21 जून को सिर्फ़ दिल्ली का राजपथ ‘योगपथ’ नहीं बना था बल्कि वाराणसी में भी बड़ी संख्या में लोगों ने योग दिवस में भाग लिया था। गंगा घाटों से लेकर छोटी-छोटी गलियों तक, सामुदायिक केंद्रों से लेकर पार्कों तक लोगों ने कालीन बिछाकर विभिन्न तरह के आसन किये और पहले योग दिवस को जबर्दस्त रूप से सफल बनाया। हजारों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में इकट्ठे हुए और जन समूह में योग का प्रदर्शन किया। इस दिन लोगों का उत्साह देखने लायक था।
विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में योग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं एवं कालोनियों में विशेष शिविर लगाये गए। वाराणसी के कस्बों और गांवों में बच्चों, युवाओं और यहां तक कि महिलाओं ने भी योग दिवस के इस समारोह में बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
बड़ी संख्या में छात्रों ने भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में इसका एक सुखद नजारा देखने को मिला। छात्रों, शिक्षकों और यहां तक कि अधिकारियों ने भी बड़े पैमाने पर योग प्रदर्शन में भाग लिया। दो हजार से अधिक कैडेटों ने योग-गुरु के मार्गदर्शन में योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंगीकृत गांव जयापुर में भी भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे। लोगों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह पांच बजे से ही लोग वहां इकठ्ठा होने लगे थे। सामाजिक संस्थाओं ने ग्रामीणों के लिए शिविर लगाए हुए थे। उन्होंने गांव के पंचायत भवन में विभिन्न आसनों का अभ्यास किया।
सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र ने अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वाराणसी में योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। योग के इस भव्य आयोजन में स्वयंसेवक भी शामिल हुए थे। विभिन्न सरकारी कार्यालयों और परिसरों में विशेष व्यवस्था की गई थी। लोगों ने एक साथ समूह में योग किया और पहले योग दिवस को व्यापक स्तर पर सफल बनाया।
विश्व योग दिवस 2015 पर भारत माता मंदिर, वाराणसी में pic.twitter.com/BtldoGGAhQ
— Kalraj Mishra (@KalrajMishra) June 21, 2015
काशी में स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय भागीदार तेमसुतुला इमसोंग ने बबुआ घाट पर अन्य स्वयंसेवकों और युवाओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया।
We are here at Babua Pandey ghat .. celebrating #Yogaday :) #MissionPrabhughat #InternationalDayofYoga ..nice weather pic.twitter.com/rfD5i2K9Ve
— Temsutula Imsong (@temsutulaimsong) June 21, 2015
श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन ने भी वाराणसी में योग शिविर का आयोजन किया।
#YogaNewDimension at Varanasi Cantonment @anoop_garg #InternationalDayofYoga pic.twitter.com/7b1FcwdPr4
— ArtofLivingABC (@ArtofLivingABC) June 21, 2015
11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि विश्व मंच पर 177 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था। योग को विश्वभर में पहचान मिली और यह विश्व को भारत की एक बहुत बड़ी देन है।
काशी भारत के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है। यहाँ का गंगा घाट और अन्य धार्मिक आकर्षण तो विख्यात है ही लेकिन प्राचीन काल से ही योग भी काशी (वाराणसी) के लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग रहा है। पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरा वाराणसी एकजुट था। सभी क्षेत्रों के लोगों ने सुबह में भारी संख्या में योगासन किया। वाराणसी में युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे, सामाजिक संगठन, सरकारी अधिकारी, सभी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।