किर्गिस्तान और भारत अपने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर एकजुट हैं: प्रधानमंत्री
भारत और किर्गिस्तान ने व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति और मानव संसाधन विकास पर चर्चा की
बिश्केक के किर्गिस्तान स्टेट यूनिवर्सिटी में भारत-किर्गिस्तान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की गई
पीएम मोदी ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का मजबूत समर्थन करने के लिए किर्गिस्तान की सराहना की
प्रधानमंत्री मोदी ने यूरेशिया आर्थिक संघ में किर्गिस्तान के शामिल होने पर राष्ट्रपति अल्माज़बेक अतामबायेव को बधाई दी

राष्‍ट्रपति अल्‍माजबेक अताम्‍बायेव, मीडिया के सदस्‍यों,

आपके खूबसूरत देश में आकर मुझे बेहद प्रसन्‍नता हो रही है। मैं आपके सौहार्द और आतिथ्‍य से बेहद प्रभावित हूं।

सदियों के करीबी रिश्‍तों की वजह से उपजी विशेष किस्‍म की निकटता और सद्भावना ने इस यात्रा में बहुत सा आकर्षण और दिलचस्‍पी जगा दी है। किर्गिस्‍तान और भारत साझा लोकतांत्रिक मूल्‍यों के बंधन से बंधे हैं।

हम भारत के भविष्‍य में मध्‍य एशिया के लिए महत्‍वपूर्ण स्‍थान देख रहे हैं। हम एक दूसरे की आर्थिक प्रगति में सहायता कर सकते हैं। निरंतर विकास हम दोनों के लिए आवश्‍यक है। हम एशिया के विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग और एकता में योगदान दे सकते हैं। हमारे क्षेत्र की चुनौतियों के दौर में हम अपने आस पड़ोस में शांति एवं सुरक्षा चाहते हैं और सभी के लिए खतरा बन चुके उग्रवाद एवं आतंकवाद से निपटने में हमारे साझा हित हैं।

क्षेत्र के पांचों देशों की मेरी यात्रा यह दर्शाती है कि मध्‍य एशिया के साथ रिश्‍तों के नए स्‍तर को हम कितनी अहमियत देते हैं। किर्गिस्‍तान हमारी उस दृष्टि का महत्‍वपूर्ण अंग है।

राष्‍ट्रपति अताम्‍बायेव से मिलकर मुझे बेहद खुशी हुई। लोकतंत्र और विकास के लिए उनका योगदान सराहनीय है।

मुझे खुशी है कि हमारे निर्वाचन आयोग ने सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किये हैं। किर्गि गणराज्‍य में संसदीय चुनाव सम्‍पन्‍न होने के बाद किर्गिस्‍तान के संसदीय शिष्‍टमंडल के भारत की यात्रा पर आने की भी हम प्रतीक्षा करेंगे।

राष्‍ट्रपति अताम्‍बायेव के साथ मेरी बहुत उपयोगी बातचीत हुई। संबंधों के लिए उनकी प्रतिबद्धता की मैं बहुत सराहना करता हूं। हमने व्‍यापार, निवेश, पर्यटन, संस्‍कृति और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपने संबंध मजबूत बनाने के बारे में विस्‍तार से बातचीत की। मैं मानकों और पर्यटन के क्षेत्र में आज हुए समझौतों का स्‍वागत करता हूं। भारत और मध्‍य एशिया के बीच सामूहिक पहल से हमारे आर्थिक संबंध प्रगाढ़ होंगे।

मैं भारत के साथ टेली-मेडिसिन लिंक प्रारम्‍भ होने की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह क्षेत्र में पहला होगा और यह हमें डिजिटल वर्ल्‍ड की सम्‍भावनाओं के बारे में बताएगा। हम किर्गि-भारत माउंटेन बायो-मेडिकल रिसर्च सेंटर के दूसरे चरण की भी शुरूआत करेंगे।

हम क्षमता निर्माण में अपना संपर्क बढ़ाएंगे और इस साल किर्गिस्‍तान के 100 अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। मुझे बिश्‍केक के किर्गि स्‍टेट यूनिवर्सिटी में भारत-किर्गि सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र की स्‍थापना की प्रसन्‍नता है।

आज की सफलता और युवाओं के लिए अवसरों का सृजन करने के वास्‍ते सूचना प्रौद्योगिकी महत्‍वपूर्ण है। हमें किर्गिस्‍तान के अन्‍य प्रमुख शहरों में भी इसी तरह के केंद्रों की स्‍थापना करके प्रसन्‍नता होगी।

भारत और किर्गि गणराज्‍य के लिए कृषि बहुत महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है। हम कृषि क्षेत्र में सहयोग की सम्‍भावनाएं तलाशने और ठोस परियोजनाओं की पहचान करने के लिए जल्‍द ही बिश्‍केक में एक गोलमेज बैठक का आयोजन करेंगे।

आज दिन में, मुझे महात्‍मा गांधी के नाम वाली सड़क पर उनकी एक प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्‍य प्राप्‍त होगा। मैं इस सम्‍मान के लिए किर्गिस्‍तान की जनता का आभार प्रकट करता हूं। उनका जीवन और संदेश सार्वभौमिक और कालातीत हैं। यह प्रतिमा निवासियों को इस बात की याद दिलाएगी कि हमारे मूल्‍य साझा हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति मिशनों में किर्गिस्‍तान की प्रतिबद्धता सही मायनों में सराहनीय है और इस क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक अनुभव के बल पर इस प्रयास में सहायता देना भारत के लिए बेहद सौभाग्‍य की बात है। किर्गि सशस्‍त्र बलों के लिए फील्‍ड मेडिकल उपकरण के संचालन के रूप में तुच्‍छ योगदान देकर हमें प्रसन्‍नता होगी।

 

हमारे रक्षा संबंध मजबूत हैं। हाल ही में हमने संयुक्‍त अभ्‍यास खंजर 2015 सम्‍पन्‍न किया है। हमने सालाना आधार पर संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास करने का फैसला किया है।

किर्गि सैन्‍य अकादमी का आईटी सेंटर इस बात का उदाहरण है कि नवाचार सहयोग दोनों देशों के लिए महत्‍वपूर्ण है।



रक्षा सहयोग संबंधी नया समझौता हमारे संबंधों को व्‍यापक बनाने की रूपरेखा मुहैया करायेगा। इसमें रक्षा प्रौद्योगिकी शामिल होगी।

मैं यूरोपीय संघ में किर्गिस्‍तान के शामिल होने पर राष्‍ट्रपति अताम्‍बायेव को बधाई देता हूं। हम इस बात से सहमत हैं कि भारत और ईईयू के बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौते से हमारे सहयोग में पर्याप्‍त वृद्धि होगी। उन्‍होंने संयुक्‍त अध्‍ययन समूह की सम्‍भावना रिपोर्ट के जल्‍द संपन्‍न होने के प्रति समर्थन व्‍यक्‍त किया है। हम इस बात से सहमत हैं कि इससे किर्गिस्‍तान, इस क्षेत्र में भारत के आर्थिक संपर्क का आधार बनेगा।

शंघाई सहयोग संगठन में भी हम अपने सम्‍पर्क की राह देख रहे हैं।

मैं विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता की दावेदारी के प्रति किर्गिस्‍तान के जबरदस्‍त समर्थन का आभारी हूं। मैं संयुक्‍त राष्‍ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद में सुधार जल्‍द सम्‍पन्‍न कराने के लिए उनका समर्थन चाहता हूं।

अंत में, 21 जून को, अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में बेहद कामयाब बनाने के लिए मैं राष्‍ट्रपति अताम्‍बायेव और किर्गिस्‍तान का आभार प्रकट करता हूं।

मैं आज स्‍पीकर जीनबेकोव और प्रधानमंत्री सारियेव के साथ होने वाली बैठक की भी प्रतिक्षा कर रहा हूं।

मुझे यकीन है कि इस यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंध नयी ऊंचाइयों को छूएंगे। मैं राष्‍ट्रपति अताम्‍बायेव का भारत में जल्‍द स्‍वागत करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

बहुत बहुत धन्‍यवाद।