कृषि महोत्सव: किसानों से श्री मोदी का विडियो कांफ्रेंस के जरिये वार्तालाप .

 गुजरात ने श्वेतक्रांति की हेट्रिक की है : मुख्यमंत्री

नई टेक्सटाइल पॉलिसी से कपास किसानों के हितों की रक्षा होगी

अहमदाबाद: मंगलवार। मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि महोत्सव के दौरान किसानों के साथ आज सान्ध्य वार्तालाप में कहा कि श्वेतक्रांति में गुजरात ने हैट्रिक की है। पहले दूध उत्पादन की क्रांति की, फिर सफेद नमक से दूसरी श्वेतक्रांति की और अब तीसरी श्वेतक्रांति दूध जैसे सफेद कपास के रिकॉर्ड उत्पादन से की की है। कपास का तीन गुना उत्पादन हुआ है। पिछली शताब्दी में कृषि क्षेत्र में जो परिणाम हासिल नहीं किए जा सके वह पिछले दस वर्ष में गुजरात ने किए हैं। इसका लाभ पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मिल रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि खेती की स्थगितता और नकारात्मक वातावरण को बदलने का काम गुजरात ने किया है। एक महिने के कृषि महोत्सव की मेहनत रंग ला रही है। दुनिया के अर्थशास्त्रियों को गुजरात की कृषिक्रांति की तासीर और कपास की खेती की प्रगति का अभ्यास करने का आह्वान करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दस वर्ष पहले २०-२२ लाख गांठ कपास उत्पादन करने वाले किसान आज १.२३ करोड़ गांठ कपास पैदा करते हैं। १६ लाख हैक्टेयर बुवाई क्षेत्र आज बढ़कर ३० लाख तक पहुंचा है। बीटी कोटन पर एक बार केन्द्र सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया था तब गुजरात सरकार ने किसानों का हाथ थामा था, जिसका परिणाम यह आया कि गुजरात में बीटी कपास ही कुल कपास उत्पादन का ८५ प्रतिशत हिस्सा है।

भारत के कपास उत्पादन में गुजरात का हिस्सा ३५ प्रतिशत है। कपास के बीमे भी मूंगफली के स्तर पर किए जाएंगे। श्री मोदी ने कहा कि दुनिया के बाजार में गुजरात का कपास बिके तो हिन्दुस्तान को विदेशी मुद्रा मिले मगर केन्द्र सरकार हर साल कपास के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा देती है इसका सबसे बड़ा नुकसान गुजरात के किसान को होता है। अब किसान जाग गए हैं कि केन्द्र किसके लाभ के लिए प्रतिबन्ध लगाती है। ऐसे निर्णयों से कपास किसानों को १४००० करोड़ का नुकसान हुआ है और गुजरात के किसानों के हित की बात केन्द्र सरकार के समक्ष उठाने में गुजरात सरकार पीछे नहीं रहेगी।

गुजरात के किसानों के लिए खेती विरोधी नीति और गुजरात विरोधी नीति छोड़कर केन्द्र सरकार गुजरात के कपास सुधारों के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस क्यों नहीं देती ? यह सवाल उठाते हुए श्री मोदी ने कहा कि बीटी कॉटन बीज महाराष्ट्र को २०० लाख पैकेट दिए लेकिन कपास का उत्पादन ६०-७० लाख गांठ ही हुआ जबकि गुजरात के एक तिहाई किसान कपास उत्पादन करते हैं फिर भी इनको सिर्फ ७० लाख कपास के बीज के पैकेट दिए गए और गुजरात के किसानों ने १.२३ लाख गांठ उत्पादन कर दिखाया।

मुख्यमंत्री ने कपास की खेती को बचाकर किसानों की रक्षा करने के लिए कपास के लिए फाइव वन फार्मूला पेश करती नई टेक्सटाइल नीति का उल्लेख किया जिसमें फार्म- टू- फाइबर-फेब्रिक टू फैशन-टू-फोरम की भूमिका प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि यह नीति किसानों के हितों की रक्षा करेगी।