महोत्सव का मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ
भ्रष्टाचार के काले धन को रोकने में ष्ट्र की भूमिका है: श्री मोदी
अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता के लिए राष्ट्रहित की भूमिका निभाने
की क्षमता अपनाने का मुख्यमंत्री का आह्वान
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की अहमदाबाद शाखा के स्वर्णिम जयंति समारोह का शुभारम्भ करते हुए कहा कि ष्ट्र की संस्था में काले धन और भ्रष्टाचार को रोकने की पूरी क्षमता है। राष्ट्रहित के सर्वोच्च दायित्व को निभाने का उन्होंने ष्ट्र प्रोफेशनल का आह्वान किया। इंस्टीट्युट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ढ्ढष्ट्रढ्ढ की अहमदाबाद शाखा में ५००० जितने सीए हैं। इस संस्था के स्वर्णिम जयंति के मौके पर मुख्यमंत्री ने फायनेंशियल मेनेजमेंट और इकॉनोमिक डिसीप्लीन विषयक ष्ट्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बतलाया।ष्ट्र-गुजरात के ५० वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश में काले धन और भ्रष्टाचार को रोकने की क्षमता ष्ट्र का यह इंस्टीट्युशन है। चार्टर्ड अकाउंटेंट की ताकत वास्तव में साकार हो तो देश की आर्थिक ताकत में काफी बड़ा परिवर्तन आ सकता है। व्यक्ति, व्यवस्था, पद्धति होती है मगर उसकी कानून और सवैंधानिक अधिकार के साथ राष्ट्रहित की भावना को सर्वोच्च मान कर ष्ट्र की संस्था वित्तीय व्यवस्थापन में पारदर्शिता ला सकती है। राष्ट्रहित के इस दायित्व को निभाने का उन्होंने ष्ट्र को आह्वान किया।
एक समय में ष्ट्र की तादाद काफी सीमित थी, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के विकास की छलांग को देखते हुए लगता है की ५० साल में ष्ट्र की संख्या १०,००० है मगर आगामी वर्षों में इसमें २५,००० का इजाफा हो जाएगा। अर्थव्यवस्था में ष्ट्र प्रोफेशनल मेनपावर की आवश्यकता बढ़ती ही रहेगी।
गुजरात का विकास नकारने की जिनकी मानसिकता है, ऐसे माहौल में भी गुजरात मतलब विकास और विकास मतलब गुजरात डंके की चोट पर स्थापित हो चुका है। गुजरात की कुल मिलाकर ११ पंचवर्षीय योजनाओं का कद दो लाख तीस हजार करोड़ था जबकि १२ वीं पंचवर्षीय योजना का क्द ही दो लाख इक्यावन हजार करोड़ है। जिनको यह फर्क नजर नहीं आता उनको क्या समझाएं ?
गुजरात में दस वर्ष में प्लान और नॉन प्लान के खर्च में कितना गुणात्मक सुधार हुआ है, इसकी भूमिका प्रस्तुत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पहले २००१ में प्लान से नॉन प्लान का खर्च दोगुना था। आज गुजरात का प्लान एक्सपेंडीचर ६५ प्रतिशत है और नॉन प्लान सिर्फ ३५ प्रतिशत है। गुजरात रेवन्यु डेफीशीट में से रेवन्यु सर्प्लस राज्य बन चुका है।
पूरे देश में कृषि विकास की ४ प्रतिशत दर निर्धारित करने के लिए २० साल से चर्चा हो रही है मगर यह ढाई प्रतिशत तक ही पहुंच सकी है। जबकि दस वर्ष में सात वर्ष अकाल में बिताने के बावजूद गुजरात की कृषि विकास दर लगातार ११ प्रतिशत रही है। गुजरात में ही २४ घंटे सात दिन बिजली होने के बावजूद गुजरात के पावर सेक्टर में घाटे में चल रही पीएसयु कम्पनियों का पुनर्गठन करके उनको आय हासिल करने वाली सर्विस सेक्टर की कम्पनियों के रूप में सक्षम बनाया गया है। देश और दुनिया में आर्थिक मन्दी का वातावरण चिंताजनक था तब गुजरात ने २००९ में वाइब्रेंट ग्लोबल समिट का आयोजन किया था और करोड़ॉ का पूंजीनिवेश हासिल किया था।गुजरात यह कर सकता है तो १२० करोड़ के भारत में ऐसा सामर्थ्य होना चाहिए कि वह पूरी दुनिया को बाजार बनाए। भारत मन्दी के समय बाजार बन जाएगा तो देश की अर्थव्यवस्था को बचाया नहीं जा सकेगा। हमारे देश में इतनी क्षमता है । इस ताकत का महत्तम उपयोग किया जाना चाहिए। देश में जीरो मेन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट के साथ उत्पादन मेड इन इंडिया को डंके की चोट पर दुनिया की बाजार को जीतने वाला बनाया जा सकेगा। पारदर्शी और असरदार प्रशासन की अनुभूति गुजरात सरकार ने करवाई है और वित्तीय व्यवस्थापन का उत्तम उदाहरण भी पेश कर रहा है।
२१ वीं सदी में १२० करोड़ देशवासियों में ६५ प्रतिशत आबादी युवा है उस देश के प्रधानमंत्री सिर्फ ५०० जितने ही स्कील डेवलपमेंट कोर्सेस चलाने की बातें करते हैं। गुजरात सरकार ने तो भारत की युवाशक्ति को चीन के साथ मुकाबले में सक्षम बनाने के लिए ९७६ जितने हुनर कौशल्य के पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। श्री मोदी ने कहा कि मिशन मंगलम जैसे गरीबी उन्मूलन और सखीमंडलों द्वारा गरीब ग्राम्य महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के नये आयामों के व्यवस्थापन के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था को अध्ययन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दस वर्ष में गुजरात की बिजली उत्पादन क्षमता ४६०० मेगावाट से बढ़कर आज २०,००० मेगावाट जितना हो गई है। नियत साफ हो और नीति पारदर्शी हो तो उपलब्धियां हासिल होगी ही। गुजरात सरकार आज भारत के प्रधानमंत्री से सेटेलाइट गुजरात के विकास विजन के लिए मांगती है औए केन्द्र की पूरी सरकार के लिए यह उलझन का मामला था जिसमे देढ़ साल निकल गया। ३६ मेगाहर्ट्ज का सेटेलाइट का ट्रांस्पोंडर गुजरात ने हासिल किया है। दस साल में लोंग डिस्टेंस एज्युकेशन एंड सर्विस में गुजरात इस सेटेलाइट टेक्नॉलोजी से कितना आगे निकल गया है होगा और इसका विकास के मामले में मार्जिन कितना है, इसका अन्दाज लगाने की उन्होंने अपील की।
गुजरात प्रथम राज्य है जिसने सोलर एनर्जी के विकास द्वारा कुदरती संसाधनों के अधिकतम उपयोग की प्रोत्साहक नीति बनाई है और केन्द्र सरकार से भी ज्यादा सोलर पावर में गुजरात अकेला ७०० मेगावाट का योगदान दे सकता है। दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के एक ही प्रोजेक्ट से गुजरात हिन्दुस्तान के लिए आर्थिक समृद्धि का प्रवेश द्वार बन जाएगा और विश्व व्यापार से गतिशील ग्लोबल सिटी बनेगा, इसके लिए सीए प्रोफेशनल्स की क्षमता बढ़ाने का श्री मोदी ने अनुरोध किया।
इस मौके पर अहमदाबाद शाखा के चेयरमेन जैनिक वकील, अनिकेत भाई, सुबोधभाई सहित भारी तादाद में सीए मौजूद थे।