सीआईआई के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
सीआईआई ने ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, हाउसिंग फॉर ऑल में सरकार के प्रयासों की तारीफ की
नवाचार और मेक इन इंडिया के लिए भारतीय उद्योग जगत में अपार क्षमता है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने प्रक्रियाओं के सरलीकरण और विश्वास पर आधारित शासन के अपने सपने को दोहराया

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 15 सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी से भेंट की।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों ने केन्‍द्र सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष में किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार ने देश के विकास के लिए बहुत सोचे-समझे तरीके से एक नई आर्थिक दिशा तय की है। उनका कहना था कि सरकार की पारदर्शिता बरतने की प्रतिबद्धता के परिणामस्‍वरूप उसकी विश्‍वसनीयता बहाल हुई है।



प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों ने सरकार द्वारा की गई पहलों जैसे व्‍यवसाय को आसान बनाने, मेक इन इंडिया, स्‍मार्ट सिटी मिशन, सभी के लिए मकान, स्‍वच्‍छ भारत अभियान, स्‍वच्‍छ ऊर्जा मिशन और जन धन योजना की सराहना करते हुए इन्‍हें ''दूरदर्शिता, नवोन्‍मेष और उच्‍च प्रभाव'' वाला बताया। उन्‍होंने कहा कि इन अभियानों की गति और इनका शुरू होना उत्‍कृष्‍ट और अभूतपूर्व है।

सीआईआई प्रतिनिधिमंडल ने खाना पकाने की गैस पर सब्सिडी के हस्‍तांतरण, और विभिन्‍न क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा बढ़ाने के लिए पहल सहित वृहद आर्थिक प्रबंधन की महत्‍वपूर्ण नीतिगत घोषणाओं की चर्चा की। बातचीत के दौरान सदस्‍यों ने कहा कि पिछले वर्ष में लघु और मध्‍यम क्षेत्र का असाधारण विकास हुआ है।



प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों के सुझावों का स्‍वागत किया और सीआईआई को इस बात के लिए प्रोत्‍साहित किया कि वह भारतीय उद्योग को एक निर्धारित समय के भीतर पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों में आत्‍मनिर्भरता बढ़ाने के लिए प्रेरित करे। उन्‍होंने कहा कि तीन क्षेत्र भारत के आयात बिल में सबसे अधिक योगदान देते हैं ये हैं – तेल और पेट्रोलियम, इलैक्‍ट्रॉनिक वस्‍तुएं और रक्षा। उन्‍होंने कहा कि इनमें से प्रत्‍येक क्षेत्र में भारतीय उद्योग के लिए नवोत्‍पाद करने की काफी संभावनाएं हैं। उन्‍होंने विभिन्‍न तरीकों से परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए हर महीने उनके द्वारा केन्‍द्र सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों, राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ की जाने वाली प्रग‍ति बैठकों का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने विश्‍वास और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के आधार पर शासन की अपनी दूरदर्शिता को दोहराया और भारतीय उद्योग से कहा कि वह टेक्‍नोलॉजी की दृष्टि से आत्‍मनिर्भरता की दिशा में कार्य करें।