मित्रो,

19 नवंबर, 2014 की शाम को म्यांमार, आस्ट्रेलिया और फिजी की मेरी यात्रा का समापन हुआ। वापसी के दौरान, मैं पिछले 10 दिनों की अपनी यात्रा के बारे में सोच रहा था। मैं यह सोच रहा था कि हमनें क्या हासिल किया, भारत को इससे क्या प्राप्त होगा और इसलिए मैंने तय किया कि मुझे अपने ब्लॉग के माध्यम से ये बातें आप तक पहुंचानी चाहिए।

हमें इस इस यात्रा की historic uniqueness को समझना होगा।

आस्ट्रेलिया के मामले में, आस्ट्रेलिया की यह द्वीपक्षीय यात्रा पिछले 28 वर्षों के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। वहीं फिजी की यह द्वीपक्षीय यात्रा पिछले 33 वर्षों के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। जहां एक ओर IT और Communication Revolution की वजह से संसार छोटा हो गया है वहीं दूसरी ओर हम लगभग पिछले तीन दशकों से इन देशों की यात्रा नहीं कर सके। ये दोनों देश अपने आप में महत्वपूर्ण हैं।

मेरा विचार है कि इसमें बदलाव अवश्य किया जाना चाहिए।

मैं कुल पांच Summits में शामिल हुआ। इसमें से एक Summit में Pacific Islands के नेताओं के साथ फिजी में मैंने मुलाकात की थी। यह Summit हमारे द्वारा आयोजित थी। इन सभी Summits में मैंने 38 देशों के नेताओं के साथ मुलाकात की थी। 20 Bilateral Meetings में शामिल हुआ था। यहां पर मुझे विश्व के हर हिस्से के नेताओं से मुलाकात करने का अवसर मिला था। ये सभी बैठकें Frank, Comprehensive और fruitful रही थीं। इन बैठकों में कई मुद्दों पर हमारे बीच सार्थक बातचीत हुई। साथ ही मैं कई Business Leaders से भी मिला।

इन Bilateral Meetings के दौरान, मैंने यह पाया कि संपूर्ण विश्व भारत की ओर नए आदर और बेहद उत्साह से देख रहा है। मैंने यह भी पाया कि global community भारत के साथ engage होने के लिए काफी गंभीर है।

हमने प्रत्येक नेता के साथ इस बात पर चर्चा की, कि कैसे हम अपने संबंधों को और अधिक extensive, diverse और wide-ranging बना सकते हैं? इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य यह था कि व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाए और भारत में और अधिक उद्योग लगाए जाएं। जिन नेताओं से मेरी मुलाकात हुई उनमें से ज्यादातर नेता हमारे "Make in India" initiative के प्रति बहुत उत्साही थे। साथ ही वो भारत में उपलब्ध extensive और diverse opportunities का लाभ उठाना चाहते हैं। मैं इसे एक ऐसे सकारात्मक लक्षण के रूप में देख रहा हूं, जिससे भारत के युवाओं को कई अवसर प्राप्त होंगे और उन्हें सही exposure मिलेगा। यह उनके सुनहरे भविष्य की नींव है। ऐसा exposure आज आवश्यक हो गया है। यहां हमें इस बात को भी ध्यान में रखना है कि संसार विकसित हो रहा है। विश्व के कुछ नेताओं ने "Next Gen Infrastructure और Smart Cities" बनाने की हमारी योजनाओं के प्रति भी गहरी रूचि दिखाई है।

इस यात्रा के दौरान मुझे आस्ट्रेलिया और फिज़ी के सांसदों को सम्बोधित करने का अवसर मिला।

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मैं विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र से संबंध रखता हूं और मुझे उन देशों की यात्रा करने में हमेशा खुशी होती है जहां प्रजातंत्र सफल रहा है। मुझे इन पवित्र देशों से अपने विचार बांटने में भी खुशी होती है। दो प्रजातंत्रों के संबंधों से गहरे कोई और संबंध नहीं हो सकते। इससे जहां एक ओर मुझे इन देशों के वृहत्तर राजनैतिक नेतृत्व तक पहुंचने का अवसर मिला, वहीं दूसरी ओर इससे सहयोग के नए क्षेत्र भी खुले। मैं एक बार पुन: कहना चाहूंगा कि इन देशों के राजनीतिज्ञ भारत के प्रति बहुत अधिक आशावादी हैं।

भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार आस्ट्रेलिया और फिज़ी की Parliaments को सम्बोधित किया है। मुझे यह बताया गया कि फिज़ी की Parliament को पहली बार विश्व के किसी नेता ने सम्बोधित किया है। यह एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि global community की नजरों में भारत के 125 करोड़ लोगों के प्रति कितना सम्मान है।

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G-20 Summit में, भारत ने World Community के सामने existence और repatriation of black money का मामला प्रमुखता से रखा।

मुझे इस बात की खुशी है कि world community ने इसे गंभीरता से लिया। वास्तव में, यह मामला किसी एक देश को ही प्रभावित करने वाला नहीं है, बल्कि काले धन की समस्या में वह ताकत है जो विश्व-शांति और सामंजस्य को भंग कर सकती है। इसके अलावा, काला धन Terrorism, Money Laundering और Narcotics Trade को भी बढ़ावा देता है। ऐसे प्रजातंत्रों के रूप में जो विधि के शासन के प्रति वचनबद्ध हैं, तो हमारी यह बाध्यता बन जाती है कि हम इस बुराई का मिलजुल कर सामना करें। और इन मुद्दों को उठाने के लिए G-20 Summit से बेहतर और कोई अवसर नहीं था। हमारे प्रयासों के फलस्वरूप इस मामले को दर्शाने वाला आधिकारिक घोषणापत्र (official communique) तैयार करने में सफलता मिली।

ASEAN Summit, ASEAN देशों के नेतृत्व के साथ engage होने का एक अवसर था। इसमें हमने इस बात पर चर्चा की कि कैसे हम group of nations के रूप में और एक देश के रूप में - दोनों ही प्रकार से अपना engagement बढ़ा सकते हैं?

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मेरा यह विचार है कि ASEAN और भारत मिलकर सहयोग के नए क्षेत्र तलाश सकते हैं। हमारे बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध होने के साथ-साथ हमारे पास हमारे युवावर्ग का जोश और ऊर्जा भी है।

मैंने मलेशिया के प्रधानमंत्री Razak के साथ affordable housing के बारे में बातचीत की। ब्रुनेई के सुल्तान के साथ energy issues के बारे में और सिंगापुर के प्रधानमंत्री Lee Hsien Loong के साथ urban development के मुद्दों पर बातचीत की।

फिजी में Pacific Island Nations के नेताओं से मेरी मुलाकात हुई। यह क्षेत्र हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन सभी देशों के साथ मजबूत द्वीपक्षीय संबंधों के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण और ठोस कदमों से मैं बहुत प्रसन्न हूं। इन देशों के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं और इन देशों से हम बहुत कुछ सीख भी सकते हैं।

मैं जहां कहीं भी गया लोगों ने मेरा बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया। मैं तीनों देशों के नेताओं - राष्ट्रपति Thein Sein, प्रधानमंत्री Abbott और प्रधानमंत्री Bainimarama का अत्यंत आभारी हूं।

मैंने उनके साथ जो व्यक्तिगत मुलाकातें कीं उनमें अपने संबंधित देशों के साथ संबंधों को आगे बढाने की महत्वपूर्ण बातें शामिल थी।

राष्ट्रपति Thein Sein के साथ मुख्य रूप से 3Cs अर्थात culture, commerce and connectivity के बारे में बात हुई थी। प्रधानमंत्री Abbott के साथ energy, culture और security के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बातचीत हुई और हम nuclear energy के मुद्दे पर बेहद सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। Security Cooperation की रूपरेखा आस्ट्रेलिया के साथ हमारे बढ़ते सुरक्षा संबंधों का सटीक प्रमाण है। आस्ट्रेलिया की कंपनियों को भारत आने का न्यौता देने के लिए अगले वर्ष ‘Make in India’ नामक रोड शो किया जाएगा। आस्ट्रेलिया के business leaders के साथ मुलाकात के दौरान मैंने देखा कि वे भारत में निवेश करने के लिए इच्छुक और उत्सुक हैं और इस संदर्भ में यह रोड शो निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण होगा।

व्यक्तिगत तौर पर मैंने यह महसूस किया कि भारतीय समुदाय से जो स्नेह मिला वो दिल को छू लेने वाला था। चाहे वह म्यांमार में हो, आस्ट्रेलिया में हो या फिजी में, उन्होंने जिस गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। मैंने देखा कि उन्हें भारत पर और भारत में हो रहे परिवर्तन पर गर्व हो रहा था। मुझे उनकी आंखों में सपने और आशाएं दिखाई दीं। जैसा कि मैंने सिड़नी में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम के दौरान कहा था, हम उनकी अपेक्षाओं से पूर्ण रूप से अवगत हैं और उनके सपनों का भारत बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।

जब मैंने आस्ट्रेलिया और फिजी में visa-on-arrival facilities तथा OCI और PIO के विलय की घोषणा की तो हमारे मूल के लोगों के चेहरों पर बेहद प्रसन्नता थी। अपने मूल के लोगों को अपनी विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा बनाना हमारा उद्देश्य है और पिछले कुछ महीनों में हमने इसी दिशा में प्रयास किए हैं। हम एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जहां हमारे मूल के लोगों को भी यह आभास हो कि वे भी भारत के विकास में अपना सहयोग कर सकते है। यह भी एक कारण है, जिसके लिए मैंने अप्रवासी भारतीयों से अपने विचारों और राय को www.mygov.in पर साझा करने का आग्रह किया है।

मुझे आइकोनिक मेलबर्न क्रिकेट ग्रांउड का स्नेहपूर्ण स्वागत याद आता है। यह प्रधानमंत्री Abbott की महानता थी कि वे विशेषतौर पर मेलबर्न पहुंचे और स्वागत की मेजबानी की, जिसमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, वी वी एस लक्ष्मण, एलन बार्डर, स्टीव वॉ, डीन जोंस और ग्लैन मैकग्रा जैसे क्रिकेट की महान हस्तियां शामिल हुईं।

दोस्तों, पिछले कुछ दिनों में मेरे द्वारा की गई पूर्व की यात्रा यादगार रही जो मुझे याद दिलाती रहेगी कि दुनिया को भारत से क्या अपेक्षाएं हैं !

मुझे उनकी आंखों में आशा की चमक दिखाई दी कि भारत एक शांत, स्थिर और विकसित वैश्विक समुदाय का मुकाम हासिल करने में अपनी भूमिका अदा करेगा।

मुझे अपने ऊर्जावान नौजवानों की एक छवि भी नजर आई, जो तेजी से बदल रही दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

मेरा स्पष्ट रूप से यह मानना है कि भारत दुनिया के मंच पर सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

दुनिया भारत को एक नए जोश के साथ देख रही है।

हमें अपने साझा मूल्यों और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नई प्रतिबद्धता को परस्पर बढाने की आवश्यकता है।

हम मिलकर ही, भारत और दुनिया के बेहतर भविष्य की कहानी लिखेंगे। आपका,

नरेन्द्र मोदी

यात्रा के संबंध में अधिक जानकारी

म्यांमार

राष्ट्रपति थेन सेन के साथ द्विपक्षी वार्ता

आंग सान सू की के साथ बैठक

भारतीय समुदाय द्वारा स्वागत

प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा के वीडियो

भारत-आसियान शिखर बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन वक्तव्य

जी20

भाषण और हस्तक्षेप

भाषणों का मूलपाठ

जी20 द्विपक्षीय/रीट्रीट्स

ऑस्ट्रेलिया

क्वींसलैंड यूनीवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलॉजी

ब्रिस्बेन और मेलबॉर्न में ऑस्ट्रेलियाई उद्योगपतियों को संबोधन

टोनी एबॉट के साथ बैठक

ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक

ऑस्ट्रेलियाई संसद में संबोधन

भारतीय समुदाय का कार्यक्रम

युद्ध स्मारक

प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के वीडियो

फिजी

स्वागत समारोह

संसद में संबोधन

विश्वविद्यालय में संबोधन

प्रधानमंत्री की फिजी यात्रा के वीडियो

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Kind Words from Honorable Justice Krishna Iyer, former Judge of the Supreme Court
March 19, 2020

Dear Friends,

"Work without expecting the fruits of action"- this message of the Bhagavada Gita is strongly engrained in all of us. At times, even such deeply dedicated lives get inspired when touched by emotions. Amidst the glitter of fame and name flows incessantly a stream of sentiments but it is like river Saraswati just felt underneath. The sweet sounds of these streams find their ways and shake you to the core occasionally.

Sometime back I had been to Kerala where I paid an informal courtesy to one of India’s most renowned judges, Honorable Justice Krishna Iyer (Former Judge, Supreme Court). In a simple house, he sat in a room lit with sunrays peeping through the windows in the midst of heaps of books. It was truly an honour to meet the 90-year old Justice Iyer, whose persona epitomized politeness, kindness and a deep sense of affection! This meeting will be edged in my memory forever.

Friends, the whole of Gujarat is familiar with my passion for girl child education. Everybody has enjoyed the fruits of the Kanya Kelavani initiative across Gujarat! Details about the initiative could be found here (Kanya Kelavani).

I am writing this today to share with you an inspiring letter I received from Justice Iyer a few months ago in which he lauded our efforts for girl child education. The letter is sure to bring great joy to your heart as it did to mine. Joy and enthusiasm are best enjoyed when shared and this collective enthusiasm can further strengthen us to work better.

(His letter and my reply can be viewed here)

Letter 1 :- Honorable Justice Iyer’s letter to Shri Narendra Modi

Letter 2 :- Shri Narendra Modi’s reply to Honorable Justice Krishna Iyer