महामहिम राष्ट्रपति थेन सेन जी,
महामहिम,
सबसे पहले मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ तथा उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए एवं गर्मजोशीपूर्ण अतिथि सत्कार के लिए मैं आपका और म्यांमार के लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूँ जिसके लिए इस सुंदर शहर को जाना जाता है। पड़ोसी के रूप में भारत को इस कार्यक्रम के मेजबान के रूप में म्यांमार की सफलता से बहुत गर्व एवं खुशी हो रही है।
6 माह पहले सत्ता में आने के बाद से मेरी सरकार प्राथमिकता की बहुत बड़ी भावना के साथ आगे बढ़ रही है तथा हमारी‘पूरब की ओर देखो नीति’ को ‘पूरब में काम करो नीति’ में परिवर्तित किया है। पूर्वी एशिया शिखर बैठक इस नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
कोई अन्य मंच वैश्विक आबादी, युवा, अर्थव्यवस्था एवं सैन्य ताकत के इतने बड़े सामूहिक भार को एक मंच पर नहीं लाता है। और न ही कोई अन्य मंच एशिया प्रशांत क्षेत्र में एवं पूरे विश्व में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए इतना महत्वपूर्ण है।
पिछले आठ शिखर बैठकों में, हमने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है। हमने महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। हमने वार्ता एवं सहयोग की एक संस्कृति एवं आदत डालनी शुरू कर दी है।
इसी भावना के साथ, हमें ऊर्जा साझेदारी पर भी बड़ी पहलों की शुरूआत करनी चाहिए, उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जिसका उद्देश्य सभी के पहुंच के अंदर सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा को लाना होना चाहिए।
महामहिम, इबोला ने एक बार फिर महामारियों से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को उजागर किया है। भारत ने इबोला के विरूद्ध प्रयासों में 12 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान दिया है। हमने लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन के अंग के रूप में 251 पुलिस कर्मी भेजे हैं जिनमें 104 महिला कर्मी शामिल हैं। वे सभी लाइबेरिया में अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं।
आपदा तैयारी एवं प्रत्युत्तर में पूर्वी एशिया शिखर बैठक द्वारा की गई पहलें सही मायने में सराहनीय हैं।
महामहिम, हमारे क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से अनेक जटिल एवं अनसुलझे प्रश्न हैं इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के बीच समझ एवं आत्मविश्वास का वातावरण सुदृढ़ करने के लिए एक गंभीर एवं स्थाई वार्ता की जरूरत है।
परस्पर निर्भर एवं भूमंडलीकरण वाले विश्व में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों एवं मानदंडों का पालन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। यह समुद्री सुरक्षा पर भी लागू होता है।
इस वजह से, दक्षिण चीन सागर में भी शांति एवं स्थिरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं मानदंडों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इसके तहत समुद्र के कानून पर 1982 का संयुक्त राष्ट्र अभिसमय भी शामिल है, जो विवादों के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे का आधार होना चाहिए। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सर्वसम्मति की प्रक्रिया के माध्यम से दक्षिण चीन सागर पर एक आचार संहिता लागू करने में शीघ्र सफलता मिलेगी।
हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि साइबर एवं अंतरिक्ष संयोजकता एवं समृद्धि का स्रोत बने रहें, न कि संघर्ष के लिए नए खतरे उत्पन्न करें।
आतंकवाद एवं अतिवाद की चुनौतियों में वृद्धि हुई है। दवाओं की तस्करी, हथियारों की तस्करी एवं धन शोधन के बीच घनिष्ठ संबंध है।
हम इस्लामिक स्टेट पर पूर्वी एशिया शिखर बैठक की घोषणा का समर्थन करते हैं। साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ व्यापक कार्रवाई के लिए सभी तरह के आतंकवाद के विरूद्ध सही मायने में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की जरूरत है। जो लोग मानवता में विश्वास रखते हैं उन्हें जरूर आगे आना चाहिए। हमें धर्म एवं आतंकवाद के बीच किसी संबंध को भी अस्वीकार करना चाहिए।
महामहिम, एक संतुलित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी करार, जो समान रूप से माल एवं सेवाओं पर बल देता है, क्षेत्रीय एकीकरण एवं समृद्धि के लिए स्प्रिंगबोर्ड बन सकता है।
महामहिम, हम 2015 में एक आसियान समुदाय के सृजन के लक्ष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हैं। आसियान की सफलता एशिया – प्रशांत क्षेत्र के वृहद एकीकरण के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एशिया की केंद्रीय भूमिका एवं नेतृत्व में भारत को बहुत विश्वास है।