"Narendra Modi takes on vested interest group that keeps attacking Gujarat"
"Narendra Modi cites Commerce Ministry Report that lauds Gujarat’s land acquisition policy"
"Do not defame people of Gujarat for your own selfish politics, Narendra Modi tells Congress"
"Earlier SC and High Court have also lauded Gujarat’s Land Acquisition Model"

गुजरात की निंदा करने का एक भी मौका न गंवाने वाले कांग्रेस अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष को करारा जवाब देते हुए एनडीए के प्रधानमंत्री उम्‍मीदवार श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वाणिज्‍य मंत्रालय से संबंधित उस रिपोर्ट के नतीजों पर प्रकाश डाला है जिसने गुजरात की भूमि अधिग्रहण नीति की प्रशंसा की है। श्री मोदी ने गुजरात के लिए अपशब्‍द बोलने वाले कांग्रेसी नेताओं से कहा कि वे छह करोड़ गुजरातियों का अपमान करने से पहले इस रिपोर्ट को पढ़ें। उन्‍होंने यह बात भारत भर में 100 से अधिक स्‍थानों पर भारत विजय 3डी रैलियां संबोधित करते हुए कही।

‘भारत में राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में व्‍यवसायिक माहौल सुधारने के सर्वश्रेष्‍ठ तरीके’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में सर्वश्रेष्‍ठ तरीकों को शामिल किया गया है जिन्‍हें देश दूसरे इलाकों में व्‍यवसायिक माहौल बेहतर बनाने में कर सकता है। इन्‍हीं नतीजों में कई ऐसी बातें भी हैं जो गुजरात से संबंधित हैं।

गुजरात में जमीन संबंधी व्‍यवस्‍था के बारे में रिपोर्ट कहती है कि गुजरात में जो मॉडल व्‍यवहार में लागू किया गया है उसमें जमीन पाने की प्रक्रिया में जटिलता कम होती है। रिपोर्ट में भूमि अधिग्रहण, भूमि विकास और ढांचागत सहयोग तथा भूमि आवंटन की सर्वश्रेष्‍ठ विधियों की सराहना की गयी है।

रिपोर्ट में एक अहम बात यह कही गयी है कि जमीन की कीमत का निर्धारण बाजार मूल्‍य पर आधारित होता है जो कि वैज्ञानिक विधि से तय होता है ताकि किसानों के लिए अच्‍छा लाभ सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही जिस परिवार की जमीन अधिग्रहीत की जाती है उसके एक सदस्‍य के लिए रोजगार का प्रावधान भी इस नीति में है।

जमीन के बारे में सूचना ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्‍ध होती है जिस पर जमीन की उपलब्‍धता, बिजली, गैस, बंदरगाह से दूरी, हवाई अड्डा और एसईजेड सहित उन 65 पैरामीटर की जानकारी दी हुई होती है जो एक उद्यमी की जरूरत के हिसाब से महत्‍वपूर्ण हैं। इसके अलावा उद्यमियों के लिए एक ऑनलाइन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली भी मौजूद है।

रिपोर्ट में यह भी उल्‍लेख है कि गुजरात के भूमि मॉडल को फिक्‍की, सीआईआई और योजना आयेाग की विभिन्‍न रिपोर्ट में व्‍यवसायिक माहौल बेहतर बनाने में एक कारगर मॉडल के रूप में मान्‍यता दी गयी है।

रिपोर्ट में गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) की एक्‍सजीएन (विस्‍तारित हरित नोड) में विभिन्‍न खूबियां समाहित करने की व्‍यवस्‍था की सराहना भी की गयी है। रिपोर्ट का कहना है कि इस व्‍यवस्‍था को दूसरे राज्‍यों में भी इसी तरह लागू किया जा सकता है।

रिपोर्ट में गुजरात सरकार जन-केंद्रित सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का शानदार चित्रण किया गया है। यह रिपोर्ट कांग्रेस को करारा जवाब है जो गुजरात और श्री नरेन्‍द्र मोदी के बारे में मिथ्‍या प्रचार करती है। वाणिज्‍य मंत्री जो खुद कभी गुजरात को अपशब्‍द कहने का मौका नहीं चूकते वह भी इस रिपोर्ट पर टिप्‍पणी कर सकते हैं क्‍योंकि यह रिपोर्ट उन्‍हीं के अधीन मंत्रालय से आयी है।

यहां यह बताना भी महत्‍वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी गुजरात में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता की तारीफ की है। हाल ही में गुजरात उच्‍च न्‍यायालय ने टाटा नैनो के संयंत्र के बारे में अपने फैसले में कहा था कि सभी प्रक्रियाओं का पूरी तरह पालन किया गया और कोई भी त्रुटि नहीं हुई।

प्रचार में किसी रचनात्‍मक मुद्दे के अभाव में कांग्रेस के नेता गुजरात मॉडल के बारे में नये-नये विशेषण गढ़ने में व्‍यस्‍त हैं। उन्‍हें अपनी बचकानी आदतों के अनुरूप विकास के बजाय गुब्‍बारे और टॉफी ही दिखायी देते हैं। यह रिपोर्ट दिखाती है कि किस तरह कथित टॉफी गुजरात के लिए एक और ट्रॉफी लेकर आयी है। इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस के नेताओं के पास नकारात्‍मक सोच और झूठ की टॉफी सिवाय कुछ नहीं बचा है।

इस तथ्‍य के मद्देनजर कि हमने एक ऐसी सरकार देखी है जिसका विकास में भरोसा नहीं है और जिसने पर्यावरण मंत्रालय को भ्रष्‍टाचार तथा लालफीताशाही का पर्याय बना दिया है, आज जारी यह रिपोर्ट इस बात का सुखद एहसास कराती है कि किस तरह गुजरात त्‍वरित विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है और साथ ही उसने पर्यावरण का ख्‍याल भी रखा है।

For more details you can read