संयुक्त राष्ट्र का आज 71वां स्थापना दिवस है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र को दो बार संबोधित कर चुके हैं। अपने दोनों बार के भाषण में प्रधानमंत्री ने विश्व के लिए एक दीर्घकालीन विकास की अवधारणा पर जोर दिया। यूएन में अपने 2014 के भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा था कि विकास के एजेंडें में हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम सभी ‘चिरस्थायी विश्‍व’की कामना के साथ काम करें। वहीं 2015 के अपने यूएन भाषण में श्री मोदी ने कहा था कि गरीबी उन्मूलन तब तक संभव नहीं जब तक विकास दीर्घकालिक ना हो।

ग्लोबल विलेज की अवधारणा पर श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में वेदकाल से ही वसुधैव कुंटुम्‍बकम की परंपरा रही है। प्रकृति के साथ संवाद भारत के जीवन का हिस्‍सा रहा है।

2015 में संयुक्त राष्ट्र में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम उस भावी विश्व के लिए भी चिंता करें जिसे हम देख नहीं पाएंगे। तभी हम संयुक्त राष्ट्र के 2030 के एजेंडें को हासिल कर पाएंगे।