प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के अपने मंगोलिया दौरे का वर्णन करते हुए लिखा - “मैं मंगोलिया का दौरा करके आनंदित हूँ। मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक एवं विशिष्ट रही जो मंगोलिया के साथ भारत के संबंधों को एक नई ऊँचाईयों तक ले जाएगी।” भारतीय प्रधानमंत्री की अपने आध्यात्मिक पड़ोसी देश की एक दिवसीय यात्रा से दोनों देशों के बीच साझेदारी और सहयोग के व्यापक अवसर बने हैं।

यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी क्योंकि श्री नरेन्द्र मोदी मंगोलिया की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति श्री एल्बेग्दोर्ज के साथ मुलाकात की और भारत-मंगोलिया संबंधों को मजबूत बनाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच मित्रता का एक नया आयाम स्थापित हुआ है। प्रधानमंत्री ने उन्हें मंगोलों के इतिहास पर 13वीं सदी की एक दुर्लभ पांडुलिपि की विशेष रूप से पु‍ननिर्मित प्रतिकृति उपहारस्‍वरूप दी। मंगोलिया के राष्ट्रपति ने भी श्री मोदी को एक विशेष उपहार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री सैखनबिलेग की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाये रखने और इसे समृद्ध बनाने के लिए कई समझौते हुए। इन समझौतों में आर्थिक संबंध, विकास में भागीदारी, सुरक्षा एवं दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी सहभागिता आदि चीजें शामिल थी। भारत ने एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए मंगोलिया को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक अभिन्न अंग बताया।

मंगोलिया में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ ने योग एवं सामुदायिक समारोह का आयोजन किया। गंदन मठ की यात्रा के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने हम्बा लामा को बोधि वृक्ष का एक छोटा पौधा उपहारस्वरूप दिया। मिनी नादम महोत्सव से मंगोलिया के साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को प्रोत्साहन मिला।

 

At the Gandan Monastery. Presented a Bodhi Tree Sapling to Hamba Lama. #Mongolia #Buddhism #Monastery

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ग्रेट खुराल (मंगोलिया की संसद) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आगे आने वाले समय में भारत-मंगोलिया संबंधों में नए आयाम जुड़ेंगे। श्री नरेन्द्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी आईटी प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला रखी। इससे दोनों देशों के बीच भागीदारी के एक नए युग की शुरुआत हुई है।

Thus, the Mongolia visit was truly special and pathbreaking.