दिल्ली में ‘केदारनाथ साहनी स्मृति ग्रंथ’ पुस्तक के विमोचन के दौरान प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि नेताओं के नैतिक मूल्यों में इतनी गिरावट आ गई है कि अब वो खुलेआम कालेधन का पक्ष ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि ये दुर्भाग्य है कि देश का एक वर्ग बेशर्मी के साथ कह रहा है कि वो भ्रष्टाचार और कालेधन के साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये लोग जो कालेधन रूपी बुराई का झंडा लेकर साथ  निकले हैं, समाज के लिए खतरनाक है। जो भ्रष्टाचार पर नैतिक मूल्यों को त्याग देता है, तो आने वाली पीढ़ी उसे कभी माफ नहीं करती। लेकिन हम अपने अंदर के मूल्यों को गिरने नहीं देंगे क्योंकि राष्ट्रहित ही हमारी पहचान है और यही हमारे मूल्य भी।