जाने माफियाओं का ही उपद्रव यहां चलता रहता है, और अखिलेश जी की सरकार सोई पड़ी है।  यहां के पुलिस थाने, पुलिस थाने हैं क्या ...? आज पुलिस थाने जाने का मन करता है क्या ...? कितनी तकलीफ होगी, तो तकलीफ झेलना पसंद करते हो कि पुलिस थाने जाना पसंद करते हो ...? लोगों को लगता है भई ये तकलीफ झेलेंगे तो अच्छा रहेगा। पुलिस थाने जायेंगे तो दो तकलीफ और बढ़ जाएगी।  इसका कारण क्या है?

भाइयों और बहनों।

कारण ये पुलिस वाले नहीं हैं। कारण ये हवलदार नहीं हैं। इन्होंने पुलिस थाने को  समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना दिया है। और अगर पुलिस वाला ईमानदारी से चला तो ये समाजवादी उनको सस्पैंड कर देते हैं या उसका तबादला कर देते हैं। घर में बूढ़े मां-बाप बैठे हैं, बेचारे को छोटी सी नौकरी है, यहां से कहीं फेंक देंगे। वो डरता रहता है भाइयों और बहनों। यही कारोबार चल रहा है। हम पुलिस थाने को सच्चे अर्थ में पुलिस थाना बनाना चाहते हैं। हम पुलिस वाले को सच्चे अर्थ में एक इंसान के नाते, एक सरकारी मुलाज़िम के नाते, सम्मान से जिंदगी जिए, ऐसा काम करना चाहते हैं।

और इसलिए भाइयों और बहनों।

उत्तर प्रदेश को, सपा हो बसपा हो कांग्रेस हो, उससे मुक्ति दिलाने का अवसर आया है।  आप मुझे बताइये कि बहनजी आपका कुछ भला करेंगी क्या ...? कोई भरोसा है क्या ...? बुआ में भरोसा है ...? भतीजे में भरोसा है ...? भतीजे के यार में भरोसा है ...? ये कुछ नहीं करेंगे।  अब तक आपने इन्हें देख लिया है मेरे भाइयो और बहनों। अब बार बार मौका दे करके उत्तर प्रदेश को तबाह मत कीजिये भाइयो और बहनों। और इसलिए मौका आया है , सपा, बसपा, कांग्रेस से मुक्ति दिला करके, उत्तर प्रदेश के नौजवानों का भविष्य सुनिश्चित करने का मौका है। पिछले पंद्रह साल में एक पूरी पीढ़ी को इन लोगों ने तबाह कर दिया है भाइयों और बहनों। अब हमारी पीढ़ियों को और तबाह नहीं होने देना है। और इसलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि आप भारी मात्रा में मतदान करें। अपना दल, भारतीय समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, इन तीनों के उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजयी बनाएं और आप उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने का मौका जाने दें। अब तक जितना चुनाव हुआ है, भारतीय जनता पार्टी को  भारी समर्थन मिला है, भारतीय जनता पार्टी के साथियों को भारी समर्थन मिला है। ये आखिरी चरण में भी अभूतपूर्व विजय दिलाइये।  इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। आठ तारीख को आप पहले मतदान फिर जलपान, पक्का वादा करोगे ...। मेरे साथ बोलिये पहले मतदान फिर जलपान पहले मतदान ...। पहले मतदान ...। सुबह-सुबह ज्यादा से ज्यादा मतदान हो जाए क्योंकि अब गर्मी बढ़ती चली जा रही है। और आपके मतदान के पुराने जितने रिकॉर्ड हैं, अगर आपके बूथ में पहले 600 वोट पड़े हैं तो अब 900 वोट कैसे पड़े, इस पर आप ज़ोर लगाइये।  लोकतंत्र की मजबूती के लिए ज्यादा से ज्यादा मतदान होना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा मतदान करें। इसी एक अपेक्षा के साथ इस उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान की मेरी आखिरी सभा में मैं फिर एक बार उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का अभिनन्दन करता हूं।  आठ तारीख को उत्तर प्रदेश के लोग, इस पूर्वांचल के लोग भारी मतदान करके पूर्वांचल का भाग्य बदलेंगे। मैं उनसे आग्रह करने आया हूं कि 11 मार्च को जब चुनाव के नतीजे आएंगे, दो दिन पहले ही होली मन जाएगी भाइयों।  13 तारीख को भारतीय जनता पार्टी और साथी दलों की  विजय की होली सारा देश मनाएगा, उसके बाद नई सरकार बनेगी और पहली मीटिंग में ही  मेरे किसान भाइयों, किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय कर लिया जायेगा। ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। मेरे साथ फिर से बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।