अजय माकन से गुजरात के मंत्रियों के तीखे सवाल
क्या गुजरात को युपीए की कांग्रेसी सल्तनत भारत का अंग मानने को तैयार नहीं
भारत के विकास में गुजरात के योगदान को स्वीकारने के बजाए दुश्मन मानते हो?
मुख्यमंत्री श्री मोदी द्वारा एनडीए सरकार और युपीए सरकार के कार्यों के हिसाब से मुकाबला करने की चुनौती को स्वीकार क्यों नहीं करता केन्द्र ?
कांग्रेसी नेता अजय माकन द्वारा गुजरात के बारे में कहे गये झूठ को गुजरात के मंत्री भुपेन्द्र चूडास्मा ने दी चुनौती
गुजरात के विकास के विकृत चित्रण पर अजय माकन की तीखी आलोचना
शिक्षा, खेलकूद और पर्यटन सहित गुजरात के विकास के कांग्रेसी झूठ का पर्दाफाश
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा और राज्य मंत्री श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी ने गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र के कार्यों का हिसाब मांगने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता अजय माकन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि अजय माकन इस तरह से गुजरात के खिलाफ झूठ बोल रहे हैं जैसे गुजरात भारत का अंग ही नहीं है और दुश्मन प्रदेश है।गुजरात के दोनों मंत्रियों ने अजय माकन के झूठ को चुनौती देते हुए कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने पूना में कांग्रेस शासित युपीए सरकार के 9 वर्ष के कुशासन और भ्रष्टाचार का पूरा ब्यौरा जनता के सामने रखा था। देश की जनता को युपीए सरकार के कामों का हिसाब मांगने का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है। श्री मोदी ने गुजरात के चुनावों में जनता के समक्ष अपने कार्यों का हिसाब देकर लगातार तीसरी बार जनता का विश्वास जीता है। अब लोकसभा के चुनावों में युपीए सरकार के कार्यों का हिसाब जनता मांग रही है। 9 साल में कांग्रेस ने देश की जनता के काम किए ही नहीं है इसलिए अब खुद की गलतियों को छिपाने के लिए गुजरात से दुश्मन देश की तरह व्यवहार कर रही है। गुजरात सरकार के मंत्रियों ने अजय माकन द्वारा गुजरात के विकास को विकृत ढंग से पेश किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री रह चुके अजय माकन को पता होना चाहिए कि पर्यटन, खेलकूद और शिक्षा के विकास के लिए भारत की कांग्रेस शासित सरकार ने ही गुजरात सरकार को बेस्ट अवार्ड दिए हैं।
अजय माकन के बयान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए गुजरात के मंत्रियों ने कहा कि युपीए सरकार के शासन में सेंट्रल युनिवर्सिटियां 17 से 44 हुई हैं ऐसा उन्होंने कहा है, जबकि नरेन्द्र भाई मोदी के दस वर्ष के शासनकाल में युनिवर्सिटियां 11 से बढ़कर 44 हुई हैं। समग्र देश में आज करोड़ों युवाओं के स्कील डवलपमेंट के रोजगारपरक हुनर कौशल्य के सपने युपीए सरकार ने तोड़ डाले हैं जबकि गुजरात को कांग्रेसी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से श्रेष्ठ कौशल्यवर्धन केन्द्रों को दिया जाने वाला स्कील डवलपमेंट का बेस्ट पब्लिक सर्विस अवार्ड मिला है। क्या अजय माकन इस सच्चाई को नकार सकेंगे? गुजरात में मुख्यमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से ही देश की प्रथम स्कील युनिवर्सिटी शुरु हुई है। कांग्रेस शासित युपीए सरकार के ही श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुजरात के स्कील डवलपमेंट मॉडल को उत्तम करार देकर स्वीकार किया है।
टूरिज्म (पर्यटन) के क्षेत्र में अजय माकन ने गुजरात को बदनाम करने के लिए भी झूठ का सहारा लिया है, जिसे चुनौती देते हुए गुजरात के मंत्रियों ने कहा कि कांग्रेस की युपीए सरकार ने इन्क्रेडिबल इंडिया के विज्ञापनों में गुजरात के सोमनाथ, गीर के एशियाटिक सिंहों के अभ्यारण्य, द्वारिका, कच्छ के रेगिस्तान जैसे वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने वाली विरासतों को कैसे बाहर रखा है? गुजरात के पर्यटन की विरासत क्या भारत का गौरव नहीं है? गुजरात सरकार ने तो दस साल में पर्यटन विकास के लिए ऐसा ध्यान केन्द्रित किया कि देश के पर्यटकों की संख्या में गुजरात में पर्यटकों की तादाद 17 प्रतिशत बढ़ गई है। केन्द्र की युपीए सरकार ने ही फरवरी 2013 में गुजरात को पर्यटन के लिए तीन अवार्ड दिए हैं। फिर कैसे अजय माकन को गुजरात का विकास खटकता है?
श्री माकन द्वारा दिए गए कई आंकड़े झूठे और भ्रामक हैं। वास्तव में तो भारत सरकार की मार्च 2013 की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में मध्यान्ह भोजन के वर्किंग डे 94-95 प्रतिशत थे। इसी प्रकार खाद्यान्न का उपयोग गुजरात में 87 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 84 प्रतिशत है। प्राथमिक शालाओं में गैस आधारित कुकिंग, पेयजल और टोइलेट्स की सुविधाओं का राष्ट्रीय औसत 95 प्रतिशत है जबकि गुजरात का प्रतिशत 96 है। इस विषय पर झूठे आरोप लगाने से पहले श्रीमाकन को भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की मार्च 2013 वाली रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए।
श्री माकन को गुजरात के पर्यटन की बात करने से पूर्व भारत के पर्यटन मंत्रालय से पूछ लेना चाहिए था। फरवरी 2013 में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने एक साथ तीन पुरस्कार गुजरात को प्रदान किए हैं। इनमें सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग केम्पैन के लिए पर्यटन विकास में आईटी के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए और देश में उभरते देश के तीसरे श्रेष्ठ डेस्टिनेशन का पुरस्कार शामिल है। इससे पहले वैश्विक स्तर पर पाटा द्वारा भी गुजरात के पर्यटन संबंधी प्रयासों को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गुजरात में 2001 से खेलकूद को खास महत्व दिया जा रहा है और शालाकीय खेलों में एसजीएफ द्वारा जो प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं उनको 96-97 में 25 मेडल और 98-99 में 26 मेदल मिले थे। स्मरण रहे, इन दोनों समयकाल में कांग्रेस की सरकार थी जबकी हाल ही में गुजरात में खेल महाकुम्भ जैसे कार्यक्रमों की वजह से 2011-12 में 154 और 2012-13 139 मेडल गुजरात ने जीते हैं।
जूनागढ़ जिले की सरखडी गांव की बेटियां इस साल राष्ट्रीय चैम्पियन बनी हैं। इसी प्रकार वॉलीबॉल की गुजरात चैम्पियन टीम राष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉंज मेडल लाई है। स्केटिंग, वॉलीबॉल और योगा, तीनों का गुजरात चैम्पियन है जबकि में तो अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन है। व्यक्तिगत स्तर पर स्वीमिंग, शूटिंग, टेनिस, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स और बिलियर्ड में गुजरात के राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी हैं।
शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाली रक्षाशक्ति युनिवर्सिटी, फॉरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी, स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी, स्कील युनिवर्सिटी और पेट्रोलियम युनिवर्सिटी जैसी विशिष्ट मानव संसाधन युनिवर्सिटियों द्वारा शिक्षा के लिए पहल की गई है परंतु अजय माकन गुजरात को साक्षरता के मामले में 18 नम्बर पर दर्शाकर खुश हो रहे हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि नरेन्द्र भाई मोदी केक शासन में आने से पहले कांग्रेस ने ही गुजरात को शिक्षा में पिछड़ा रखने का पाप किया था। सर्व शिक्षा अभियान में केन्द्र की सहायता से देश में एकमात्र गुजरात के शिक्षकों को वेतन के लिए सहायता ,विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों और युनिफॉर्म की केन्द्रीय सहायता से वंचित रखा गया है। क्यों? श्री मोदी ने तो कांग्रेस का कन्या शिक्षा की दुर्दशा और प्राथमिक शिक्षा की अवदशा का पाप मिटाने के लिए ही कन्या केलवणी और शाला प्रवेशोत्सव जैसे आन्दोलन चला रखे हैं।
दोनों मंत्रियों ने अजय माकन के गुजरात में 57 प्रतिशत ड्रॉपरेट के झूठ को चुनौती देते हुए कहा कि यह सच्चाई हो तो साबित करे माकन। केन्द्रीय योजना आयोग ने भी गुजरात में पिछले दस वर्ष में कक्षा 5 से 7 में प्राथमिक शिक्षा में ड्रॉप आउट करीब 7 प्रतिशत होने की रिपोर्ट दी है। यह कांग्रेसी शासन में गुजरात में 37 था। महिला साक्षरता दर 2001 में 58 प्रतिशत थी जो दस साल में बढकर 71 हुई है। यह केन्द्र सरकार की जनसंख्या गणा रिपोर्ट में कहा गया है, इस पर माकन साहब क्या कहेंगे?
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात को बदनाम करने के आरोपों पर मंत्रियों ने कहा कि गुजरात में 442 कॉलेजें थी जो आज दस साल में बढ़कर 1762हो गई हैं। इंजिनियरिंग और मेनेजमेंट की सीटें 22535 से बढ़कर 1,23, 592 हुई हैं, दस वर्ष में यह हुआ है। आईटीआई 275 से बढ़कर 1054 हो गई क्या यह शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात की प्रगति और पूर्व की कांग्रेसी सरकारों की उपेक्षा की गवाह नहीं? गुजरात सरकार के मंत्रियों ने सवाल किया कि युपीए की कांग्रेस सल्तनत गुजरात के साथ दुश्मन जैसा सलूक कर राज्य को बदनाम कर रही है। श्री मोदी द्वारा पूना में एनडीए के 6 वर्षीय शासन और युपीए के 9 वर्ष के शासन का हिसाब देकर मुकाबला करने से कांग्रेस क्यों डर रही है?