आदरणीय प्रधानमंत्री जी और ताइची के माध्‍यम से एक प्रकार की आध्‍यात्मिक गतिविधि और साथ-साथ शरीर के संतुलन की गतिविधि और दूसरी तरफ योगा का नि:दर्शन…

मैं प्रधानमंत्री जी को उनके इस कार्यक्रम कल्‍पना के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। और इस जगह पसंद करने के लिए मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, क्‍योंकि ये Temple of Haven है और स्‍वर्ग प्राप्‍त करना है तो मन, बुद्धि, शरीर तीनों को संतुलन चाहिए और साथ-साथ चाहे भूमि भारत की हो या भूमि चीन की हो हमारी सांस्‍कृतिक एकता के जो बिंदु हैं, उसको खोज-खोज करके हमारे बीच भी एकता का सूत्र जितना मजबूत होगा, उतनी ये जो Haven की कल्‍पना है मानवजात के लिए साकार होगी।

योग, तन, मन और बुद्धि तीनों को संतुलित रखने की कला है और आज जब विश्‍व मानिसक तनाव से गुजर रहा है, Frustration ये हर पीढ़ी का जैसे शब्‍द बन गया है। दुनिया के हर भू-भाग की चिंता का विषय बना है तो उस समस्‍या से मुक्ति का मार्ग है योग। पिछले सितंबर में United Nation में जब मैंने अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस के संबंध में प्रस्‍ताव रखा दुनिया के 177 देश Co-sponsor बनें। China भारत के साथ Co-sponsor बना इस प्रकार के Regulation के यूरेन के इतिहास में सर्वाधिक देशों को समर्थन मिला हो और कम से कम दिवस में पारित हुआ हो तो ये है अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस 21 जून को जो पूरा विश्‍व बनाने वाला है।

ये कैसा अद्भूत संयोग है कि Temple of Haven के चौक में, चीनी मूल के बालक योगा कर रहे हैं और भारतीय मूल के बालक ताइची कर रहे हैं। ये अपने आप में सांस्‍कृतिक विरासत को जोड़ने का अद्भूत माध्‍य हमें मिला है। इसे हमें आगे बढ़ाना है। योग से रोग मुक्ति भी होती है, योग से भोग मुक्ति भी होती है। और इसलिए संकट की घड़ी से गुजर रहा मानव मन विश्‍व के किसी भी कोने में क्‍यों न हो उसको एक नया जीवन देने का सहारा है चाहे वो ताइची हो, या योग हो।

21 जून को पूरा विश्‍व योग को सही अर्थ में समझेगा और Holistic Care की जो आज दुनिया में आवश्‍यकता है ये सहज अवस्‍था प्राप्‍त करके किया जा सकता है।

मैं फिर एक बार प्रधानमंत्री जी ह्रदय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं इस कार्यक्रम की रचना के लिए।