''बाबा साहेब अंबेडकर के बिना नरेन्द्र मोदी कहां होते''

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भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि अपने जीवनकाल में डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक छुआछूत का और अपनी मृत्यु के बाद राजनीतिक अस्पृश्यता का सामना किया। डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर मानवता की सेवा करते रहे और खासतौर से समाज के अधिकारहीन और दलितों के लिए आशा की किरण बने रहे।

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प्रधानमंत्री ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत के संविधान में दुर्भावना का ऐसा कोई निशान या संकेत नहीं मिलता, जिसके बाबा साहेब निर्माता थे, जबकि उन्होंने अपने जीवन के प्रत्येक कदम पर अत्यधिक दुर्व्यवहार झेला। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने महान संवैधानिक संस्थाओं जैसे निर्वाचन आयोग और वित्त आयोग का गठन किया, जिनमें पूरे देश का आज भी अत्यधिक विश्वास और आस्था है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बाबा साहेब ने समाज को एकजुट किया, और भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवता को दिए गए उनके जबरदस्त योगदान को पूरा विश्व पहचाने। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब समता और ममता के प्रतिनिधि थे जिससे समरसता आयी।

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इस बात का जिक्र करते हुए कि इस परियोजना की कल्पना 20 वर्ष से भी अधिक समय पहले 1992 में की गई थी, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का दुःख है कि इस परियोजना की शुरुआत में इतनी देरी हुई। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने इस कार्य को 20 महीने के भीतर पूरा करने का संकल्प किया है। उन्होंने सम्बद्ध विभागों से आग्रह किया कि वे निर्माण में विश्वस्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित करें।

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