"• The 182-meter statue to be erected at Sadhubet, 3.32 km. far from Sardar Sarovar dam"
"• A drive to collect discarded iron farm tools with a view to use them in the making of the statue"
"• Visitors’ gallery, museum and exhibition at the venue will be the major attractions"
"• The place will emerge as a world-class tourist destination"

अखंड भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल को भव्य स्मरणांजलिः स्टेचू ऑफ यूनिटी का निर्माण

  • सरदार सरोवर बांध से ३.२२ किमी दूर साधु टापू पर होगा निर्माण
  • १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ बनेगी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा
  • दर्शक गैलरी, म्यूजियम और प्रदर्शनी केन्द्र होंगे मुख्य आकर्षण
  • किसानों के पास से खेती के पुराने औजार एकत्रित करने के अभियान का होगा शुभारंभ
  • सरदार के जीवनकार्य की भव्य विरासत भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होगी
  • वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा यह स्थान

अखंड भारत के शिल्पकार, भारत के लौह पुरुष और विश्व के महान सपूत सरदार वल्लभभाई पटेल को भव्य स्मरणांजलि देने के लिए सरदार साहब की विश्व की सबसे ऊंची प्रस्तावित प्रतिमा ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण सरदार सरोवर बांध के निकट होगा। सरदार की जन्म जयंती ३१ अक्टूबर, २०१३ को मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का शिलान्यास होगा। सरदार सरोवर बांध से ३.३२ किमी के फासले पर साधु बेट (टापू) पर इस प्रतिमा के आकार लेने के बाद यह स्थान वैश्विक पर्यटन स्थल के तौर पर उभरकर सामने आएगा। ३१ अक्टूबर से ही इस प्रतिमा के निर्माण के लिए देश भर के किसानों के पास से खेतीबाड़ी में इस्तेमाल होने वाले पुराने औजारों को एकत्रित करने का विशेष अभियान भी शुरू किया जाएगा।

राष्ट्र की आजादी और एकता के झंडाबरदार सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत की आजादी की जंग के लिए जनता का समर्थन प्राप्त करने और छोटे-बड़े रजवाड़ों को एकत्र कर अखंड भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत के इतिहास को उन्होंने नई दिशा प्रदान की। गुजरात के इस महान सपूत का नाम भावी पीढ़ियों के लिए हमेशा अविस्मरणीय और प्रेरणास्त्रोत बना रहे इसके लिए मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध के निकट ही सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के निर्माण का संकल्प किया है।

समग्र विश्व में अपनी तरह की बेजोड़ साबित होने वाली इस प्रतिमा का नाम योग्य एवं अत्यंत सार्थक हो, इस हेतु इसे “स्टेचू ऑफ यूनिटी” का नाम दिया गया। १८२ मीटर की ऊंचाई के साथ यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। विश्वप्रसिद्ध अमेरिका की स्वतंत्रता की देवी की प्रतिमा “स्टेचू ऑफ लिबर्टी” के मुकाबले यह प्रतिमा तकरीबन तीन गुनी ऊंची होगी।

सरदार सरोवर बांध के नीचले इलाके में ३.३२ किमी के अंतराल पर साधु टापू पर इसका निर्माण सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) के तहत किया जाएगा। यह प्रतिमा संशोधन और विकास की प्रवृत्तियों के लिए भी एक योग्य मंच प्रदान करेगी।

सरदार सरोवर बांध के नयनरम्य नजारे को देखने का आनंद ४५० फुट ऊंची दर्शक गैलरी में से सैलानी उठा सकेंगे। यहां सर्वग्राही ऑडियो-विजुअल गैलरी, सरदार पटेल के जीवन की झांकी दिखलाने वाला लेजर-लाइट एंड साउंड शो, सरदार सरोवर योजना के विविध पहलुओं का परिचय देने वाली वर्चुअल टूर, कृषि विकास, जल नियमन और आदिवासी उत्थान जैसे विषयों के सन्दर्भ में संशोधन तथा विकास की प्रवृत्तियों के लिए अनुकूल ढांचे का निर्माण होगा।

सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता तथा कार्यों का परिचय देने वाला म्यूजियम और प्रदर्शनी केन्द्र प्रतिमा स्थल के मुख्य आकर्षण होंगे। सैलानियों और यहां की मुलाकात लेने वाले अन्य लोगों को स्मारक तक लाने-ले जाने के लिए फेरी सर्विस की व्यवस्था भी की जाएगी।

प्रतिमा के निर्माण में ऐसी डिजाइन और तकनीक का उपयोग होगा जो अत्याधुनिक होने के साथ ही दीर्घकालिक भी हो। स्ट्रक्चरल स्टील फ्रेमवर्क से बनने वाली यह प्रतिमा प्रतिकूल मौसम में भी टिकी रहे इसलिए इसकी डिजाइन चक्रवात व भूकंप प्रतिरोधी होगी। विन्ड लोड के प्रतिकार के लिए डेम्पर तथा पर्फोरिटेड पैनल का उपयोग भी इस प्रतिमा के निर्माण में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि, “इस प्रतिमा की ऊंचाई महज मीटर या फुट में ही नहीं बल्कि शैक्षणिक, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक मूल्यों के सन्दर्भ में भी अधिक होगी। मेरा स्वप्न आने वाली सदियों के लिए इस स्थान को एक प्रेरणास्त्रोत के स्वरूप में विकसित करने का है।”

“स्टेचू ऑफ यूनिटी” भारत के लौह पुरुष को उनकी जयंती पर अत्यंत सार्थक स्मरणांजलि अर्पित करेगी।

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