डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हमारे सबसे प्रिय राष्ट्रपति थे। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें पूरा भारत प्यार करता था और उसकी प्रशंसा करता था। डॉ. कलाम को एक वैज्ञानिक और एक शिक्षक के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय योगदान के लिए जाना जाता था।
डॉ. कलाम ने कई युवा प्रतिभाओं को सोचने, नवाचार और सेवा करने के लिए प्रेरित किया। अक्टूबर 2015 में  पूर्व राष्ट्रपति को उनकी जयंती के अवसर पर याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डॉ. कलाम की इच्छा थी कि उन्हें एक शिक्षक के रूप में याद किया जाए और उन्हें इस बात का पूरा एहसास था कि आने वाली पीढ़ियों को कैसे पोषित किया जाए।
डॉ कलाम एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने एक विनम्र शुरुआत कर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचे।  श्री नरेंद्र मोदी ने कई वर्षों तक डॉ. कलाम का सम्मान किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, डॉ. कलाम 'राष्ट्रपति' से पहले 'राष्ट्र रत्न' थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'डॉ. कलाम हमेशा चाहते थे कि भारत ताकतवर राष्ट्रों में से एक हो, लेकिन केवल शस्त्रों के आधार पर नहीं। उनका कहना था कि किसी देश की छवि उसकी सीमा से नहीं बल्कि उसमें रहने वाले लोगों से निर्धारित होता है।'

गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को कई अवसरों पर डॉ. कलाम से मिलने और उनसे सीखने का मौका मिला। डॉ. कलाम ने दिसम्बर 2010 में नरेंद्र मोदी की पुस्तक ‘कनविनिएंट एक्शन’ का भी विमोचन किया था। पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा था, 'कच्छ भूकंप के बाद डॉ कलाम का मार्गदर्शन अमूल्य था। उन्होंने छोटी छोटी स्थितियों का जायजा लिया और वहां पुनर्वास और पुनर्निर्माण में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी और विज्ञान के उपयोग के तरीकों का खाका खींचा।'

यहां पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जयंती के मौके पर अक्टूबर 2015 में दिये गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुन सकते हैं जहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम का जीवन कैसे हम सभी को प्रेरित कर सकता है इस पर प्रकाश डाला गया है।