2003 में श्री मोदी श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां लेने स्विट्जरलैंड गए थे
2010 में श्री मोदी ने श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा के जीवन को समर्पित एक स्मारक, ‘क्रांति तीर्थ’ को समर्पित किया
4 अक्टूबर, 2012 को श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा की जन्म जयंती पर श्री नरेन्द्र मोदी ने इस क्रांतिकारी देशभक्त को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा गुजरात के सपूत थे और उनका जन्म कच्छ के मांडवी में 4 अक्टूबर, 1857 को हुआ था। श्री मोदी श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा को अपना एक आदर्श मानते हैं तथा उनकी विरासत को करोड़ों लोगों के दिलो दिमाग में बनाए रखने का प्रयास किया है।
Recreation of India house and statute of Shri Shyamji Krishna Varma & his wife at Kranti Teerth
उनकी अस्थियां वापिस लाई गईं :
श्यामजी कृष्ण वर्मा का स्वर्गवास 1930 में इस स्वप्न के साथ हुआ था कि उनकी अस्थियां स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद अपनी मातृभूमि पर वापिस लाई जाएं। भारत को 1947 में आजादी मिली, पर तत्कालीन सरकार ने उस व्यक्ति के आखिरी सपने को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया, जिसने अपना जीवन भारत माता की सेवा में समर्पित कर दिया था।
अगस्त 2003 में, वह नरेन्द्र मोदी थे जो स्विट्जरलैंड गए तथा खुद श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां तथा उनकी पत्नी को वापिस ले कर आए। इस कदम का लोगों द्वारा तथा खास तौर पर युवाओं द्वारा सराहा गया, जो श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा को अपने प्रेरणा स्रोत के रूप में देखते हैं।
Shri Modi receiving ashes of Shri Shyamji Krishna Varma at Switzerland in 2003
क्रांति तीर्थ : श्यामजी कृष्ण वर्मा को अमर कर देना
श्री मोदी ने एक ऐसी जगह की कल्पना की जहां पर श्री श्याम जी कृष्ण वर्मा की स्मृतियों को जीवन दिया जा सके, ताकि इस देश के लोगों को इस महान क्रांतिकारी के बारे में जानने के लिए और अधिक प्रेरित कर सकें। इसी कारण से क्रांति तीर्थ की सोच ने जन्म लिया। मुख्यमंत्री ने 4 अक्टूबर, 2009 को इस स्मारक की नींव रखी और 13 दिसंबर, 2010 को राष्ट्र को समर्पित किया।
श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जीवित करता हुआ क्रांति तीर्थ, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले कई स्मारक प्रदर्शन का स्थान है। इंडिया हाउस, जो कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है, इसे क्रांति तीर्थ में पुर्ननिर्मित किया गया है।
View of Kranti Teerth
क्रांति तीर्थ की मुलाकात लें तथा इस स्थान के बारे में और अधिक जानें
देशभक्ति के प्रतीक तथा बहुतों के लिए प्रेरणा
श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा देशभक्ति के प्रतीक थे तथा भारत माता के प्रति उनका समर्पण किसी भी सीमारेखा का मोहताज नहीं था। उनके आदर्शों ने उन्हें एक प्रेरणा का स्रोत बना दिया तथा उन्होंने कई क्रांतिकारियों में राष्ट्रभक्ति की अलख जगाई। उनसे अत्याधिक प्रभावित होने वालों में श्री वीर सावरकर, श्री मदनलाल ढिंगरा तथा लाला हरदयाल थे।
अंग्रेजों की सेवा कभी मत करो
श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा के बारे में एक किस्सा बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि वे वो थे जिन्होंने बहुत लोगों की मदद की, पर उनकी पूर्व शर्त रहती थी कि - आप अंगेजों के तहत सेवा नहीं करोगे..! भारत से मीलों दूर होने के बावजूद, भारत माता के लिए उनका जुनून और भक्ति उनकी अंतिम सांस तक मुकम्मल रही।
भारतीय स्वतंत्रा संग्राम का सही इतिहास प्रस्तुत करो : श्री मोदी
कई बार, श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करने की आवश्यकता की बात की है। यह विरूपण हुआ है क्योंकि हममें से कुछ अभी भी अंग्रेज मानसिकता के शिकार हैं, जबकि कुछ के लिए ये देश जमीन के एक टुकड़े से ज्यादा कुछ भी नहीं है। उसी प्रकार, उन्होंने इतिहास को मात्र एक ही परिवार के त्याग और बलिदान के चश्में से आगे देखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। आज जब हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं, तब हमें श्यामजी कृष्ण वर्मा जैसे लोगों को नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने अपनी पूरी जिदंगी उस भारत को बनाने में लगा दी, जहां लोग अपना सिर उठा कर चल सके तथा किसी भी प्रकार के अन्याय और विदेशी अधीनता के लिए कोई जगह नहीं हो..!
Inside Kranti Teerth