उपस्थित सभी महानुभावों

मैं जब न्‍यूयॉर्क गया था, उस समय GE के लोग मुझे मिले थे, उन्‍होंने आग्रह किया था कि पुणे में हमारी यूनिट का Expansion हुआ है। आप आइए, आज वैसे भी मुझे महाराष्‍ट्र आना था तो मैंने कहा कि ठीक है मैं आता हूं और देखना चाहता हूं। मैंने आज State of art facility Manufacturing sector में कैसी हो सकती है, आधुनिक Industrial infrastructure कैसा हो सकता है, आधुनिक Technology का कैसा दौर हो सकता है, उसे आज मैंने प्रत्‍यक्ष रूप से देखा है। मैं GE को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्‍होंने अमेरिका के बाद भारत में यह सबसे बड़ा Project प्रारंभ किया है और आज उन्‍होंने और अधिक आगे बढ़ने की घोषणा भी की है। Make in India के हमारे Mission में आज यह घोषणा अवश्‍य ही एक नई ताकत के रूप में उभरेगी।

मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं कि विकास के क्षेत्र में भारत के नौजवानों को रोजगार देने के क्षेत्र में, औद्योगिक विकास के क्षेत्र में मेरा सबको निमंत्रण है कि आइए भारत में विकास की आपार संभावना है और भारत के विकास में आपका विकास भी जुड़ा हुआ है और आज Global Economy के जमाने में Competitive World के जमाने में, मैं दुनिया के उद्योगकारों को विश्‍वास दिलाता हूं कि भारत एक ऐसी उर्वरा भूमि है। यहां एक ऐसा Talented Youth है कि आप यहां का Manufacturing competitive world के अंदर पूरी ताकत के साथ आप खड़े रह सकते हैं, आगे बढ़ सकते हैं और अधिक आगे-आगे बढ़ने की संभावनाओं का वहां पर शिलान्‍यास कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं इस देश में पड़ी हुई हैं।

पिछले दिनों पूरे विश्‍व में भारत की तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास की चर्चा हुई है। हम लम्‍बे अर्से से सुनते थे कि 21वीं सदी एशिया की सदी है, लेकिन बाद में सुई हिंदुस्‍तान तक पहुंचती नहीं थी। कहीं-न-कहीं इधर-उधर अटक जाती थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक जो निर्णय हुए हैं, जो Initiative लिए गए हैं। जिस Priority के साथ ,जिस Vision के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज दुनिया जो “21वीं सदी एशिया की सदी” सोच रही है, अब उनकी सुई हिंदुस्‍तान की तरफ मुड़ चुकी है। और मुझे विश्‍वास है 21वीं सदी एशिया की सदी हो। उसमें भारत की अहम भूमिका होगी, यह मैं साफ देख रहा हूं। Manufacturing Sector में हम और अधिक आगे बढ़ना चाहते हैं। अभी-अभी भारत के GDP के जो figures आए हैं, 7.4% और दुनिया के गणमान्‍य आर्थिक जगत के लोगों ने लिखा है कि आज विश्‍व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली कोई Economy है तो वो Economy हिंदुस्‍तान की है। इसको हमें और आगे बढ़ाना है, इसको हमें sustain करना है और उसको करने के लिए हम तीनों क्षेत्रों पर बल दे रहे हैं – Manufacturing, Agriculture and Service sector.

Manufacturing में भारत में आपार संभावनाएं पड़ी हुई है। हमारे पास Demographic Dividend है। 65% Population 35 से नीचे की Age Group की है। जिस देश के पास इतना युवाधन हो, वो देश हिंदुस्‍तान को धनवान बनाने में कभी भी पीछे नहीं रह सकता है, यह ताकत हिंदुस्‍तान के युवाधन में है और मैं यह देख रहा हूं अगर विश्‍व के धन को भारत में आकर्षित करना है तो भारत का युवाधन एक बहुत बड़ी Magnetic Power को लेकर बैठा है। हमारी युवाधन की Magnetic Power विश्‍व के धन को भारत में खींचने के लिए पूरी सार्मथ्यवान है और इसलिए विकास के केंद्र बिंदु में हमने हमारे देश के युवा को रखा है। Job creation हो, Job creation के लिए Human Resource Development हो, Resource Development में skill Development में बल दिया जाए और Skill development के लिए सरकार ने पहली बार एक अलग मंत्रालय बनाया है, जो पूरी तरह भारत की युवाशक्ति के Skill development पर बल देगा और मैं मानता हूं कि भारत का Skilled Manpower पूरे विश्‍व को आकर्षित करने की एक बहुत बड़ी ताकत रख सकती है। हमारे पास Talent है और मैं मानता हूं कि भारत के नौजवानों के पास वो Talent है जो दुनिया की Technology को आकर्षित करने की ताकत रखते हैं। दुनिया इस बात को जानकार हैरान हो गई कि एक Hollywood की फिल्‍म बनाने में जितना खर्चा लगता है, उससे कम खर्चें में हिंदुस्‍तान के युवा Talent ने Mars Orbit पर हमारा मंगलयान भेजा। Hollywood फिल्‍म से भी कम खर्चे में, दुनिया यह जानकार के हैरान हो गई और यह हमारे talent के नतीजे हैं। इस Talent के आधार पर हम विश्‍व को.... इस Talent और उनकी Technology, इन दोनों का मिलन हो जाए तो भिन्‍न-भिन्‍न Situation बनेगी और हम नए miracle को प्राप्‍त कर सकते हैं और उस दिशा में हम बल देना चाहते हैं।

कभी-कभार शासन के निर्णय जब स्‍पष्‍ट होते हैं और दुनिया में कोई भी व्‍यक्ति भरोसा कर सकता है, predicable हो तो विश्‍वास करेगा। हमारी कोशिश रही है कि हमारी व्‍यवस्‍थाओं के संबंध में, हमारे कानूनों के संबंध में, हमारी योजनाओं के संबंध में predictability होनी चाहिए। तब जाकर कोई भी भरोसा करेगा कि, हां भई हिंदुस्‍तान के पास सब है, यहाँ अब सरकार की सुविधाएं हैं, हम पहुंचेंगे। पिछले दिनों में Make In India के तहत काफी कदम उठाए गए हैं। अभी देवेंद्र जी बता रहे थे कि Business के लिए अकेले महाराष्‍ट्र ने जो initiative लिए हैं। हिंदुस्‍तान के कई राज्‍यों को वो प्रेरणा देने वाले हैं। एक समय था Maharashtra Industrial development corporation (MIDC) जो यहां की सरकार की व्‍यवस्‍था है, लेकिन bureaucracy इस प्रकार से वहां छाई हुई थी। सरकारी कानून, नियम इस प्रकार से कब्‍जा लेकर के बैठे हुए थे कि सरकारी व्‍यवस्‍था में भी किसी को उद्योग लगाना था तो 70-80 permission के लिए दो-दो, चार-चार साल तक उनको भटकना पड़ता था। देवेंद्र जी ने आकर के उस permission की प्रक्रिया को 70-80 से कम करके 30-35 पर ला दिया है और वो मुझे कह रहे थे कि मैं इसे और भी कम करने वाला हूं।

अभी President ओबामा जब आए थे, तो हिंदुस्‍तान के और अमेरिका के CEO की एक मिटिंग थी। हिंदुस्‍तान के Tourism को बढ़ावा मिले हम करना चाहते हैं, लेकिन अगर एक होटल बनाना है तो एक सौ दस से ज्‍यादा हमें permission लेनी पड़ती है। 110 से ज्‍यादा सरकारी दफ्तरों में हमें चक्‍कर काटने पड़ते हैं। एक permission लेने में अगर एक महीना लग जाए तो एक सौ दस महीने तो हमारे कागज़ ही घूमते रहते हैं। और तब हमारी Construction cost अनेक गुणा बढ़ जाती है और जब जाकर हमने जो project के लिए सोचा होता है वो viable रहता है। कम से कम इसके लिए तो कुछ सोचिए। यह सुनने के बाद मैंने संबंधित लोगों से बात की और मुझे आज खुशी है कि देवेंद्र जी मुझे आज बता रहे थे कि Hospitality industry के लिए जो 110-120 permission थी उसको कम करके हम 20 पर ले आ रहे हैं। Good Governance, यह development की गारंटी होता है, Is of doing business किसी को भी आगे बढ़ने के लिए अवसर देता है और भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए हम उस पर बल देना चाहते हैं। आने वाले दिनों में औद्यागिक विकास में हम नई ऊंचाईयों को पार करे।

GE के मित्र मैं अभी उनको देख रहा था और मैंने उनसे कहा कि हमारे यहां विकास की कल्‍पना जल, थल और नभ तीनों को लेकर के होती है। हमने कहा आप थल में तो हैं नभ में भी है, लेकिन जल में नजर नहीं आ रहे हैं। भारत में Shipbuilding industry की बहुत बड़ी संभावना है। इतना समुद्री तट है। Steel manufacturing होता है। विपुल मात्रा में skilled Manpower है। अगर हम shipping के Engine बनाने की दिशा में अगर तेज गति से आगे बढ़ते हैं तो shipbuilding की भी संभावनाएं बढ़ती है और हमारे समुद्र तट के सभी राज्‍यों के नौजवानों को रोजगार की नई ताकत मिलती है और दूसरा मैंने इनसे कहा है कि आप यहां पर components बनाते हैं, parts बनाने हैं और Final Product बाहर बनता है और भारत Defense के क्षेत्र में बहुत बड़ी ताकत से आगे बढ़ना चाहता है। Defense manufacturing की बहुत संभावनाएं हैं हमारे यहां। भारत स्‍वयं में अपने आप में एक बहुत बड़ा Buyer है लेकिन same time third worlds country को हम बहुत कम दाम में Defense equipment export कर सकते हैं। यह जो संभावनाएं हैं उसको लेकर के भारत सरकार ने initiative लिया है। Defense manufacturing में 49% FdI के लिए हमने निर्णय किया है। GE के पास वो संभावनाएं हैं, वो उसमें आगे आएं और भी Defense के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को लाना चाहते हैं।

पुणे एक प्रकार से education का भी Hub बना हुआ है। वहां के engineering college में Defense Engineering के courses शुरू हो, ताकि अच्‍छा manpower तैयार हो। Defense manufacturing के लोग पुणे के पास आएं और यहां की जो Engineering capability है। इन दिनों एक प्रकार से पुणे Engineering centre of India के रूप में उभर रहा है, वहां engineering capacity है इसको हम किस प्रकार से आगे बढ़ाए और यह अगर हम आगे बढ़ाते हैं तो आने वाले दिनों में मुझे विश्‍वास है कि हम Defense के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ सकते हैं।

रेलवे, यहां Locomotive का काम हो रहा है लेकिन हम चाहते हैं कि भारत रेलवे में Self-Sufficient बने। हमारी रेलवे technology में हम Upgradation हो, हम रेलवे का विस्‍तार भी करें, रेलवे की speed भी बढ़ाएं और रेलवे सिर्फ यातायात का साधन नहीं, रेलवे भारत की economy का driving force बन सकती है, उस रूप में रेलवे को आगे ले जाया जा सकता है। उसके manufacturing के लिए भी बहुत सारी संभावनाएं पड़ी है। उसको भी बल देने का प्रयास हम करना चाहते हैं और मैं यह विश्‍वास से कहता हूं कि भारत आने वाले दिनों में अपनी युवाशक्ति के बल पर talented manpower के बल पर maximum resource के optimum utilization के माध्‍यम से, हम हमारी economy को एक नई ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं और मुझे विश्‍वास है चाहे infrastructure का क्षेत्र हो, चाहे manufacturing का, हम Phase-ii पर पहुंचना चाहेंगे। और global competitive पर हम आगे बढ़ पाएं उस दिशा में जाएंगे।

भारत का नौजवान विश्‍व में आर्थिक विकास की दुनिया में अपनी एक अहम भूमिका निभा सकता है और उस काम के लिए भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहता है।

मैं फिर एक बार जी के नये साहसिक निर्णयों के लिए भी स्‍वागत करता हूं और दुनियाभर के पूंजी निवेशकों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं कि भारत आपार संभावनाओं से भरा हुआ है और भारत सरकार उन संभावनाओं को साकार करने के लिए, जो भी आवश्‍यक निर्णय करने की आवश्‍यकता होगी उसको करने में तेज गति से आगे बढ़ रही है, जो भारत economy को आगे लेकर जाएगी।

मैं फिर एक बार मुझे यहां बुलाने पर मैं आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं और मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

धन्‍यवाद।

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It is the middle class that contributes greatly to the country through their role as honest taxpayers. However, their contribution needs to be recognised and their tax burden eased. For this, the Modi government took a historic decision. That there is zero tax liability on a net taxable annual income of Rs. 5 lakh now, is a huge boost to the savings of the middle class. However, this is not a one-off move. The Modi government has consistently been taking steps to reduce the tax burden on the taxpayers. Here is how union budget has put more money into the hands of the middle class through the years...