ये पूछना स्वाभाविक है कि – भारत के प्रधानमंत्री खाने में क्या पसंद करते हैं? क्या उन्हें मसालेदार खाना पसंद है?
इस ओर कुछ इशारा नरेंद्र मोदी स्वयं करते हैं, वो कहते हैं:
“जो लोग सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं, उनका जीवन बहुत ही अनियमित होता है। इसलिए यदि कोई सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होना चाहता है, तो उसका पेट मजबूत होना चाहिए।”
“35 वर्षों में विभिन्न संगठनात्मक पदों पर काम करते हुए मुझे पूरे देश का भ्रमण करना पड़ा। मुझे भोजन मांगना पड़ा और जो मिला उसे खाया। मैंने कभी लोगों से अपने लिए कोई खास खाना बनाने के लिए नहीं कहा।”
“मुझे खिचड़ी बहुत पसंद है। लेकिन मुझे जो भी मिले, मैं खा लेता हूं।”
वो कहते हैं “मैं चाहता हूं कि मेरी सेहत ऐसी हो कि वो देश के लिए बोझ न बने। अपनी अंतिम सांस तक मैं एक स्वस्थ व्यक्ति के रूप में जीना चाहता हूं।”
प्रधानमंत्री की भूमिका में बहुत अधिक यात्रा अपरिहार्य है और बहुत अधिक प्रीतिभोजों में शामिल होना पड़ता है। वो प्रत्येक प्रीतिभोज में स्थानीय शाकाहारी व्यंजन पसंद करते हैं। वो शराब नहीं पीते, इस कारण जाहिर तौर पर उनके गिलास में मादकपेय की जगह पानी रहता है या कोई जूस।