मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार के गुजरात के किसान विरोधी राजनैतिक दांवपेच और पैंतरों पर आक्रोश जताते हुए कहा कि कृषि महोत्सव के जरिए गुजरात सरकार किसानों के हित के लिए ही कार्यरत रहेगी।
अक्षय तृतीया से समग्र गुजरात में एक महीने का कृषि महोत्सव गांव-गांव में मनाया जा रहा है। राज्य के चारों कृषि महाविद्यालयों के कार्यक्षेत्र में चार विभागीय कृषि महोत्सव एवं कृषि मेलों में किसान शक्ति के उमंग-उत्साह में मुख्यमंत्री लगातार सहभागी हो रहे हैं। शुक्रवार को गोधरा में आयोजित मध्य गुजरात के कृषि मेले में जन सैलाब उमड़ पड़ा था। अहमदाबाद, आणंद, खेड़ा, पंचमहाल, दाहोद एवं वड़ोदरा जिलों के विभागीय कृषि महोत्सव में मुख्यमंत्री ने विराट किसान शक्ति का अभिवादन किया। इससे पूर्व श्री मोदी ने आणंद कृषि विश्वविद्यालय की ओर से गोधरा में नवनिर्मित कृषि अभियांत्रिक महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने खेती-पशुपालन के क्षेत्र में नए सफल प्रयोग करने वाले प्रगतिशील किसानों का अभिवादन एवं कृषि महोत्सव के लाभार्थियों को कृषि-बागायत साधन-सामग्री की किटों का वितरण भी किया।

गुजरात की कृषि क्रांति और केन्द्र सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक महीने तक चिलचिलाती धूप में राज्य सरकार के एक लाख कर्मयोगी एवं कृषि वैज्ञानिक 18,000 गांवों की खाक छान रहे हैं। कृषि क्रांति के ऐसे अभियान की सफलता से प्रोत्साहित होने के बजाय केन्द्र सरकार राजनैतिक पैंतरों के जरिए गुजरात के किसानों तथा खेतीबाड़ी को लेकर नकारात्मक भूमिका अदा कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश भर में खेतीबाड़ी की दुर्दशा हुई है। देश के किसानों को ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में धकेल दिया गया है जहां फसल के लिए पर्याप्त बीज, खाद और दवाएं नहीं मिलती, न तो बिजली मिलती है और न ही पानी साथ ही किसान को उसकी फसल की पर्याप्त कीमत भी नहीं मिलती।

श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार नहीं चाहती कि गुजरात के किसानों का भला हो। लिहाजा, वह गुजरात के किसानों के हित की बलि चढ़ाकर रूकावट पैदा करने वाले निर्णय लेती आई है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार पर दुराग्रह का आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात के कपास उत्पादक किसानों के कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर धनी व्यापारियों के हित में किसानों का माल लुट जाने के बाद निर्यात की छूट देने का राजनैतिक दांवपेच केन्द्र सरकार रच रही है।

श्री मोदी ने कहा कि कपास निर्यात पर प्रतिबंध को तत्काल हटाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन उससे केन्द्र सरकार की आंखें नहीं खुली। उन्होंने कहा कि किसानों की चिन्ता करने के बजाय किसानों के नाम पर राजनैतिक रोटी सेकी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार गुजरात के किसानों को बर्बाद करने की केन्द्र की राजनैतिक दांवपेच की धमकियों का डटकर मुकाबला करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि महोत्सव के जरिए आधुनिक खेती के लिए नई पद्घति, सिंचाई के लिए पानी, खेतीबाड़ी एवं बागायत के लिए बीज, कृषि साधन-सामग्री की किट सहायता जैसी किसानों के लिए जरूरी सभी वस्तुओं की पूर्ति उनकी सरकार कर रही है।

इस मौके पर कृषि मंत्री दिलीपभाई संघाणी ने कहा कि कृषि क्रांति कर गुजरात ने देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। कृषि महोत्सव के जरिए कृषि अनुसंधान की पहुंच किसानों के खेत तक संभव बनी है।

वन एवं पर्यावरण मंत्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि राज्य में गत छह वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहे कृषि महोत्सव के चलते किसानों की आय दुगुनी हो गई है और पिछले दस वर्ष में 13,000 करोड़ से बढ़कर खेत उत्पादन 58,190 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है। कृषि महोत्सव की सफलता के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने बताया कि दाहोद जिले के आदिवासी किसानों ने एक लाख टन अदरक का रिकार्ड उत्पादन किया है।

स्वागत भाषण सड़क एवं मकान राज्य मंत्री जयद्रथसिंह परमार ने दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के हाथों प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया तथा लाभार्थियों को कृषि विभाग की विविध योजनाओं के तहत ऋण सहायता का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने आणंद कृषि विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित कृषि संबंधित प्रकाशनों का विमोचन किया। विविध संस्थाओं की ओर से मुख्यमंत्री की कन्या शिक्षा निधि में 12.99 लाख रुपये के चेक अर्पित किए गए। शिक्षा राज्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कनुभाई भालाणा, आदिजाति विकास राज्य मंत्री जशवंतसिंह भाभोर, पशुपालन राज्य मंत्री पुरुषोत्तमभाई सोलंकी, सांसद प्रभातसिंह चौहान, रामसिंह राठवा, डॉ.प्रभाबेन तावियाड़, विधायकगण अरविंदसिंह राठोड़, फतेसिंह चौहान, जेठाभाई भरवाड़, तुषारसिंह महाराउलजी, कृषि विभाग के प्रधान सचिव आर.के. त्रिपाठी, प्रभारी सचिव जे.पी. गुप्ता, जिला कलक्टर मिलिन्द तोरवणे, जिला विकास अधिकारी डॉ. संध्या भुल्लर, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मिकाबेन पटेल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लीलाबेन अंकोलिया, आणंद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.एम. शेख, कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी, तहसील पंचायत के अध्यक्ष, नगरपालिका के अध्यक्ष, जिला-तहसील पंचायत के सदस्य, पदाधिकारियों एवं अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में किसान समुदाय उपस्थित था।