शाला प्रवेशोत्सव अभियान की पूर्व तैयारियों की सीएम. ने की समीक्षा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शाला प्रवेशोत्सव 14-15-16 जून को ग्रामीण क्षेत्रों में और 28-29-30 को शहरी क्षेत्रों में आयोजित होगा

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात की प्राथमिक शालाओं में उत्तम टेक्नोलॉजी और सर्वोत्तम शिक्षकों से सर्वोत्तम शिक्षा देनेवाली स्मार्ट स्कूल बनाने का आह्वान किया है।

मुख्यमंत्री ने कन्या केळ्वणी और शाला प्रवेशोत्सव के जन आन्दोलन के दस वर्ष पूर्ण होने की पूर्व तैयारियों की आज समीक्षा की। श्री मोदी की अगुवाई में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों सहित दो चरणों में शिक्षा की सार्वत्रिक ज्योति प्रगटाने की यह सरस्वती यात्रा आयोजित होगी। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा का गौरव करने के इस सामाजिक दायित्व को निभाने का आह्वान किया।

गुजरातभर की तमाम शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी प्राथमिक शालाओं सहित 34,000 प्राथमिक शालाओं के शिक्षण की गुणवत्ता सुधारने के आशय से इस वर्ष शिक्षा विभाग द्वारा आगामी 14-15-16 जून के तीन दिन 18,000 गांवों में और 28-29-30 जून को 159 शहरों- 8 महानगरपालिकाओं की शिक्षा समितियों द्वारा संचालित प्राथमिक शालाओं में समग्र सरकार और समाज के सहयोग से कन्या केळवणी-शाला प्रवेशोत्सव आयोजित होगा।

इस वर्ष राज्य सरकार ने सरस्वती साधना योजना के अंतर्गत अभ्यास के लिए 48,000 साइकिल्स देने, आंगनवाड़ियों के लिए समाजशक्ति से खिलौंने एकत्र करके भेंट देने के साथ ही पहली बार पूर्व में कक्षा एक में 1000 रुपए का बॉण्ड हासिल कर कक्षा 7 में प्रवेश लेनेवाली कन्याओं को मिलने योग्य 2000 रुपए के साथ ही ब्याज की रकम के चेक और बॉण्ड का वितरण भी किया जाएगा जिसमें 80,000 कन्याओं को 16 करोड़ के चेक दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री मोदी 14 जून को सुबह दस बजे गांधीनगर से विडियो कांफ्रेंस द्वारा प्राथमिक शिक्षा की ज्योति जगाने का मकसद लेकर समाज की संवेदना जागृत करने के लिए प्रेरक मार्गदर्शन देंगे और उसके बाद तीन जिलों में शाला प्रवेशोत्सव अभियान का तीन दिन तक नेतृत्व करेंगे। राज्य सरकार के इस अभियान में शामिल होनेवाले तमाम महानुभाव प्रत्येक दिन पांच शालाओं की अगवानी लेकर तीन दिन में कुल 15 शालाओं में प्रवेशोत्सव करवाएंगे। शाला प्रवेशोत्सव अभियान के दौरान 10,494 जितने शाला वर्गखंडों का लोकार्पण और 26,094 जितने शाला विकास कार्यों के भूमिपूजन भी किए जाएंगे।

तेजस्वी विद्यार्थियों का सम्मान और शहरी क्षेत्रों में शाला प्रवेशोत्सव के साथ ही प्राथमिक शिक्षा की सुविधाओं का मूल्यांकन भी किया जाएगा। शहर या गांव के ऐसी प्राथमिक शालाओं में पढ़ चुके वरिष्ठ नागरिकों और अन्य नागरिकों का भी सम्मान भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 6261 शालाओं में आठवीं कक्षा शुरू हो रही है और कुल मिलाकर कक्षा आठ की 16,508 शालाएं शुरू हुई हैं। आचार्य की अलग कैडर इस साल कार्यरत हो जाएगी ऐसे अनेक आयामों से गुजरात की जनशक्ति को प्राथमिक शिक्षा में शामिल किया गया है। सामुहिक जिम्मेदारियों के परिणाम गुजरात को गौरव दिलाते हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ ही भावी पीढ़ी को कुपोषण की समस्या का निवारण करने पर ध्यान देने को कहा। श्री मोदी ने प्रेरक मार्गदर्शन देते हुए कहा कि यह अभियान नहीं चलाया होता तो तो प्राथमिक शिक्षा का स्तर कैसे सुधरता ? इस अभियान में सभी शक्तियों के स्त्रोतों का समन्वय करके विराट जागरण प्राथमिक शिक्षा की नींव सुधारने के लिए किया गया है।समाज को भूतकाल में जिस प्रकार का उत्तम मानव बल चाहिए था वैसा नहीं मिला लेकिन दस साल की यह मेहनत राज्य के आनेवाले कल की बेहतर इमारत साबित होगी।

यह हमारा सामाजिक दायित्व है और इसकी सुविचारित फलश्रुति के लिए दस वर्ष में चरणबद्ध रूप से हमने हर वर्ष उपलब्धियां हासिल की हैं। शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। शिक्षा सचिव आरपी. गुप्ता ने अभियान की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, शिक्षा राज्य मंत्री जयसिंह चौहाण, वसुबेन त्रिवेदी, पदाधिकारीगण, मुख्य सचिव, वरिष्ठ सचिव और अभियान में शामिल होनेवाले अधिकारी मौजूद थे।