“विकास को हम नई ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं। आने वाले दिनों में रेल हो, रोड हो, पानी हो, बिजली हो - यह आधुनिक रूप से लोगों को कैसे मिले? इस पर हम काम कर रहे हैं। ये मूलभूत व्यवस्थाएं अगर विकसित हों तो समाज की अपनी ताकत होती है, वो विकास की नई ऊंचाइयों को पार कर लेता है।” नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी सोच का नतीजा है कि उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अधारभूत ढांचों पर जोर दिया गया है। इसमें सड़क हो या रेलवे स्टेशन, जल मार्ग हो या हवाई मार्ग, सब पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है। पिछले ढाई साल से यहां सड़कों का संजाल बिछाया जा रहा है। 8014.57 करोड़ रुपए की लागत से वाराणसी को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों का निर्माण और चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसमें से 7 हजार करोड़ रुपये वाराणसी को सुल्तानपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, औरंगाबाद और आसपास के शहरों से जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण पर खर्च किया जा रहा है। इसमें कई नए पुल, फ्लाईओवर और बाईपास का निर्माण भी किया जाएगा।
बाबतपुर एयरपोर्ट से कचहरी तक के मार्ग का चौड़ीकरण और सुन्दरीकरण भी 753.57 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। वाराणसी रिंग रोड का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही वाराणसी-हनुमानहा मार्ग के 125 किलोमीटर रोड का चौड़ीकरण हो रहा है।
सड़क के साथ-साथ वाराणसी में जलमार्ग विकास की भी योजना है, जिसमें 381 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। फेज-1 में हल्दिया से वाराणसी तक 1380 किलोमीटर के जलमार्ग का विकास होना है। उसमें वाराणसी में 211 करोड़ रुपए से मल्टी मॉडल टर्मिनल, 100 करोड़ रुपए से रिवर इंफॉर्मेशन प्रणाली, 50 करोड़ रुपए की लागत से नाइट नेविगेशन प्रणाली और 20 करोड़ रुपए से रो-रो क्रासिंग शुरू होना है।
रेलवे भी यहां बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। रेलवे 1105.25 करोड़ रुपए की लागत से यहां के सभी स्टेशनों के विकास और नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम कर रहा है। साथ ही यहां से 17 जोड़ी नई ट्रेनों का संचालन होने लगा है।
अगर हवाई सुविधा की बात करें तो बाबतपुर हवाई अड्डे पर यात्रियों की सुविधा में बढ़ोतरी की गई है। यहां अतिरिक्त चेक-इन काउंटर के साथ अतिरिक्त बोर्डिंग गेट बनाए गए हैं। वाराणसी से हैदराबाद, भुवनेश्वर और बैंगलुरू के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू की गई है। एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है, जिससे कि यहां से बड़े विमानों को उड़ाने की योजना कार्यरूप ले सके।