"Mr. Modi distributes cheques of Rs. 12.90 crore to 715 beneficiaries"
"Claims of 61,974 tribals on total 6.41 lack acre have been granted under Forest Right Act "

वांसदा में आदिवासियों के सशक्तिकरण का समारोह

दक्षिण गुजरात के १५००० आदिवासियों को मिले जंगल की जमीन के अधिकार पत्र

मुख्यमंत्री ने इनायत किए १४२५ करोड़ के कुल ९५२०६ एकड़ भूमि के अधिकार पत्र

वन विभाग की विविध योजनाओं के ७१५ लाभार्थियों को १२.९० करोड़ के चेक वितरित

आदिवासियों के लिए पथप्रदर्शक विकास किया गुजरात सरकार नेः मुख्यमंत्री

बिचौलिये अब नहीं पचा सकेंगे आदिवासियों की जमीन

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वांसदा में दक्षिण गुजरात के पांच जिलों के आदिवासियों को जंगल की जमीन के पैत्रिक अधिकार पत्र इनायत कर जीवन-यापन के लिए जंगल की जमीन जोतने का अधिकार दिया। विशाल वनवासी समुदाय से मुखातिब श्री मोदी ने कहा कि अब कोई बिचौलिया आंखों में धूल झोंककर आदिवासी किसानों को भ्रमित नहीं कर सकेगा। इस सरकार ने ही आदिवासी किसान को जमीन, पानी और बिजली की सुविधा मुहैया कराई है।

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने वन अधिकार धारा-२००६ के तहत राज्य के आदिवासियों को जंगल की जमीन का पैत्रिक हक देने का गतिशील अभियान शुरू किया है। आज नवसारी जिले के वांसदा में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत स्वीकृत १५ हजार आदिवासियों को १४२५ करोड़ रुपये मूल्य की जंगल क्षेत्र की कुल ९५२०६ एकड़ जमीन के अधिकार पत्र मुख्यमंत्री के हाथों इनायत किये गए।

आदिवासी कल्याण और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वांसदा में आयोजित आदिवासी अधिकार एवं सशक्तिकरण के इस समारोह में दक्षिण गुजरात के नवसारी, सूरत, तापी, वलसाड़ और डांग जिलों से विशाल संख्या में वनवासी बंधु उमड़ पड़े थे।

CM hands over land allotment letters to 15,000 tribals in south Gujarat

आदिवासियों के आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता के साथ श्री मोदी के हाथों वन विभाग की विविध योजनाओं के ७१५ लाभार्थियों को १२.९० करोड़ रुपये के लाभ-सहायता के चेकों का वितरण भी किया गया।

गुजरात में वन अधिकार धारा के अंतर्गत ६१९७४ आदिवासियों के कुल ६.४१ लाख एकड़ जमीन के व्यक्तिगत एवं सामूहिक पैत्रिक अधिकार के साथ दावों को स्वीकृत किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत ५७९७४ दावों की १.१४ लाख एकड़ जमीन के अधिकार मंजूर किये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में आदिवासियों और दलितों की संख्या २२ फीसदी है। इस सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति की २२ फीसदी आबादी को विकास के लिए सशक्त करने का अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि समाज की कतार में खड़े अंतिम इनसान के कल्याण के लिए बने कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गुजरात पथप्रदर्शक बना है।

श्री मोदी ने कहा कि जंगल की जमीन जोतने के अधिकार के लिए आदिवासी पीढ़ियों से खेती कर जमीन के मालिकाना हक के लिए संघर्ष कर रहे थे। परन्तु इस सरकार ने स्वयं चलकर आदिवासी किसानों की व्यापक भावनाओं में सहभागी बनते हुए उनके हक दावों के सुबूत तलाशने के लिए सैटेलाइट-बाइसेग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर आदिवासियों को सुबूत ढूंढकर दिए। सिर्फ यही नहीं, इस सरकार ने देश में बतौर पहली सरकार साहसिक कदम उठाते हुए सभी नामंजूर दावों के पुनःविचार का आदेश दिया।

किसी भी आदिवासी किसान को उसके हक-दावों के लिए सरकार के किसी भी तंत्र या नेताओं के पास जी-हुजूरी किये बगैर ही इस सरकार ने दावों पर पुनर्विचार शुरू कर २२००० नये दावों को स्वीकृति प्रदान की।

CM hands over land allotment letters to 15,000 tribals in south Gujarat

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने वन अधिकार धारा-२००६ के तहत पहल करते हुए जंगल की जमीन के अधिकारों को पैत्रिक हक का प्रावधान देते हुए ऐसी व्यवस्था की कि कोई भी बिचौलिया या स्थापित हित आदिवासियों की जमीन न पचा सके। इतना ही नहीं, वन अधिकार धारा के अंतर्गत पहली बार गुजरात सरकार ने सामूहिक सुविधा के दावों को स्वीकृति दी है और जंगल की जमीन में बुनियादी विकास कार्य करने की व्यवस्था की है। गुजरात ने ऐसा पथप्रदर्शक कार्य किया है कि भविष्य में देश के अन्य राज्यों के आदिवासियों के लिए इसका अनुसरण किया जाएगा। गुजरात में वन अधिकार धारा के तहत तकरीबन ३५७० जंगल की जमीन के सामूहिक अधिकार के दावे इसी सरकार ने मंजूर किये हैं।

मुख्यमंत्री ने गुजरात के समग्र आदिवासियों के कल्याण के लिए वनबंधु कल्याण योजना के तहत अब ४०,००० करोड़ रुपये का पैकेज पांच वर्ष के लिए मंजूर किया है। इसकी विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जंगल की जमीन जोतने के अधिकार दिए, आधुनिक कृषि विकास के प्रोत्साहन दिए और अब ३४५० करोड़ रुपये की लागत से अंबाजी से उमरगाम तक के आदिवासी क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा में बढ़ोतरी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके साथ ही पहाड़ी आदिवासी क्षेत्रों समेत करीबन ७०० तालाबों को भरने का अभियान चलाया है।

उन्होंने गुजरात के आदिवासी क्षेत्र डांग जिले के २४ घंटे बिजली आपूर्ति वाले पहले ज्योतिग्राम जिला बनने की याद दिलाते हुए कहा कि इस सरकार ने १२ वर्ष में आदिवासी क्षेत्र के १२ जिलों को मिलाकर बिजली प्रदान करने के लिए ८० नये सब स्टेशन बनाए और अन्य १८ सब स्टेशनों को इस वर्ष स्वीकृति दी है। आदिवासियों को खेती की जमीन, सिंचाई के लिए पानी और २४ घंटे बिजली मिले इस हेतु उनकी सरकार ने देश को नई राह बतलाई है।

वनबंधु कल्याण इस सरकार की आदिवासियों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की प्राथमिकता है और इसके अंतर्गत शिक्षा तथा उच्च शिक्षा-टेक्निकल शिक्षा की सुविधा के साथ कन्या शिक्षा का अभियान चलाया है।

समग्र आदिवासी क्षेत्र को मिलाकर इस सरकार ने विज्ञान संकाय की ९५ उच्च.माध्यमिक स्कूलें, हर तहसील में आईटीआई, इंजीनियरिंग, नर्सिंग और एग्रीकल्चर कॉलेजों की सुविधा मुहैया कराई है। भूतकाल में किसी सरकार का आदिवासियों के लिए जितना बजट नहीं था उससे कहीं ज्यादा इस सरकार ने आवंटन किया है।

वनबंधु कल्याण पैकेज के पहले पांच वर्ष में १५,००० करोड़ की योजना पूरी होने पर १७,००० करोड़ रुपये का खर्च हुआ है, जिसे आगामी पांच वर्ष के लिए ४०,००० करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है। इससे आदिवासी क्षेत्र में विकास की बुनियादी सुविधाओं को तेजी से अमलीकृत करना है। १०८ आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा ने आदिवासी गर्भवती माता और बच्चों की जिंदगियां बचाई हैं।

CM hands over land allotment letters to 15,000 tribals in south Gujarat

उन्होंने कहा कि आदिवासी भी राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बने, सशक्त बनें इसके लिए उनकी सरकार ने कल्याण का मार्ग बताया है।

श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार यानी एनडीए की सरकार के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आदिवासियों के लिए अलहदा मंत्रालय शुरू करवाया था। कांग्रेस ने वोट बैंक की खातिर आदिवासियों को गरीब रखने के लिए विकास के नाम पर धूल झोंकने का काम ही किया है।

आदिजाति विकास विभाग और वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत सिंह वसावा ने आदिवासी जनता के विकास के लिए श्री मोदी द्वारा आवंटित बजट की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्रोत्साहक नीतियों के चलते अब दक्षिण गुजरात की पूर्व पट्टी के आदिवासी इलाकों के किसान अब कृषि में सुधार की दिशा में अग्रसर हैं।

गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मंगूभाई पटेल ने कहा कि गुजरात के आदिवासियों को उनके हक की जमीन दिलाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार के साथ संघर्ष किया।

राज्यसभा सांसद भरतसिंहजी परमार तथा भूतपूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद कानजीभाई पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। आदिजाति विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया।

अधिकार पत्र के लाभार्थी वांसदा तहसील के लाभार्थियों ने अपनी प्रतिक्रिया में वन अधिकार धारा के इस लाभ के बाद स्थानीय खेती और वनीकरण की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति में हुए सुधार का जिक्र किया।

CM hands over land allotment letters to 15,000 tribals in south Gujarat

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