प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्पष्ट तौर पर कहा कि भारतीय रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। वह वाराणसी में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के विस्तारीकरण के शुभारंभ पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य निजी निवेश की सहायता से रेलवे को आधुनिक और विकसित बनाना है। इस कार्य के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह गरीबों का धन है और इसका उपयोग उनकी आधारभूत जरूरतों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी निवेश का इस्तेमाल रेलवे को आधुनिक और सेवा केंद्रित बनाने के लिए किया जाएगा ताकि यह राष्ट्र के विकास में बढ़चढ़ कर योगदान दे सके।
श्री मोदी ने कहा कि रेलवे को उचित और प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चार रेल विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे को केवल परिवहन के एक साधन के रूप में ही नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण आधार भी साबित हो सकती है। श्री मोदी ने रेल कर्मचारियों से सर्वश्रेष्ठ सेवाएं सुनिश्चित करने में योगदान देने का भी अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले उच्च क्षमता वाले नए डीजल लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इसे देश की विकसित स्वदेशी क्षमताओं का एक उदाहरण बताया और इसे अपने ‘मेक इन इंडिया’ विजन की मिसाल कहा। इस अवसर पर श्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ नारे को याद करते हुए कहा कि इस नारे ने किसानों को अपने देश को खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘मेक इन इंडिया’ विजन भी हम सबको अपनी सभी जरूरतें पूरी करते हुए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के डाक और रेल नेटवर्क के बूते ग्रामीण विकास को नई गति प्रदान की जा सकती है।
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु भी उपस्थित थे।