ज्यादा खुशबू गुजरात की..!

आइये उस धरती पर जहाँ कभी सरस्वती नदी हिलोरे लेती थी, भगवान बुद्ध ने जहाँ प्रवास किया था, सापुतारा के मानसून उत्सव का लुत्फ उठाएं और राज्य में बनने वाले हस्तशिल्प को निहारें..!

सूर्य देवता के प्रति आस्था को समर्पित मंदिर देंखे, मां अंबे का आशीर्वाद लें तथा देखने जाने के लिए हमेशा कच्छ का रन तो है ही..!

यह सब तथा और भी नवीनतम


“आईये, कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में..!”

अमिताभ बच्चन द्वारा टीवी स्क्रीन पर कहे गए ये शब्द कई पर्यटकों के दिल और दिमाग पर कभी ना मिटने वाला संदेश छोड़ गए हैं। यही गुजरात जो कुछ समय पहले तक बेहतरीन पर्यटक देने वालों के नाम से जाना जाता था, आज अपने आप में एक जीवंत पर्यटन स्थल बन गया है, जो पूरी दुनिया से पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है। यह श्री नरेन्द्र मोदी का खयाल था कि प्रचुर इतिहास, संस्कृति एवं प्राकृतिक खूबसूरती वाली धरती एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरे तथा आज वह सपना सच हो गया है। ‘खुशबू गुजरात की’ कैम्पेन के कारण, पिछले दो सालों में पर्यटकों की गुजरात में उपस्थिति में 30% की ज़बर्दस्त वृद्घि देखी गई है। (2009-10 में 1.70 करोड़ से 2011-12 में 2.23 करोड़) यहां, हम आपके लिए ‘खुश्बू गुजरात की’ के ताजा विज्ञापन प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपको गुजरात के खूबसूरत वास्तुकला की विरासत को दर्शाता है – मोढेरा और पाटण के सूर्य मंदिर तथा वडनगर का कीर्ति तोरण; ये आपको मां अंबे के चरणों में ले जाएंगे तथा आपको गुजरात के बौद्घ केन्द्रों के आस-पास ले जाएंगे। ये आपको राज्य में बनने वाले वाईब्रेंट हस्तशिल्प की एक विशेष झाँकी देंगे तथा कच्छ के रन तथा सिद्घपुर, जहां पर कभी सरस्वती नदी बहा करती थी, की झलक दिखाएंगे। सांसों को थाम लेने वाले सापुतारा के विहंगम दृश्यों पर एक नजर डालिए..! इन वीडियो का आनंद लें और और यदि आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है... तो आईये, कुछ पल तो गुजारिए गुजरात में..!
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