आप कैसे हैं, न्‍यूयॉर्क….

आशा है, आप सभी अच्‍छे हैं……

नमस्‍ते। उन सभी को मेरी शुभकामनाएं, जो मुझे टीवी, लैपटॉप्‍स, टैबलेट्स और फोन पर सुन रहे हैं।

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यह एक महान शहर है। इसने पूरी दुनिया को अपने में समेट रखा है। आज, आपने दिखा दिया है कि आपको भी बाहरी दुनिया की परवाह है।

किसी बंद कांफ्रेंस हॉल में नहीं, बल्कि इस खुले सेंट्रल पार्क में, युवाओं के बीच, आप लोगों के बीच आकर मैं बेहद प्रसन्‍न हूं।

क्‍योंकि आप भविष्‍य हैं। आप जो आज करेंगे, उससे भविष्‍य तय होगा।

मुझे यहां, इस पार्क में उम्‍मीद की किरण दिखाई दे रही है। आपके बीच आकर मैं भविष्‍य के बारे में खुद को आश्‍वस्‍त महसूस कर रहा हूं…..

आप उन लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रहे हैं, जो आपकी तरह खुशकिस्‍मत नहीं हैं। यह सराहनीय कार्य है। यह पवित्र मिशन है।

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आपका उन लोगों के बारे में सोचना, जो आपसे बहुत दूर हैं। उन चेहरों के बारे में सोचना, जिन्‍हें आपने देखा तक नहीं। जिनके नाम आप नहीं जानते। जिनकी राष्‍ट्रीयता आपके लिए कोई मायने नहीं रखती।

आप अपनी सोच को कार्यान्वित करते हैं और अपना समय और ऊर्जा समर्पित करते हैं ताकि दूसरों का भविष्‍य भी संवर सके।

जो गरीबी में जिंदगी बिताते हैं, बिना शिक्षा, बिना बुनियादी स्‍वच्‍छता, बिना अवसर के और सबसे बढ़कर बिना आशा में जिंदगी बिताते हैं।

मैं आपको सलाम करता हूं। मुझे आपमें से हरेक पर गर्व है। मुझे यकीन है कि आपके परिजनों, आपके मित्रों, आपके देश को भी आप पर नाज होगा।

कुछ लोगों का मानना है प्राचीन ज्ञान से विश्‍व में बदलाव आता है। मुझे लगता है कि आदर्शवाद, नवरचना, ऊर्जा और युवाओं का कुछ कर गुजरने का जज्‍बा ज्‍यादा बलशाली है।

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मुझे उम्‍मीद है कि भारत में भी, 80 करोड़ युवा हमारे राष्‍ट्र को बदलने के लिए एकजुट हो रहे हैं।

हरेक आंख में उम्‍मीद की रो‍शनी भरने और हरेक दिल में विश्‍वास जगाने के लिए लोगों को गरीबी की दलदल से निकालना होगा। सभी को साफ पानी और स्‍वच्‍छता उपलब्‍ध करानी होगी। सभी को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं उपलब्‍ध करानी होंगी। हर सिर पर छत उपलब्‍ध करानी होगी।

मैं जानता हूं, यह मुमकिन है……

क्‍योंकि मैं भारत में उद्देश्‍य, ऊर्जा और इच्‍छा की नई भावना महसूस कर रहा हूं।

क्‍योंकि भारत का युवा यह देख सकता है कि आप उनसे हाथ मिला रहे हैं।

क्‍योंकि मुझे यकीन है कि हम एक जैसे भविष्‍य के लिए, एक स्‍वर में बोल सकते हैं….

इसीलिये मैं यहां हूं

क्‍योंकि मुझे आप पर भरोसा है….

आखिर में, मैं संस्‍कृत की कुछ पंक्तियां कहूंगा, जिनसे मुझे प्रेरणा मिलती हैं :

सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

मुझे यहां बुलाने के लिए फिर से धन्‍यवाद

विशेष रूप से हग जैकमैन का आभार ईश्‍वर आपका कल्‍याण करें।

आप सामर्थ्यवान बनें....

— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2014

— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2014