52वां गुजरात गौरव दिवस .

 दाहोद में गुजरात गौरव दिवस के राज्यस्तरीय समारोह में सहभागी बने श्री मोदी.

 जिनको विरोध करना है उनको विकास बर्दाश्त होगा ही नहीं, हमने तो विकास का मार्ग अपनाया है : मुख्यमंत्री

127 करोड़ के खर्च से दाहोद को कडाणा डैम आधारित पाइपलाइन से पेयजल आपूर्ति की योजना का भूमिपूजन और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हॉस्टल का उद्घाटन .

 दाहोद में कुल 903 करोड़ के 501 विकास कार्य होंगे

 मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के 52वें गौरव दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में जनता जनार्दन के साथ शामिल होने दाहोद पहुंचे, इस दौरान दाहोद शहर में विकास के जनउत्सव में नागरिकों का उत्साह देखते ही बनता था। श्री मोदी ने दाहोद के विकास की नीव में जलशक्ति के महत्व को ध्यान में रखते हुए कडाणा जलाशय आधारित 82 किमी की बल्क जलापूर्ति योजना के 127 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया और साथ ही सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल भवन का भी उद्घाटन किया।

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श्री मोदी ने आज कुल 5 लोकार्पण और 3 भूमिपूजनों सहित 456 करोड़ रुपये की कडाणा डैम आधारित उत्तर दाहोद जिले के 210 गांवों के लिए पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाने की योजना, 45 करोड़ की दाहोद नगर के लिए भूगर्भीय गटर योजना के नये 501 करोड़ के दो कार्यों की भी घोषणा की। इस मौके पर गुजरात गौरव दिवस महोत्सव का जन आनंद पराकाष्ठा पर पहुंचा।

 कार्यक्रम में दाहोद शहर और जिले के लिए मुख्यमंत्री ने 684 करोड़ रुपये के विकास कार्य जनता को समर्पित किये। गुजरात स्थापना दिवस के उत्सव को विकास महोत्सव के रूप में मनाने में यजमान बने वनवासी क्षेत्र दाहोद जिले में लोकार्पण और भूमिपूजन मिलाकर 501 विकास कार्य 903 करोड़ रुपये के खर्च से बनाये जाएंगे। इसमें 327 कार्यों को 163 करोड़ के खर्च से पूरा किया जाएगा। साथ ही 171 कार्यों का भूमिपूजन किया।

इसके साथ ही दक्षिण दाहोद जिले के गांवों के लिए नर्मदा रिवर बेजिन हांफेश्वर से पानी की पाइपलाइन डालकर 119 किमी लंबी जलापूर्ति योजना के तकनीकी अभ्यास की भी घोषणा भी की गई। मुख्यमंत्री श्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि महागुजरात आंदोलन में अलग गुजरात की स्थापना के लिए लोगों ने सीने पर गोलियां खाकर अपना जीवन खपा दिया, यह गोलियां भद्र के कांग्रेस कार्यालय में से चलाई गई थी। इन शहीदों का रक्त हमने व्यर्थ नहीं जाने दिया है। लेकिन कांग्रेस को अब भी इस घटना पर गुस्सा नहीं आता। गुजरात जिसका गौरव करे उस 1 मई- गुजरात का स्थापना दिवस समग्र गुजरातियों में प्रगट हो, इसके लिए गुजरात गौरव दिवस 1 मई को भुलाया गया था, लेकिन इस सरकार ने 2001 से इसे मनाने की परंपरा शुरु की। कांग्रेस को महागुजरात आंदोलन के शहीदों की याद में 1 मई को गुजरात गौरव दिवस के रूप में मनाने की इच्छा कभी नहीं हुई।