"Chief Minister Narendra Modi’s message to people"
"“In Vikram Samvat 2070 let us perform our duties towards the nation for creating a majestic and matchless future for India”"
" “The glow of Gujarat’s growth has a great capacity to actualize the dreams of people of India”"
"“Gujarat’s glory has spread throughout the nation and the world owing to the hard work of the people of Guajrat”"

भव्य भारत के विरल भावी के सृजन में बतौर भारतीय अपना दायित्व निभाएं- मुख्यमंत्री

‘छह करोड़ गुजरातियों के परिश्रम सिंचन से आज गुजरात ‘विकास का तेजपूंज’ बन देश और दुनिया में छा गया है’

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के सभी नागरिकों को दीपावली पर्व की मंगलकामना और नूतन वर्ष की बधाई प्रेषित की है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली और नूतन वर्ष के इस पर्व पर सभी नागरिकों से प्रेरक अनुरोध करते हुए कहा कि, विक्रम संवत-२०७० के नूतन वर्ष में भव्य भारत के विरल भविष्य के सृजन में हम भारत के नागरिक के तौर पर अपना दायित्व निभाएं।

CM greets the people on Diwali and New Year

मुख्यमंत्री का शुभकामना संदेश अक्षरशः इस प्रकार हैः-

भव्य भारत के ओजस्वी भविष्य के लिए गुजरात के विकास के तेजपूंज की जगमगाहट...

हमारी सांस्कृतिक विरासत अजर-अमर है।

भारतीय ऋषि-मनीषियों ने समाज जीवन की प्रत्येक संरचना और व्यवहार-संस्कार में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ऐसे अद्भुत ताने-बाने को गूंथा है कि कि हजारों-हजारों वर्ष से इसका सुनियोजित ढांचा हमें जीवन जीने की ताकत प्रदान करता है।

वेदवाणी कहती हैः ‘दीपाख्य ज्योति प्रकाशो।’ दीपशिखा का ज्योति प्रकाश हमारे जीवन को प्रकाशित करे।

बारह वर्ष पहले हमनें गुजरात में विकास की दीप-ज्योति प्रज्जवलित की थी। छह करोड़ गुजरातियों के परिश्रम सिंचन से आज गुजरात ‘विकास का तेजपूंज’ बनकर देश और दुनिया पर छा गया है।

वेद-विज्ञान की परंपरा का अनुसरण करते हुए हमने गुजरात के आधुनिक विकास के आधारस्तंभ के रूप में पंचशक्ति का विनियोग किया। प्राकृतिक संसाधनों और मानव शक्ति का समन्वय किया। जनभागीदारी पर आधारित स्वस्थ लोकतंत्र एवं विकास की राजनीति के सुशासन की अनोखी पहचान प्रस्थापित की।

पिछले १२-१२ वर्षों की यह विकासयात्रा छह करोड़ गुजरातियों के राज्य शासन के प्रति अनन्य भरोसे की परिणति है। सत्ता के भूखे और राजनीति का खेल खेलने वाले तत्कालीन शासकों ने राज्य के समाज-जीवन को संघर्ष में धकेल दिया था। अशांति, तनाव, साम्प्रदायिक दंगे और बदले की हिंसा के कलंकरूप भूतकाल को गुजरात ने मिटा दिया है।

गुजरात के सार्वजनिक जीवन में पहली बार राजनैतिक स्थिर शासन का रिकार्ड बनाने का श्रेय छह करोड़ गुजरातियों की शांति, एकता और भाईचारे की जनशक्ति को जाता है।

बारह वर्ष की इस विकासयात्रा ने न जाने कितने अभूतपूर्व अवरोधों का सामना किया।

देश के ही वर्तमान शासकों ने भारत के संघीय लोकतंत्र के अविभाज्य अंग समान गुजरात के खिलाफ राजनीतिक दुश्मनी और बैर के चलते अन्याय-अत्याचार करने में कोई कमी बाकी नहीं रखी। बावजूद इसके गुजरात कहीं, कभी भी झुका नहीं। गुजराती जिंदादिल मिजाज के साथ जूझारू बनकर सुशासन की दिशा में अविराम-अविश्रांतपूर्वक आगे बढ़ते रहे हैं।

यही वजह है कि, गुजरात का सुशासन और गुजरातियों का सामर्थ्य आज भारत के विकास के लिए पथप्रदर्शक बन गया है।

२१वीं सदी की शुरुआत में तो ऐसी सर्वसामान्य मान्यता उजागर हुई थी कि, भारत भी विकास के सामर्थ्य से दुनिया में शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अपना प्रभाव स्थापित करेगा। दु्र्भाग्य से २१वीं सदी के प्रथम दशक में ही वर्तमान शासकों ने सत्ताभूख और उसके भोगविलास में देश की आबरू को नीलाम कर दिया। सवा सौ करोड़ देशवासियों के स्वप्नों और संकल्पों को धूल-धुसरित कर दिया।

जबकि, गुजरात का विकास महज नक्शे या ग्राफ में ही नहीं है, बल्कि हर कोई गुजरात के विकास की आँखों देखी अनुभूति कर रहा है।

गुजरात ने देश के राजनीतिक जीवन सूरत और सीरत को बदल कर रख दिया है।

आज सभी के पास विकास की राजनीति के ‘गुजरात-पथ’ का अनुसरण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हर किसी को गुजरात जैसे विकास की तमन्ना है। गुजरात और गुजराती के लिए आदरभाव का सर्वमान्य माहौल, हमारी संस्कारिता का नजराना बन गया है।

हमनें सुराज के संकल्प के साथ, भव्य और दिव्य गुजरात के निर्माण में भी भारत के विकास को ही केन्द्रस्थान में रखा है। गुजरात के सुशासन और विकास की राजनीति में प्रत्येक नागरिक की देशभक्ति के कर्त्तव्य का भाव निहित है।

लोकतंत्र में जनचेतना का दायित्व निरंतर स्पंदित रखने के लिए मताधिकार का चुनावी पर्व भी सुराज की दिशा में विराट कदम है।

गुजरात की विकास शक्ति का तेजपूंज अब भारत के भविष्य के आशा-अरमानों को साकार करने का विराट सामर्थ्य रखता है। यह सच्चाई दैदिप्यमान दीप के रूप में सभी के मन में नये संकल्पों को जगमगा रही है।

हम बतौर गुजराती इसका स्वाभाविक गौरव लें और विक्रम संवत-२०७० के नव वर्ष में भव्य भारत के विरल भविष्य के सृजन में भारत के नागरिक के रूप में अपना दायित्व निभाएं।

सभी को दीपावली मुबारक और नव वर्ष की बधाई।