क्‍योतो के शाही अतिथि गृह की भव्‍यता के बीच प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने मेजबान जापान के प्रधानमंत्री श्री आबे के साथ डेढ घंटे से अधिक समय तक भोज की मेज पर परंपरागत जापानी भोज के साथ मैत्रीपूर्ण वार्ता के लिए बैठे। दोनों नेताओं ने पारस्‍परिक सम्‍मान और प्रशंसा के साथ विभिन्‍न विषयों पर बातचीत की।

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दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच प्राचीन सांस्‍कृतिक तथा धार्मिक संपर्कों पर भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की जापान की पुरानी राजधानी तथा प्रमुख बौद्ध मत केंद्र क्‍योतो की यात्रा से भारत-जापान संबंधों की अध्‍यात्‍मिक आधार के आकर्षण को समझा। दोनों नेता कल सवेरे भारत-जापान के सांस्‍कृतिक धार्मिक संबंधों के प्रतीक तोजी मंदिर दर्शन के लिए उत्‍सुक दिखे। इससे पहले शाम को दोनों नेताओं की मौजूदगी में वाराणसी-क्‍योतो समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए। यह समझौता समान विरासत के बल पर समकालीन चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों के मिलकर काम करने का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कल सवेरे क्‍योतो में आईपीएस सेल अनुसंधान केंद्र की अपनी यात्रा का जिक्र किया। श्री मोदी की अनुसंधान केंद्र की यह यात्रा भारत की स्‍वास्‍थ्‍य चुनौतियों का स्‍टेम सेल अनुसंधान के जरिए आधुनिक समाधान निकालने की उनकी इच्‍छा का हिस्‍सा है।

प्रधानमंत्री श्री आबे ने भारत-जापान तथा क्षेत्र के लिए भारत-जापान संबंधों के बारे में उत्‍साह और ढृढता के साथ अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जापान को भारत का एक घनिष्‍ठ तथा महत्‍वपूर्ण साझेदार बताया तथा जापान की प्रशंसा की। उन्‍होंने भारत-जापान संबंधों के प्रति आशा भी व्‍यक्‍त की।

दोनों नेताओं ने आर्थिक मसलों तथा मजबूत राजनीतिक जनादेश के बल पर अर्थव्‍यवस्‍थाओं में नई गति और ऊर्जा प्रदान करने के अवसरों पर भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत-जापान आर्थिक साझेदारी के लिए मजबूत भविष्‍य के प्रति आशा व्‍यक्‍त की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान के संबंध अब तक क्षमता से कम रहे हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि दोनों पक्ष अगले 5 वर्षों में पिछले 5 दशकों में उपयोग न की गई क्षमता को हासिल करेंगे।

प्रधानमंत्री आबे ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्‍व में भारत का आर्थिक बदलाव मजबूत गति पकड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक रूप से उभरता हुआ भारत क्षेत्र तथा विश्‍व के लिए महान रणनीतिक महत्‍व का होगा और इससे पूरी दुनिया की लोकतांत्रिक शक्‍तियों को प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत जापान के बीच मजबूत साझेदारी न केवल दोनों देशों के आर्थिक लाभ के लिए है बल्‍कि यह क्षेत्र तथा विश्‍व के लिए अच्‍छी शक्‍ति होगी।

दोनों नेताओं ने क्षेत्र तथा विश्‍व की घटनाओं पर खुले और व्‍यापक रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने एशिया तथा विश्‍व में शांति, स्‍थायित्‍व तथा समृद्धि के लिए मिलकर काम करने के अवसरों पर समान विचार व्‍यक्‍त किए।

प्रधानमंत्री श्री मोदी क्‍योतो में जापान के प्रधानमंत्री की मेजबानी से अभिभूत हुए। दोनों नेता तोक्‍यो में बातचीत जारी रखने के प्रति आशांवित हैं।