जम्मू कश्मीर के विपक्षी दलों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
राष्ट्र और केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के साथ खड़े हैं- प्रधानमंत्री।
केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के विकास और वहां की स्थिति फिर से सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
संविधान के ढांचे के भीतर, समस्या के स्थायी और दीर्घकालिक हल के लिए वार्ता होनी चाहिए- प्रधानमंत्री।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य के विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसमें नैशनल कांफ्रेंस के श्री उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के श्री गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के श्री हकीम मोहम्मद, सीपीएम के श्री एम. वाई. तारिगामी, डेमोक्रेटिक पार्टी नैशनेलिस्ट के श्री गुलाम हसन मीर एवं अन्य नेता शामिल थे। बैठक में सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने राज्य के मौजूदा हालात पर काफी दुख और चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हाल में हुई अशांति के दौरान जिन लोगों ने जान गंवाई हैं वे हमारे, हमारे देश का हिस्सा हैं। मारे गए लोगों में चाहे हमारे युवा हों या सुरक्षाकर्मी अथवा पुलिस, यह हमें दुखी करता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और देश जम्मू-कश्मीर के साथ खड़ा है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को लोगों के बीच जाकर उन्हें यह संदेश देना चाहिए। उन्होंने राज्य और वहां के लोगों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अपील की।

प्रधानमंत्री ने बैठक में दिए गए रचनात्मक सुझावों की सराहना की और दोहराया कि उनकी सरकार राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि बातचीत होनी चाहिए और हमें संविधान के दायरे में एक स्थायी समाधान तलाशन की जरूरत है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य में समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया।