प्रिय मित्रों, आज हमारी सरकार के कार्यकाल का एक माह पूरा हुआ है। मुझे जनता का जो सहयोग और प्यार मिला है, उससे मैं अभिभूत हूँ। यह हमें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
पिछली सरकारों के 67 वर्षों के कार्यकाल की तुलना में एक माह कुछ भी नहीं है। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूँ कि पिछले माह में हमारी पूरी टीम ने लोगों की भलाई के लिए हर पल कार्य किया है। हमने जो भी निर्णय लिए वे पूरी तरह से राष्ट्रहित से अनुप्रेरित है। एक माह पूर्व जब हमने कार्यभार ग्रहण किया तो मेरी यह सोच थी कि इस स्थान पर मैं नया हूँ और कुछ लोगों की यह धारणा थी कि केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली की जटिलताओं को सीखने में मुझे एक साल अथवा दो साल लगेंगे। सौभाग्यवश, एक माह के बाद मुझे ऐसा नहीं लगता है। मेरा विश्वास और दृढ़संकल्प लगातार बढ़ता रहा और इसका श्रेय कुछ मैं अपने मंत्रालय के सहयोगियों के सामूहिक अनुभव और बुद्धिमत्ता को देता हूँ | मेरे 4 बार मुख्य मंत्री के रूप में कार्य करने के अनुभव का भी मुझे बहुत लाभ मिला है | लोगों के प्रेम और अधिकारियों के सहयोग के कारण मेरे आत्मविश्वास को काफी बल मिला है। पिछले कुछ दिनों से मैं विभिन्न विभागों के मंत्रियों एवं अधिकारियों से मिलता रहा हूँ उन्होंने कई detailed presentations दिये हैं। मैं मानता हूँ कि इन presentations के द्वारा विषयों को समझने में मदद मिली है और हम विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों के लिए उत्कृष्ट रोडमैप बनाने में सफल रहे हैं। पिछले महीने कई राज्यों के मुख्य मंत्रियों के साथ मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने शुभकामना प्रकट की एवं अपने राज्यों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मैं आने वाले दिनों में उनके साथ मिलकर काम करना चाहता हूँ। मैं अनुभव करता हूँ कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें सचमुच सुधार लाने की आवश्यकता है। दिल्ली में मेरे सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि कुछ चुनिन्दा लोगों को हमें यह बताना है कि हम इस देश में अनुकूल परिवर्तन लाने के लिए ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे। ये वे व्यक्ति हैं जो सरकारी कार्य प्रणाली के भीतर भी हैं और बाहर भी। पिछले माह ऐसे कुछ उदाहरण सामने आए जिनसे हमारी सरकार का कुछ लेना-देना नहीं था, लेकिन इसके बावजूद विवादों को तूल दिया गया। मैं किसी को दोष नहीं देता हूँ लेकिन मैं वास्तव में यह अनुभव करता हूँ कि हमें अपनी व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है जिससे सही लोगों के पास सही समय पर विषय सही तरिके से पहुँच सकें। ऐसा होने से स्थितियां बदलेंगी।
हर नई सरकार में ऐसा कुछ होता है जिसे हमारे मीडिया के मित्र 'honeymoon period' कहते हैं। पिछली सरकारों का यह 'honeymoon period' 100 दिनों या इससे भी ज्यादा रहा है। संयोगवश मेरी सरकार के साथ ऐसा नहीं है। 100 दिनों की बात तो छोड़िए, सौ घन्टे से भी कम समय में आरोपों का सिलसिला शुरु हो गया था । लेकिन, जब कोई राष्ट्र सेवा के एक मात्र लक्ष्य को लेकर संकल्प के साथ कार्य करता है, तो इन बातों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। यही कारण है कि मैं बिना विचलित हुए निरंतर कार्य में रत रह पाता हूं और संतोष भी मिलता है|
26 जून मेरे लिए एक महत्वपूर्ण तारीख है। इस दिन, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने की हमारी यात्रा का एक माह पूरा हुआ है। आज के दिन का एक और भी महत्व है। 1975 में मैंने एक ऐसा महत्वपूर्ण दौर देखा था जिसने मुझे लोकतंत्र का महत्व समझाया था। 26 जून की ही वह तारीख थी जब देश में आपातकाल शुरु हुआ। यह आपातकाल एक दिन पहले ही लागू कर दिया गया था। एक युवा के रूप में परीक्षा की उन घडियों की कई यादें आज भी मेरे मन में ताजी हैं।
आपातकाल निश्चित तौर पर हमारे देश के इतिहास का एक सबसे काला दौर था जो इस बात की दुखद याद दिलाता है कि किस तरह बोलने की आजादी, प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ विपक्षियों को खामोश करने का प्रयास किया गया था। यदि हम अपने लोगों को विचार एवं अभिव्यक्ति की आज़ादी की गारंटी नहीं दे पाएंगे, तो हमारा लोकतंत्र स्थिर नहीं रह पाएगा। आज का दिन हम सबके लिए फिर से यह शपथ लेने का दिन है कि हम इन मूल्यों की रक्षा करेंगे और साथ ही good governance के माध्यम से मजबूत संस्थाओं का निर्माण करेंगे ताकि हमें फिर से वे काले दिन देखने न पड़ें। मैं एक बार फिर भारत की जनता को नमन करता हूं उनके मजबूत समर्थन और शुभकामनाओं के लिए | मैं आप सभी को भरोसा दिलाता हूं कि आने वाले वर्षों में हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपका
नरेन्द्र मोदी