प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के मदारीहाट, आसनसोल और सिलीगुड़ी में जनसभा को संबोधित किया
पिछले पांच वर्षों में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने लोगों के कल्याण और विकास के लिए काम नहीं किया: प्रधानमंत्री
पश्चिम बंगाल के गरीबों के साथ बड़ा अन्याय हुआ। क्या आप शारदा घोटाले को भूल सकते हैं। गरीब लोगों के पैसे लूटे गए: प्रधानमंत्री
दीदी को गरीबों से पैसा लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया: प्रधानमंत्री
पंडित नेहरू के समय केरल में एक कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन आज वे पश्चिम बंगाल में वाम दलों के साथ गठबंधन बना रहे हैं: प्रधानमंत्री
टीएमसी का मतलब है - आतंक, मौत और भ्रष्टाचार: प्रधानमंत्री मोदी
लोग वामपंथी को 34 वर्षों एवं तृणमूल कांग्रेस को 5 वर्षों के उनके कुशासन की सजा देगी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के मदारीहाट, आसनसोल और सिलीगुड़ी में विशाल जनसमूह को संबोधित किया। उनके संबोधन के मुख्य अंश:

एक समय था जब पश्चिम बंगाल पूरे भारत का मार्गदर्शन करता था लेकिन आजादी के बाद पहले कांग्रेस ने, फिर लेफ्ट ने और फिर दीदी ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद करके रख दिया, कुछ नहीं बचने दिया।

पहले शारदा अब नारदा, जो लोग मां, माटी, मानुष की बात करते थे वो कैमरे पर सरेआम मनी लेते पाये गए।

ममता दीदी और लेफ्ट विकास की बात ही नहीं करते, अब उनका ध्यान बलात्कार, भष्टाचार और हिंसा पर राजनीति की तरफ बढ़ गया है। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं गरीबों के कल्याण का काम कभी नहीं रुकने दूंगा। लेफ्ट वालों ने पश्चिम बंगाल में 34 सालों तक खूनी खेल खेला है उनको किसी भी सूरत में वापस नहीं लाना है। लेफ्ट आया तो बंगाल में बर्बादी आएगी।

मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं और मीटिंग बुलाते हैं तो ममता दीदी उसका बहिष्कार करती हैं और इसके साथ-साथ आपके साथ भी धोखा करती हैं। दीदी जब भी दिल्ली आती हैं तो वह मीटिंग में आने से तो कतराती हैं पर सोनिया जी का आशीर्वाद लेने जरूर जाती हैं, लेकिन गठबंधन तो कांग्रेस-लेफ्ट का है, ये नाता मुझे समझ में नहीं आता है, एक-बराबर एक दूसरे के साथ खड़े होकर हंसते हुए फोटो निकलवाती हैं। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामदलों के बीच मिलीभगत है। जो लोग मिले हुए हैं, वे आपका भला करेंगे क्या? इनको बंगाल की चिंता नहीं है, गठबंधन की चिंता है। उन्हें भारत सरकार से क्या शिकायत है, ये बात वो उन्हें बतातीं लेकिन क्योंकि बैठक उन्होंने बुलाई है इसलिए ममता बनर्जी बैठक में नहीं आती फिर चाहे बंगाल का नुकसान हो तो हो। 

लेफ्ट और टीएमसी दोनों विकराल चेहरे हैं। बंगाल ने दोनों विकराल रूप-रंग देख लिया है। दोनों के तौर तरीके देख लिए हैं। दीदी और लेफ्ट, बंगाल के युवाओं का कभी भला नहीं कर पाएगी।

कुछ दिन पहले तक लेफ्ट वाले कांग्रेस को कोसते नहीं थकते थे, विडम्बना देखिये कि आज पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी लेफ्ट के चरणों में गिड़गिड़ा रही है, झुक गई है। अगर कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच विचारधारा की लड़ाई है तो फिर पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? कमाल देखिये, केरल में कम्युनिस्ट और कांग्रेस आये दिन तू-तू, मैं-मैं करते हैं, पर बंगाल में कांग्रेस वाम दलों को कंधे पर बिठाकर नाच रही है। केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती - ये कौन सी विचारधारा है? देश की जनता इन लोगों के स्वार्थबंधन से भली-भाँति परिचित है और वह इन्हें इन चुनावों में कड़ा सबक सिखाएगी।

कोलकाता में एक ब्रिज गिर गया तो एक मुखिया का क्या फर्ज बनता है - जो मर रहा है पहले उसकी चिंता करो, पर दीदी ने कहा कि ये कॉन्ट्रेक्ट तो लैफ्ट वालों की तरफ से दिया गया था। इतना बड़ा हादसा हो गया, मैं दीदी से पूछना चाहता हूं कि जब ब्रिज बन जाता तो आप क्या कहतीं, आप कहतीं कि मैंने आपके लिए ब्रिज बनवाया है, तब तो आप लेफ्ट का अभिनंदन न करतीं। वास्तव में, यहां खेल तो मनी का चलता है। 

ये एक्ट ऑफ गॉड नहीं, ये एक्ट ऑफ फ्रॉड है। आपकी सरकार के शासन का संदेह इस घटना के द्वारा भगवान ने भेजा है कि आज पुल गिरा है कल पूरे बंगाल की हालत ऐसी हो जाएगी। 

यहां चंदन की लूट बड़े पैमाने पर होती है। एक किलो चावल के ऊपर 27 रूपये का खर्च किया जाता है पर जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता है। दीदी, एक मजदूर का हक मारकर आप शासन नहीं कर सकती। 

शारदा चिट फंड में गरीबों के पैसे गये वो पैसा वापस आना चाहिए कि नहीं, जेल जाना चाहिए कि नहीं और अगर दीदी उनको बचाती है तो उनको घर वापस भेजना चाहिए कि नहीं? गरीबों का धन लूटनेवालों पर मेहरबानी करनेवाली सरकार को सदा के लिए जाना चाहिए कि नहीं? 

टीएमसी का फुल फॉर्म है: 'टी फॉर टेरर', 'एम फॉर मौत' और 'सी फॉर करप्शन'- आप तय कीजिये कि आपको टेरर, मौत और करप्शन से बंगाल को बचाना है कि नहीं?

चाय बागान के लिए सरकार की तरफ से एक वेलफेयर ऑफीसर होना चाहिए कि नहीं? ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। आप को जो सुनना नहीं चाहते उनको निकालकर बाहर फेंक देना चाहिए। पहली बार भारत सरकार का मंत्री चाय बागान के लोगों के साथ गया। पहली बार यहां के मजदूरों के हितों के लिए चाय कंपनियों पर सरकार का नियंत्रण चाहा जिससे आपका भला हो, पर दीदी और उनकी कंपनियां मिलकर कोर्ट से स्टे ले आए और आपको धोखा दिया। पर मोदी रूकने वाला नहीं है और वो आपका भला करके रहेगा। 

वर्षों से बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्या का समाधान न तो कांग्रेस और कम्युनिस्ट और न ही तृणमूल कांग्रेस की सरकार द्वारा किया गया, हमने इस समस्या का समाधान करना शुरू कर दिया है। जन-अधिकारों से वंचित उत्तर-पूर्व की कई जनजातियों को एसटी का दर्जा दिलाने की ओर कदम बढ़ा दिया है।

हमें भी केंद्र में आये हुए दो साल हो गए, एक पैसे के भी भ्रष्टाचार की खबर आई क्या? विपक्ष एक भी आरोप हम पर नहीं लगा पाया। बस एक बार हमें सेवा का मौक़ा दीजिये, हम आपको बताएंगें कि सरकार कैसे चलती है। जहां भी भाजपा की सरकारें है वहां केवल विकास, विकास, विकास ही हुआ है।

हमारी सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है और ऐसा हमने करके दिखलाया है। हमने गरीबों की भलाई के लिए देश के करोड़ों गरीब के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से बैंकों के दरवाजे खोल दिया है ताकि शारदा चिटफंड जैसे मामलों में शामिल रहने वाले लोग गरीबों का दोहन न कर सके। हमने गरीबों को न्यूनतम प्रीमियम पर जीवन ज्योति बीमा, जीवन सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन योजना उपलब्ध कराई। अगर यह काम पहले हो गया होता तो आज बंगाल में गरीबों के पैसे न लुटते। हमने कृषि के विकास के लिए कई योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन करना शुरू कर दिया है, हमने 'सुरक्षित फसल, समृद्ध किसान' का नारा देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरुआत की, फसलों के नुकसान पर होने वाले मुआवजे के मापदंडों को बदला, फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि की है, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की शुरआत की है और हर खेत तक पानी पहुंचाने का प्रबंध किया है।

हमारा मानना है कि समाज का एक भी वर्ग पिछड़ा रह गया तो देश का विकास संभव नहीं हो सकता।

हमने मात्र एक वर्ष में देश के लगभग एक करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। इतना ही नहीं, हमने अगले तीन वर्षों में देश के पांच करोड़ गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। हमने गरीब युवाओं के स्वरोजगार के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत 3.3 करोड़ से अधिक लोगों को सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। हम देश की आम जनता को ताकत देना चाहते हैं। मेरा सपना है - 2022 तक हर गरीब का अपना खुद का घर होना चाहिए। 

मैं अपने तीन सूत्री एजेंडे पर काम करता हूँ - पहला एजेंडा - विकास, दूसरा एजेंडा - तेज गति से विकास और तीसरा एजेंडा - चारों तरफ विकास। हमारी सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही है। हम देश के हर हिस्से का एक सामान विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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