डांगः ६४वें गणतंत्र दिवस का राज्यस्तरीय समारोह

राष्ट्रीय पर्व को सामाजिक उत्सव और विकास पर्व के रूप में डांग के चरणों में अर्पित किया है – मुख्यमंत्री

आहवा:वनलक्ष्मी विकास उत्सव

मुख्यमंत्री ने किए अनेक उद्घाटन

आदिवासी पूर्वी पट्टे में वनबन्धु योजना से विकास के नये कार्य प्राणवान- गतिशील बने

गुजरात की वनबन्धु कल्याण योजना आदिवासियों के विकास के लिए अभ्यास का विषय बनी

साग के वृक्ष की खेती करो: उसमें से बैंक सिक्युरिटी मिलेगी,लोन सुविधा मिलेगी,डांग को साग के वृक्ष लगाने में बैंक लोन मिलेगा

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि राष्ट्रीय पर्व का महोत्सव सरकारी कर्मकांड न बने बल्कि इसमें समाज उत्सव का प्राण डालकर विकास पर्व के रूप में मनाने का सिलसिला इस सरकार ने पिछले दस साल से प्रारम्भ किया है। इसके परिणामस्वरूप ही गुजरात के दूरदराज के क्षेत्रों में बसे लोगों को विकास में भागीदार बनाया गया है।

डांग जिले ने भी अब विकसित जिले की कतार में खड़े होने का सामर्थ्य हासिल कर लिया है। उमरगाम से अम्बाजी तक के आदिवासी इलाके में शिक्षा की भूख जागी है क्योंकि इस सरकार ने भूतकाल की सरकारों की उदासीनता से बाहर आकर तहसीलों तक में विज्ञान विषय की शालाएं शुरु की हैं।

गणतंत्र पर्व का राज्य स्तरीय समारोह मना रहे डांग जिले के आहवा में मुख्यमंत्री ने वनलक्ष्मी विकास उत्सव के अंतर्गत राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और गरीबलक्ष्यी कार्यक्रमों के लाभार्थियों, आदिवासी किसानों,सखीमंडलों की आर्थिक गतिविधियों में कार्यरत महिलाओं को लाभों का वितरण किया। र्वजनिक जनसुविधाओं के कई कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण के कार्यक्रम भी सम्पन्न किए। वनबन्धु योजना, मुख्यमंत्री अमृतम-मा योजना के लाभार्थियों और वन अधिकार धारा के तहत आदिवासियों को जंगल की जमीन के अधिकारपत्र भी श्री मोदी ने प्रदान किए।

इस मौके पर श्री मोदी ने कहा कि गुजरात की सीमा पर स्थित सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में बसे डांग के आदिवासियों के चरणों में विकास पर्व के तौर पर गणतंत्र पर्व को रख दिया है। पूरे आदिवासी पूर्वी इलाके में स्कील डवलपमेंट के उत्तम हुनर कौशल्य की तालिम उपलब्ध करवाई गई है जिसके कारण हजारों विद्यार्थी- युवा सक्षम बने हैं। 100 युवा विदेश में इस आदिवासी समाज में से अभ्यास करते हैं। 15 आदिवासी युवा कॉमर्शियल पायलट की तालिम ले रहे हैं। आदिवासी कन्याएं नर्सिंग सहित कई कौशल्य विकास के प्रशिक्षण द्वारा नयी शक्ति बनकर बाहर उभरी हैं। खेलकूद के क्षेत्र में आदिवासी युवा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मैदान मार रहे हैं। डांग जिले में 180 करोड़ के विकास का लाभ मिल रहा है जो जिले को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा। आदिवासी पूर्वी पट्टे में कृषि विकास और सिंचाई की सुविधा के आधुनिक लाभ इससरकार ने दिए हैं। इसकी भूमिका में श्री मोदी ने कहा कि वाडी प्रोजेक्ट, काजु की खेती, सब्जी की खेती से कृषि क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में आदिवासी किसान प्रोत्साहित हुए हैं। जंगल की जमीन के अधिकारपत्र देकर उनके अधिकारों की रक्षा अनेक उलझनों को हटाकर हजारों आदिवासियों को जंगल की जमीन के अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विकास के टुकड़े डालकर आदिवासियों को लाचारीभरी जिन्दगी जीने को मजबूर करने के बजाए वनबन्धु योजना को व्यापक पैमाने पर ले जाकर 40,000 करोड़ का नया पैकेज अमलिकृत किया है। वनबन्धु कल्याण योजना अब आदिवासियों के कल्याण पर अभ्यास के लिए देशभर में उदाहरण बनी है।

इस अवसर पर डांग जिले के प्रभारी सचिव एसके. नन्दा ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्य सचिव एके. जोति, विधायक मंगल भाई गावित, मंगुभाई पटेल, जिला पंचायत प्रमुख श्रीमती बीबीबेन चौधरी, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश किशोर, वन विभाग के अग्र सचिव एसके.दास, समाज कल्याण समाज कल्याण के अग्र सचिव संजय प्रसाद, अग्र मुख्य वन संरक्षक एचके. गोहिल, जिला विकास अधिकारी बीके. ठक्कर, डांग के राज, जिले के जनप्रतिधिगण और नागरिक मौजूद रहे।

प्रारम्भ में वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक एसके. चतुर्वेदी ने स्वागत भाषण दिया जबकि अंत में उप वन संरक्षक एमए. चौधरी ने सभी का आभार जताया।