"PM calls upon the Indian diaspora across the world to unite as a positive global force in the cause of humanity"
"प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से मानवता के हित में सकारात्‍मक वैश्विक ताकत के रूप में एकजुट होने का आह्वान किया"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज प्रवासी भारतीय समुदाय से मानवता के हित में सकारात्‍मक वैश्विक ताकत के तौर पर एकजुट होने का आह्वान किया। गांधीनगर के महात्‍मा मंदिर में प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान स्‍मरण करते हुए कहा कि ठीक 100 वर्ष पहले एक प्रवासी - गांधी भारत आए और आज 100 साल के बाद सभी प्रवासी भारतीयों का एक प्रवासी गुजराती स्वागत करता है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 200 से अधिक देशों में प्रवासी भारतीय बसे हुए हैं और प्रवासी भारतीयों के माध्यम से ही भारत वैश्विक बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भारतीयों ने अवसरों की खोज या ज्ञान और जानकारी हासिल करने के लिए विदेश यात्राएं की थीं। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा – ‘आज आपके लिए यह संकेत है कि भारत में असीम अवसर उपलब्‍ध हैं।’ उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व, भारत को उम्‍मीद भरी नजरों से देखता है, समय तेजी से बदल रहा है और भारत बड़ी मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत के विकास में ज्ञान, दक्षता या कौशल सहित किसी भी संभावित तरीके से अपना योगदान करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने गंगा नदी को स्‍वच्‍छ बनाने और इसे भारत की 40 फीसदी आबादी के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का स्रोत बनाने के लिए विशेष रूप से 'नमामि गंगे' परियोजना का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि मुझे यह विश्‍वास है कि सभी प्रवासी भारतीय इसमें योगदान के लिए प्रेरित होंगे।

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प्रधानमंत्री ने गुयाना, दक्षिण अफ्रीका और मॉरीशस से आये गणमान्‍य व्‍यक्तियों का स्‍वागत किया। उन्‍होंने बताया कि गुयाना में किस तरह से होली और दीपावली जैसे भारतीय त्‍यौहार हर्षोल्‍लास से मनाये जाते हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि आज 8 जनवरी के दिन ही दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकी राष्‍ट्रीय कांग्रेस की स्‍थापना हुई थी। उन्‍होंने यह उल्‍लेख किया कि मॉरीशस में 2 अक्‍टूबर को महात्‍मा गांधी की जयंती भारत से भी कहीं ज्‍यादा उत्‍साह से मनायी जाती है।

प्रधानमंत्री ने विश्व में रह रहे प्रवासी भारतीयों से आगे बढ़ने, अपनी समान पहचान और विरासत पर गर्व करने तथा इस सामर्थ्य का सामूहिक रूप से इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर विश्व के किसी भी कोने में एक भी प्रवासी भारतीय मौजूद है तो भारत जीवंत है और उसके जरिए विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि पदभार संभालने के बाद वह 50 देशों के प्रतिनिधियों से मिले हैं और वह यह बात पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि विश्व के सभी देश चाहे वे अमीर हों या गरीब, आज यह महसूस करते हैं कि भारत के साथ भागीदारी करके ही वे अपने उद्देश्य और लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्लभ अवसर है और यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि वह इस अवसर का मानवता और भारत के लाभ के लिए इस्तेमाल करे।

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श्री मोदी ने कहा कि पूरा विश्व भारत के साथ अपना लगाव दिखा रहा है और यह इस बात से साबित होता है कि संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के भारतीय प्रस्ताव पर 193 देशों में से 177 देशों ने अपनी सहमति व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय, भारत के लिए एक बड़ी ताकत हैं और उन लोगों तक पहुंच कर भारत विश्‍व स्‍तर पर अपना प्रभाव डाल सकता है। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने प्रवासी भारतीयों के साथ किए गए सभी वायदों को पूरा किया है। इनमें भारतीय मूल के कार्डधारकों के लिए आजीवन वीजा, पीआईओ और ओसीआई योजनाओं का विलय, 43 देशों के नागरिकों के लिए आगमन पर तत्काल वीजा और यात्रा संबंधी इलेक्ट्रॉनिक प्राधिकार पत्र शामिल हैं।

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