""Three things are important for the shram-yogi: self reliance (swavalamban), self independence (swashray) and self-dignity (swabhimaan).""
"“श्रमयोगी के लिए तीन बातें महत्वपूर्ण हैः स्वावलंबन, स्वश्रेय और स्वाभिमान”"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में गुजरात सरकार की 11 नई गरीब हितकारी पहलों-स्वावलंबन अभियान का आज शुभारंभ किया। इस अवसर पर एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में 17 सितंबर विश्वकर्मा दिवस के तौर पर मनाया जाता है और विश्वकर्मा सभी श्रमयोगियों के लिए पूजनीय रहे हैं। राज्य सरकार को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि राज्य सरकार ने ‘स्वावलंबन’ पहलों की शुरूआत के लिए आज का दिन चुना।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रमयोगी के लिए तीन बातें महत्वपूर्ण हैः स्वावलंबन, स्वश्रेय और स्वाभिमान। उन्होंने कहा कि कोई भी “श्रमयोगी” निर्भर रहना पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने श्रमयोगियों, खासतौर पर महिलाओं और युवाओं के लाभ के लिए इन गरीब हितकारी पहलों की शुरूआत की है, ताकि वे गरीबी से लड़ने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि इसे “श्रमेव जयते” की भावना के साथ अपनाना चाहिए।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में महिलाएं पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में आगे हैं। उन्हें इस योजना के माध्यम से लाभांवित और सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईटीआई सरल कौशल विकास पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि छात्र अपने कौशल और योग्यताओं को सामने ला सकें।

श्री मोदी ने कहा कि मां-वात्सल्य योजना की स्वावलंबन पहल के माध्यम से नया मध्यम वर्ग भी सुरक्षा प्राप्त करेगा।

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इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली, गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल और कई राज्यमंत्री भी उपस्थित थे।