दिल्ली-मुम्बई को जिस दर पर गैस दिया जा रहा है उसी दर पर गुजरात को मिले तो राज्य सरकार तत्काल 30

प्रतिशत सस्ती दर पर गैस देने को तैयार: सौरभ पटेल 

दिल्ली, मुम्बई से ज्यादा महंगा गैस देकर केन्द्र सरकार गुजरात के साथ अन्याय कर रही है: अरुण जेटली

घरेलु गैस उपभोगकर्ताओं को महंगे गैस का मसला संसद में उठाया जाएगा .......................

अहमदाबाद,सोमवार: राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केन्द्र सरकार जिस दर पर दिल्ली और मुम्बई को घरेलु गैस देती है उसी दर पर अहमदाबाद को नहीं देती यह हकीकत है। केन्द्र सरकार इस मामले में अहमदाबाद-गुजरात के साथ अन्याय कर रही है जिसे संसद में उठाया जाएगा।

आज अहमदाबाद में श्री जेटली ने पत्रकार परिषद में कहा कि गुजरात लगातार केन्द्र में इस सम्बन्ध में आवाज उठा रही है मगर केन्द्र के भेदभावयुक्त रवैये के कारण ही गुजरात की जनता को महंगा गैस मिल रहा है और गुजरात की जनता पिस रही है।

रविवार को केन्द्रीय राज्यमंत्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह द्वारा अहमदाबाद में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री जेटली ने कहा कि केन्द्र में एम्पावर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स नीतियां बनाता है और उसी के आधार पर केन्द्र सरकार के संस्थानों, रिफाईनरीज और उद्योगों को गैस का आवंटन किया जाता है। इस मामले में हमने कभी आपत्ति नहीं जताई मगर घरेलु उपभोगकर्ताओं को जिस भाव और जिस फार्मुले से दिल्ली- मुम्बई को गैस मिलता है उसी आधार पर अहमदाबाद को क्यों नहीं ? इस अन्याय का हम विरोध कर रहे हैं।

श्री जेटली ने कहा कि वास्तव में तो केन्द्रीय मंत्री ने अहमदाबाद आकर गुजरात की जनता को गुमराह करने का पाप किया है। गैस के मामले में गुजरात के साथ जो अन्याय हो रहा है उसे संसद में भी उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के संस्थानों और रिफाइनरियों को दिया जाने वाला गैस भी केन्द्र सरकार गुजरात के कोटे में गिन लेती है। राज्य सरकार द्वारा बार बार इस बात की शिकायत किए जाने के बावजूद केन्द्र सरकार इस पर ध्यान नहीं देती और इसके परिणामस्वरूप गुजरात सरकार के संस्थान GSPC को महंगी दर पर गैस आयात करना पड़ता है। गुजरात हाईकोर्ट ने भी दिल्ली- मुम्बई को दिए जाने वाली दर और फार्मुले के तहत अहमदाबाद को गैस आवंटित किए जाने का निर्णय दिया है, यह निर्णय ही साबित करता है कि केन्द्र सरकार अहमदाबाद को दिल्ली- मुम्बई की दर पर गैस नहीं देती इसलिए इसी दर पर गैस देने का निर्णय तुरंत अमल में आना चाहिए।

इधर, गुजरात के ऊर्जा राज्यमंत्री सौरभभाई पटेल ने कहा कि दिल्ली- मुम्बई को जिस दर पर गैस मिल रहा है उसी दर पर गुजरात को गैस दिया जाए तो गुजरात सरकार तत्काल 30 प्रतिशत सस्ता गैस देने को तैयार है। केन्द्र सरकार बड़ी कम्पनियों को गैस देती है और देश में 95 प्रतिशत गैस का उपयोग उद्योगों द्वारा किया जाता है। गुजरात को एपीएम गैस 4.20 US DOLLER /MMBTU की दर पर मिलता है। PPL RLNG 9.14 US DOLLER /MMBTU की दर पर मिलता है और गुजरात 16.36 US DOLLER /MMBTU की दर पर अतिरिक्त खरीदी करता है जबकि दिल्ली- मुम्बई को सस्ती दर पर गैस मिलता है जो गुजरात के साथ अन्याय है।

श्री पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक ही दिल्ली- मुम्बई के 4.20 US DOLLER /MMBTU कम दर की गैस आपूर्ति के न्यायिक फैसले का अक्षरस: पालन केन्द्र सरकार को करना चाहिए और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वह गुजरात के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जा रही हो तो उसे रोका जाना चाहिए। देश की सबसे गणमान्य कम्पनी GSPC 9.6 लाख घरेलु उपभोगकर्ताओं और 4.5 लाख सीएनजी वाहनों को गैस उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है ऐसे में इस गैस ग्रिड को को रोकने के प्रयास केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।

केन्द्र सरकार की भेदभावयुक्त नीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र का एम्पावर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स पांच सदस्य मंत्री तय करे उसके अनुसार गैस का आवंटन करता है, ऐसे में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री सिंह इस मामले से अनभिज्ञ हों यह नहीं माना जा सकता। दिल्ली- मुम्बई से ऊंची दर पर अहमदाबाद को गैस देने वाली केन्द्र की कांग्रेस सरकार कई वर्षों में गुजरात की जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये डकार गई है फिर भी कांग्रेस जनता की हमदर्द होने का दिखावा कर झूठे बयानों द्वारा गुजरात की जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास करती रहती है। मगर, गुजरात की जनता ऐसे तत्वों को अच्छी तरह पहचान गई है।