हजारों श्रद्धालुओं ने 14 किलोमीटर लम्बी रथयात्रा में हिस्सा लिया. रथयात्रा शहर के कई साम्प्रादायिक रूप से सवेंदनशील इलाकों से होकर गुजरी. रथयात्रा के मार्ग में भक्तों की कतारें लगी थी और वे भगवान जगन्नाथ, बलराम और बहन सुभद्रा के रथों साथ साथ चल रहे थे. इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलराम और बहन सुभद्रा के रथों के अलावा 18 अलंकृत हाथी, 98 सजाए गए ट्रकों ने हिस्सा लिया. सभी रथों को 1000 से अधिक लोगों ने खींचा तथा मार्ग में आगे बढाया. रथों के पीछे पीछे हाथी, ट्रक, वाहन, पैदल चल रहे यात्री, कलाबाज और अखाड़े के पहलवान चल रहे थे.
अहमदाबाद सीरियल धमाकों के बाद यह पहली रथयात्रा थी इसलिए इसके शांतिपूर्ण आयोजन के लिए भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. अहमदाबाद के विभिन्न इलाकों में आधुनिक हथियारों से लैस केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों तथा राज्य पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था.