प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक ‘स्मार्ट’ पुलिस बल के सृजन की अपील की हैः ऐसी पुलिस जो सख्त पर संवेदनशील हो; आधुनिक और गतिशील हो; सतर्क और जिम्मेदार हो; भरोसेमंद और जवाबदेह हो; टेक्नोलॉजी की जानकार और प्रशिक्षित हो। वह गुवाहाटी में अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन-2014 को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने 33,000 से ज्यादा शहीद पुलिस कर्मचारियों, जिन्होंने आजादी के बाद से कर्तव्य पथ पर अपने जीवन अर्पित कर दिए, की स्मृति को संस्थागत बनाने के तरीके सुझाने के लिए एक कार्यबल बनाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन पुलिस कर्मचारियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य के पुलिस अकादमियों के पास उन राज्यों के ऐसे शहीद पुलिस कर्मचारियों की स्मृति को समर्पित एक पुस्तक होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने पुलिस कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनके परिवार की ठीक से देखभाल नहीं की गई तो पुलिस कर्मचारी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के परिवारों के लिए स्वास्थ्य और उनके बच्चों के लिए शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस एक सुरक्षा प्रदाता बल है, लेकिन बॉलीवुड की फिल्मों में उनकी ऐसी छवि नहीं प्रस्तुत की जाती। उन्होंने कहा कि पुलिस को लेकर लोगों के दिमाग में बनी छवि बदली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिस थाने में एक वेबसाइट होनी चाहिए, जो पुलिस बल द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को प्रचारित करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाने को हर सप्ताह एक सकारात्मक कहानी अपलोड करनी चाहिए, जो उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को प्रदर्शित करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाणक्य के समय से ही किसी भी समाज के लिए सुरक्षा का प्राथमिक स्रोत एक कारगर खुफिया नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा खुफिया नेटवर्क बल का न्यूनतम उपयोग सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रति की गई विशिष्ट सेवा के लिए खुफिया अधिकारियों को सम्मानित करने का अवसर पाकर वह प्रसन्न हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन को दिल्ली से बाहर आयोजित करने से इसके मुख्य एजेंडा पर ध्यान ज्यादा केन्द्रित होगा, साथ ही उत्तर-पूर्व में पुलिस बलों का मनोबल भी बढ़ेगा।
उन्होंने विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए। इससे पहले, प्रधानमंत्री को उनके आगमन पर सैनिकों की सलामी दी गई।