7 अप्रैल की सुबह भाजपा ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र जारी किया। श्री लालकृष्ण आडवाणी और श्रीमती सुषमा स्वराज, राजग के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह आदि वरिष्ठ नेता इसके जारी होने के समय उपस्थित थे।
चुनाव घोषणा पत्र, जो मुख्यत: सुशासन और विकास के प्रमुख मुद्दों के इर्दगिर्द घूमता है, में महंगाई, भ्रष्टाचार, काले धन और ढुलमुल नीतियों की चिंताओं से निपटने में पार्टी के ध्यान पर विस्तार से चर्चा की गई है। एक पारदर्शी सरकार सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी लोकपाल की स्थापना, आतंकवाद विरोधी तंत्र को पुनर्जीवित करने, काम और मल्टी-ब्राण्ड रिटेल क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों में परिसंपत्ति निर्माण के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने, सीमान्ध्रा और तेलंगाना को पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने, एक उच्च गति रेल नेटवर्क की डायमण्ड चतुर्भुज परियोजना शुरू करने, मदरसा आधुनिकीकरण और शौचालय की सुविधाओं में सुधार घोषणा पत्र के मुख्य आकर्षण में से एक हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि घोषणा पत्र ने उपयुक्त रूप से राष्ट्र की आशाओं और आकांक्षाओं को अपने में समेट लिया है। घोषणा पत्र में उल्लिखित हर शब्द को पूरा करने की दिशा में पार्टी की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए यह दस्तावेज केवल एक चुनावी अनुष्ठान नहीं हैं, बल्कि ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ के पार्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किए गए अपने प्रयासों और ध्यान को सही दिशा देने का माध्यम है।
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‘सबका साथ, सबका विकास’ के भारतीय जनता पार्टी के मंत्र की बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि घोषणा पत्र का हर पहलू का लंबे समय में एक सकारात्मक संचयी प्रभाव पङेगा और पार्टी को सुशासन और विकास की अपनी पहल जारी रखने के लिए सक्षम करने की दिशा में एक और कदम है। "राष्ट्र पूरी तरह ठप्प पङा है। इस घोषणापत्र में वही सब कुछ है जिससे इसे फिर से चलाने के लिए और लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश मिलेगा। एक सरकार को गरीबों के बारे में सोचना चाहिए। एक सरकार को गरीबों के लिए काम करना चाहिए और उन्हें अच्छी शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना चाहिए। दिल्ली में एक मजबूत सरकार की जरूरत है जिससे दुनिया हमें परेशान न करे, केवल हमारे साथ काम करे और हम अपना सिर ऊँचा करके चल सकें," श्री मोदी ने कहा।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के दूरदर्शी नेतृत्व को सम्मानपूर्वक याद करते हुए, और पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिए गए अंत्योदय (कतार के आखिरी व्यक्ति की सेवा) के मंत्र की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने राष्ट्र और इसके लोगों के कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के अंदर न खत्म होने वाली प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने घोषणा पत्र को ‘दोषमुक्त’ बताते हुए कहा, ‘हमें ये सारी बातें पिछली सदी में ही कर लेनी चाहिए थी, लेकिन हम अब ये करना होगा। यह सदी हमारी है।"
पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी, जो घोषणा पत्र समिति के प्रमुख हैं, ने बताया कि घोषणा पत्र के लिए सुझाव मांगने के लिए एक वेबसाइट शुरू की गई थी और देश भर से यहां तक कि विदेशों से प्राप्त जबरदस्त प्रतिक्रिया को घोषणा पत्र में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया है। घोषणा पत्र के केन्द्र-बिन्दु पर बात करते हुए डॉ. जोशी ने कहा "हमारा देश पिछले 10 वर्षों में बहुत पीछे चला गया है। भाजपा घोषणापत्र में उन बातों पर ध्यान दिया गया है जिससे देश प्रगति के पथ पर वापस आ जाएगा। हम प्रणाली में सुधार प्रणाली लाने की जरूरत है, ई-प्रशासन और पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
इस अवसर पर पार्टी अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि घोषणा पत्र खाली वादों का एक सेट नहीं होगा, बल्कि भारत के व्यापक और एकीकृत विकास सुनिश्चित करने के लिए भाजपा का एक केंद्रित दृष्टिकोण होगा।
विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने लोगों से घोषणा पत्र के हर शब्द को पढ़ने का आग्रह किया जो पार्टी के प्रचार अभियान को विधिवत रूप से सामने रखता है, और आश्वासन दिया कि भाजपा के गठन के सरकार के कुछ दिनों के भीतर राष्ट्र वापस विकास की पटरी पर आ जाएगा।
वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने, अपने वीडियो संदेश में, विश्वास जताया कि घोषणा पत्र विधिवत रुप से राष्ट्र के सामने आ रही चुनौतियों का सामना करेगा और इसमें जरूरी बदलाव लाएगा।