लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम, हैदराबाद

11 अगस्त, 2013

मंच पर बिराजमान श्रीमान वैंकया गारू जी, श्री बंगारू लक्ष्मण गारू जी, श्री वी. रामाराव गारू जी, आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान किशन रेड्डी गारू जी, सोदरा-सोदरी, मनोलारा, नमश्कारम्..!

भारत देशा.... (तेलुगू में भाषण) .....

... और आप लोग 17 सितंबर को हैदराबाद लिबरेशन डे मनाते हैं और मेरा सौभाग्य है कि उस दिन मुझे आपकी याद विशेष आती है क्योंकि 17 सितंबर मेरा जन्म दिन भी है..! मैं आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का हृदय से अभिनदंन करता हूँ कि उन्होंने इस पॉलिटिकल सभा का समाज सेवा के लिए उत्तम तरीके से उपयोग किया और मैं आंध्र प्रदेश के युवकों को भी अभिनंदन देता हूँ कि उन्होंने इस जनसभा में पाँच रूपया रजिस्ट्रेशन फीस देकर के उत्तराखंड के पीड़ितों के दर्द के साथ अपने आपको जोड़ने का उत्तम प्रयास किया है और इसलिए आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी एवं आंध्र के नौजवानों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूँ..!

भाइयों-बहनों, सार्वजनिक जीवन में ऐसी दिल को छू लेने वाली घटनाएं कभी-कभी मनुष्य जीवन के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बन जाती है। एक सिख परिवार जो आंध्र में आकर के बसा, जिसका बेटा केनेडा में रहता है। उनकी अस्सी साल से बड़ी आयु की माँ इस कार्यक्रम में आना चाहती थीं। केनेडा से उसका बेटा ट्विटर पर लिखता है और आज मुझे इस कार्यक्रम में उस माँ के चरण छूने का अवसर मिला, उस माँ का आशीर्वाद पाने का अवसर मिला..! मित्रों, मैं हैरान हूँ..! एक बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी, उन्होंने इस सभा में आने के लिए अपने परिवार के साथ सत्याग्रह किया, तीन दिन अन्न छोड़ दिया और कहा कि मुझे वहाँ ले जाने का प्रबंध करो और तब जा कर के उन्होंने अन्न लिया..! इनकी ये तपस्या, उनका ये आशीर्वाद, उनको भारत की कितनी चिंता है उसका प्रतिबिंब है..! मैं उन दोनों महानुभावों को अंत:करण पूर्वक नमन करता हूँ और ये घटना मेरे जीवन में सदा सर्वदा प्रेरणा देने वाली घटना रहेगी..! क्योंकि देश में जब राजनीति पर से भरोसा उठता चला गया है, राजनेताओं पर से भरोसा उठता चला गया है, दिल्ली की सल्तनत के एक के बाद एक कारनामों ने हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी के दिल से एक भरोसा तोड़ा है..!

Navbharat Yuva Bheri at Hyderabad

भाइयों-बहनों, यहाँ इतने सारे नौजवान आए हैं, लेकिन जब मैं रास्ते से आ रहा था तो इससे भी डबल संख्या में नौजवान बाहर हैं, वे अंदर नहीं आ पाएं है..! मैं उन सभी नौजवानों की क्षमा मांगता हूँ और मैं उनको विश्वास दिलाता हूँ कि इस स्टेडियम में जगह हो या ना हो, लेकिन मेरे दिल में आपके लिए बहुत जगह है..! आप तो मुझे वहाँ पर लगे टी.वी. से देख रहे हैं, लेकिन मेरा इतना सौभाग्य नहीं है नौजवान मित्रों, मैं आपको यहाँ से देख नहीं पा रहा हूँ। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूँ कि मुझे जब भी मौका मिलेगा, मैं आंध्र में दोबारा आउँगा और जिन नौजवानों के दर्शन आज नहीं कर पाया हूँ, उनके दर्शन मैं दोबारा जरूर करूंगा, ये मैं उनको विश्वास दिलाता हूँ..!

भाइयों-बहनों, गत सप्ताह की जो घटनाएँ हैं, उन घटनाओं ने देश को झकझोर दिया है। भाइयों-बहनों, सवाल ये है कि हम किस पर भरोसा करें..? जब हमारे देश की सेना के पाँच जवानों के सिर काट लिए गए, तब भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसी घटना अगर दोबारा होगी तो हम पाकिस्तान से हिसाब चुकता करेंगे..! मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ, इसी हफ्ते हमारे देश की रक्षा करने वाले, माँ भारती के लिए जीने-मरने वाले हमारे देश के उन रणबांकुरों को पाकिस्तान की सेना ने भून दिया, उनको मौत के घाट उतार दिया..! दिल्ली की सल्तनत से हिन्दुस्तान पूछ रहा है, जब हमारे देश के जवानों के सिर काट लिए गए थे तब आपने वादा किया था कि आप ऐसी चीजों को सहन नहीं करेंगे, क्या कारण हुआ कि पाकिस्तान एक के बाद एक जुल्म करता चला जा रहा है और सवा सौ करोड़ का देश चुपचाप सारी चीजें झेल रहा है..?

भाइयों-बहनों, पिछले दिनों एक के बाद एक जो घटनाएं घटी हैं। आप देखिए, किश्तवाड़ सुलग रहा है..! ना जाने कितने लोगों को मारा गया है, ना जाने कितने लोगों की दुकानें जलाई गई हैं, ना जाने कितने लोगों के घर जलाए गए हैं..! भाइयों-बहनों, कश्मीर घाटी में तीन दशक से जो खेल चल रहा है, क्या उसका रिहर्सल किश्तवाड़ में करने का नापाक इरादा तो नहीं है..? देश जानना चाहता है। आज भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष के नेता श्रीमान अरूण जेटली जी किश्तवाड़ के पीड़ितों का हाल पूछने जाना चाहते थे, किश्तवाड़ का हाल देखना चाहते थे, लेकिन वहाँ की सरकार ने सत्य को छुपाने के लिए, इस जुल्म की कथा को छुपाने के लिए ये हिंसा के दौर पर चुप्पी रहे इसलिए अरूण जेटली जी को जम्मू के एयरपोर्ट पर डिटेन कर दिया गया..! भाइयों-बहनों, जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र की इस घटना को छोटी घटना ना मानी जाए। जो संकट कश्मीर घाटी ने झेला उसकी शुरूआत करने के नापाक इरादे की इसमें बू आती है..! और इसलिए भाइयों-बहनों, सवाल किश्तवाड़ के नागरिकों का नहीं है, सवाल है कि भारत के शांतिप्रिय नागरिकों को सुख चैन की जिंदगी चाहिए, जुल्म से मुक्ति चाहिए और फिर एक बार देश का भरोसा टूट गया..!

ये दिल्ली की सल्तनत हमारे देश को सुरक्षा नहीं दे सकती है। भाइयों-बहनों, आपको जान कर के हैरानी होगी, वोट बैंक की राजनीति में डूबी हुई दिल्ली की सल्तनत हिन्दुस्तान की सुरक्षा को अनदेखा कर रही है। बांग्लादेश की सीमा पर हमारे जो जवान हैं, वे अगर किसी बंगलादेशी घुसपैठिये को रोकना चाहते हैं और अगर वो रूकता नहीं है तो भारत की सेना और बी.एस.एफ. के जवानों पर रोक लगाई गई है कि वे कोई भी शस्त्र का उपयोग नहीं करेंगे..! इतना ही नहीं, यहाँ तक कह दिया गया है कि अगर वो ज्यादा ताकतवर हैं, अगर घुसपैठिए का हमला तेज है तो बांग्लादेश की सीमा पर बैठे हुए बी.एस.एफ. के जवान झगड़ा करने के बजाए उनको अंदर आने की इजाजत दे दें..! भाइयों-बहनों, एक सार्वभौम सरकार का मुखिया, सवा सौ करोड़ के देश की सरकार हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी को इस प्रकार के निर्णयों से सुरक्षा कैसे प्रदान कर सकती है..?

Navbharat Yuva Bheri at Hyderabad

भाइयों-बहनों, चाइना ने हमारी सीमा पर आ करके अड़ंगा लगाया, सारी दुनिया ने देखा, गुगल मैप पर सारे नागरिक देख पा रहे थे कि चाइना की मूवमेंट कैसी है, चाइना किस तरह हमारी धरती पर आ रहा है, किस तरह अपनी जगह बना रहा है..! और मैं हैरान हूँ, चाइना तो घुसपैठिया था, उसको तो अपनी धरती पर वापस जाना जरूरी था, लेकिन दिल्ली की सरकार ने ऐसा समझौता किया कि चाइना तो अपनी धरती पर वापिस गया, लेकिन हिन्दुतान की सेना को भी अपनी ही धरती पर से वापस लेने का दूर्भाग्यपूर्ण निर्णय किया..! इतना ही नहीं, बड़ी बयानबाजी करके भारत के विदेश मंत्री चाइना गए और चाइना में जा करके चाइना की इन हरकतों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी, लाल आंख करके चाइना को समझाना चाहिए था, उसकी बजाय हिन्दुस्तान के विदेशमंत्री ने चाइना में जा कर के बयान दिया कि ‘बिजिंग इतना बढ़िया शहर है कि मेरा तो यहाँ रहने का दिल कर जाता है’..! डूब मरो, डूब मरो... मेरे देश की सरकार चलाने वालों डूब मरो..! आपको शर्म आनी चाहिए। ये घाव पर नमक छिड़क रहे हैं आप लोग..! हिन्दुस्तान के सवा सौ करोड़ नागरिकों के मन पर लगी चोट पर आप एसिड छिड़क रहे हो..!

इतना ही नहीं, हमारे जवानों के जब सिर काट लिए गए थे और उसके बाद भारत के विदेश मंत्री जयपुर जा करके पाकिस्तान के मेहमानों को बिरयानी खिला रहे थे और कहते क्या हैं, ये प्रोटोकॉल है..! मैं देश के नौजवानों को पूछता हूँ, जो मेरे देश के जवानों के सिर काट ले क्या उनके साथ प्रोटोकॉल होता है..? क्या ये हिन्दुस्तान को उसके घाव पर नमक छिड़कने का काम है कि नहीं..?

भाइयों-बहनों, इटली के लोग आएं और केरल में हमारे मछुआरों को गोली मार दें। कोई गुनाह नहीं था उनका..! वो मछुआरे मछली पकड़ने गए थे, गरीब माँ के बेटे पेट भरना चाहते थे, मेहनत कर रहे थे..! इटली के जवान आए, आकर के मेरे देश के दो मछुआरों को गोली से भून दिया..! उनको अरेस्ट किया जाए और हिन्दुस्तान के अंदर कोई जेल में है तो उसको बेल नहीं मिलती है, लेकिन वो कौन लोगों का इन्फ्ल्यूऐंस था कि इटली के उन जवानों को बेल मिल गया..? वे इटली चले गए और जब वापिस आने की नौबत आई तो इटली सरकार ने आँख दिखाई और कहा कि सैनिक नहीं आएंगे..! ये तो भारत की सुप्रीम कोर्ट ने आँख दिखाई और इटली के हाई कमीश्नर को कह दिया गया कि तुम हिन्दुस्तान छोड़ नहीं सकते हो, तब जा कर के इटली को झुकना पड़ा और हिन्दुस्तान को वो सैनिक देने पड़े..!

भाइयों-बहनों, मैं इन घटनाओं को इसलिए सुना रहा हूँ कि दिल्ली में बैठी हुई सरकार किसी भी विषय पर गंभीर नहीं है, उनको इस देश की समस्याओं की चिंता नहीं है..! मेरे नौजवान मित्रों, आपको हिन्दुस्तान की चिंता हो रही है..? आपको हिन्दुस्तान की चिंता सता रही है..? मेरे नौजवान मित्रों, आपको हिन्दुस्तान की चिंता है, मुझे मेरे देश के नौजवानों की चिंता है..! मन में सवाल उठता है कि इस देश की युवा पीढ़ी का क्या होगा..? रोजी-रोटी पाने के लिए कहाँ जाएंगे..? मित्रों, कांग्रेस की सरकार महाराष्ट्र में भी है, कांग्रेस की सरकार आंध्र में भी है। और हमारे कांग्रेस के मित्रों को जरा बुरा लगेगा लेकिन कान खोल कर सुन लीजिए, आंध्र में भी आप कई वर्षों से राज कर रहे हैं, महाराष्ट्र में भी आप कई वर्षों से राज्य कर रहे हैं और हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं अगर कहीं होती हैं तो महाराष्ट्र और आंध्र में होती हैं, वहाँ के नौजवानों को आत्महत्या का रास्ता लेना पड़ता है..! भाइयों-बहनों, आज हमारे आंध्र के नौजवानों को पेट भरने के खातिर गल्फ कंट्रीज में जाना पड़ रहा है।

Navbharat Yuva Bheri at Hyderabad

ये कांग्रेस पार्टी की डिवाइड एंड रूल की ही तरकीबें रही हैं। 2004 में कांग्रेस पार्टी ने आंध्र के लोगों को तेलंगाना देने का वादा किया था। पूरे हिन्दुस्तान में किसी एक राज्य से सर्वाधिक एम.पी. अगर कांग्रेस को मिले हैं तो आंध्र से मिले हैं। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार टिकी है तो आंध्र से मिले हुए एम.पी.ओं के कारण टिकी हुई है। उस आंध्र को कांग्रेस ने क्या दिया..? आपको वादा किया था, निभाया..? भाइयों-बहनों, छोटे राज्यों की रचना अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की थी। छत्तीसगढ़ बना, तो मध्य प्रदेश भी मिठाई बांट रहा था और छत्तीसगढ़ भी मिठाई बांट रहा था। उत्तराखंड बना, तो उत्तर प्रदेश भी मिठाई बांट रहा था और उत्तराखंड भी मिठाई बांट रहा था। झारखंड बना, तो बिहार भी मिठाई बांट रहा था और झारखंड भी मिठाई बांट रहा था..! ये कांग्रेस के वो कौन से कारनामें हैं कि उसने भाई-भाई के बीच दरार पैदा कर दी है। एक भाई दूसरे भाई को मारने जाए, ये हालत पैदा करने का पाप कांग्रेस पार्टी ने किया है..! तेलंगाना के पक्ष में भारतीय जनता पार्टी पहले से है। विद्या सागर राव के चुनाव समय मैं खुद तेलंगाना में एक सभा करने आया था और मैंने सार्वजनिक सभा में कहा था कि अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो सौ दिन के भीतर-भीतर हम तेलंगाना का निर्माण कर देंगे, ये हमने वादा किया था..! लेकिन हमने तब भी कहा था कि किसी भी कीमत पर सीमांध्र की अनदेखी नहीं की जा सकती। सीमांध्र का भी विकास सारे हिन्दुस्तान को गौरव हो ऐसा होना चाहिए। सीमांध्र के अंदर जो शहर आए हैं, वो शहर हैदराबाद से भी ज्यादा प्रगतिशील बने इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन दिल्ली की सरकार को ये करने की फुर्सत नहीं है। अगर उनको ये हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी बनानी थी और ये कहना था कि दस साल के बाद दूसरी राजधानी बनाएंगे, तो मैं दिल्ली की सरकार को पूछना चाहता हूँ कि ये काम दो 2004 में शुरू क्यों नहीं किया..? क्यों दूसरी राजधानी की तैयारी नहीं की..? आंध्र के लोगों को अन्याय करने का आपको अधिकार नहीं है..! और इसलिए भाइयों-बहनों, हमारे दिल में तेलंगाना का भी उतना ही महत्व है, सीमांध्र का भी उतना ही महत्व है..!

भाइयों और बहनों, मैं एक छोटा व्यक्ति हूँ लेकिन गुजरात की धरती से आया हूँ, महात्मा गांधी की भूमि से आया हूँ, सरदार पटेल की भूमि से आया हूँ..! मैं मेरे तेलंगाना और आंध्र के भाइयों से प्रार्थना करता हूँ। भाइयों-बहनों, कांग्रेस भले कितने ही खेल क्यों ना खेले, लेकिन आपके बीच टकराव नहीं होना चाहिए..! भाई-भाई के बीच, अपने भाई के प्रति नफरत नहीं होनी चाहिए..! मैं आंध्र के और तेलंगाना के भाइयों से पूछना चाहता हूँ, दर्द के साथ पूछना चाहता हूँ, पीड़ा के साथ पूछना चाहता हूँ, पिछले दिनों कुछ घटनाएं घटी हैं उससे पीड़ित हो कर के पूछना चाहता हूँ। मेरे भाइयों-बहनों, मेरी बात में अगर सच्चाई ना हो तो मेरी बात को ठुकरा देना, लेकिन मेरा सवाल आपके दिल को छू जाए तो मुझे कहना..! भाइयों-बहनों, हमारा रास्ता क्या है..? मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आंध्र और तेलंगाना... क्या कभी किसी ने सोचा है कि माँ के दूध में भी दरार हो सकती है..? भाइयों-बहनों, माँ के दूध में दरार नहीं होनी चाहिए..! हम भाई हैं, हम साथी हैं..! मेरे गुजरात में, मेरे सूरत में चार लाख तेलगू भाषी भाई-बहन रहते हैं, मेरे अहमदाबाद में छह लाख तेलगू भाई-बहन रहते हैं। हम प्यार से जीते हैं, साथ-साथ जीते हैं, साथ-साथ मेहनत करते हैं, हर एक का पेट भरने का प्रयास करते हैं..! अगर हम गुजरात के लोग तेलगू भाषी लोगों के साथ प्यार से जी सकते हैं, तो तेलंगाना वाला भी आंध्र के साथ प्यार से जी सकता है और आंध्र वाला भी तेलंगाना के साथ प्यार से जी सकता है..!

भाइयों-बहनों, हम सबका लक्ष्य ये होना चाहिए कि आंध्र इतनी प्रगति करे, इतनी प्रगति करे कि गुजरात से भी आगे निकल जाए..! तेलंगाना इतनी प्रगति करे, इतनी प्रगति करे कि वो भी गुजरात से आगे निकल जाए..! हमें ये सपना देखना चाहिए..! और भाइयों-बहनों, विकास एक ही रास्ता है, विकास में ही समस्याओं का समाधान है, हमारी सारी मुसीबतों का समाधान विकास में है..! ये कांग्रेस पार्टी किसी भी हालत में विकास के मार्ग पर जाने को तैयार नहीं है क्योंकि उसको जवाब देना भारी पड़ जाता है..! यहाँ जो लोग मेरी आयु के बैठे हैं उन्होंने कभी, आज से चालीस साल पहले, कभी भी बाजार में घी की दुकान हो तो वहाँ पर ऐसा बोर्ड पढ़ा था, ‘शुद्घ घी की दुकान’, पढ़ा था..? आज से चालीस साल पहले ‘शुद्घ घी की दुकान’ ऐसा बोर्ड नहीं लगाना पड़ता था। घी की दुकान लिखा इसका मतलब कि वहाँ घी शुद्घ ही मिलता होगा। लेकिन आज बोर्ड लगाना पड़ता है, ‘शुद्घ घी की दुकान’, क्योंकि शुद्घ घी नहीं मिलता है..! भाइयों-बहनों, जब वाजपेयी जी की सरकार थी, तब इस देश में गरीब को कभी रोटी की चिंता नहीं थी, गरीब की थाली में रोटी पहुंचती थी और इसलिए कभी फूड सिक्योरिटी पर सोचना नहीं पड़ा था। ये कांग्रेस पार्टी ने गरीब की हालत इतनी खराब कर दी है कि आज जैसे ‘शुद्घ घी की दुकान’, वैसे उनको ‘फूड सिक्योरिटी बिल’ की बात करने की नौबत आई है..! जिन्होंने गरीब की थाली से रोटी छीन ली है उन्होंने पाप किया है..! मैं देश के अर्थशास्त्रियों को कहना चाहता हूँ। इन दिनों हमारे देश में एक शब्द चल रहा है, पिछले कुछ समय से, इन्क्लूसिव ग्रोथ..! ये शब्द पहले क्यों नहीं था..? दस-दस पंचवर्षीय योजनाएं पूरी हुई, ना कभी प्लानिंग कमीशन ने इन्क्लूसिव ग्रोथ शब्द का प्रयोग किया, ना दिल्ली में बैठी हुई किसी सरकार को करना पड़ा और ना ही राज्य में बैठी किसी सरकार को करना पड़ा..! आज क्यों करना पड़ा..? आज इसलिए करना पड़ा है क्योंकि कांग्रेस ने साठ साल तक इन्क्लूजिव कुछ भी नहीं किया है, सब कुछ एक्स्क्लूडेड किया है..! कई लोगों को उन्होंने विकास से वंचित रखा है, कई लोगों को उन्होंने गरीब रखा है और तब जा कर के आज उनके लिए ये नौबत आई है..!

भाइयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी इस देश के लिए बोझ बन गई है। लेकिन आज मैं आंध्र में आया हूँ तब एन.टी.आर. को याद करना चाहता हूँ..! इस देश की एन.टी.आर. ने एक बहुत बड़ी सेवा की थी। ना सिर्फ आंध्र के सम्मान की सेवा की थी, ना सिर्फ आंध्र के गौरव के लिए लड़े थे, लेकिन एन.टी.आर. ने कांग्रेस विरोधी राजनीति को बल दिया था। ये एन.टी.आर. के प्रयास थे कि इस देश के अंदर दिल्ली में गैर कांग्रेसी सरकार बनाने का संभव हुआ था। मैं आंध्र में सभी राजनैतिक दलों से अनुरोध करता हूँ कि एन.टी.आर. को उत्तम से उत्तम श्रद्धांजलि क्या हो सकती है..? एन.टी.आर. को उत्तम से उत्तम श्रद्घांजलि कांग्रेस मुक्त भारत का निर्माण करके ही दे सकते हैं..! और जो लोग एन.टी.आर. की लेगसी का दावा करते हैं, उनका पहला कर्तव्य बनता है कि हिन्दुस्तान को कांग्रेस को मुक्त बनाने के लिए जो भी करना पड़े, वो करना चाहिए..! मुझे विश्वास है कि आंध्र के राजनैतिक दल आंध्र और तेलंगाना को बचाने के लिए, आंध्र और तेलंगाना के विकास के लिए कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के प्रयासो में कोई कमी नहीं रहने देंगे। कांग्रेस विरोधी शक्तियाँ एक आएंगी और आंध्र की धरती पर से ये जुल्म, ये कुशासन, ये भ्रष्टाचार, ये परिवारवाद, इन सबका खात्मा संभव होगा..! और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों, एन.टी.आर. का सपना पूरा करना तेलुगु देशम्, एन.टी.आर. की लेगसी जिसके पास है, उनका भी दायित्व बनता है..!

भाइयों-बहनों, मैं आपको कहना चाहता हूँ कि कोई चले या ना चले, कोई आज चले या कोई कल चले, कोई चलने से पहले सोचने में लगे, उसके बावजूद भी मैं कहता हूँ कि देश में कांग्रेस मुक्त भारत की हवा बन चुकी है, देश ने कांग्रेस मुक्त हिन्दुस्तान का सपना देख लिया है..! उस सपने को पूरा करने के लिए हिन्दुस्तान के नौजवान, हिन्दुस्तान के किसान, हिन्दुस्तान का गरीब आज कृत संकल्प हुआ है। भाइयों-बहनों, भ्रष्टाचार ने आज हमारे देश को तबाह कर दिया है। जल, थल, नभ... पूरे भूमंडल का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहाँ कांग्रेस के मित्रों ने भ्रष्टाचार करने के लिए अपने हाथ-पैर फैलाए ना हों..! कोई मुझे बताए, हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी पूरे हिन्दुस्तान में घूमे, किस बात के लिए..? काला धन वापस लाने के लिए..! कोई हमें समझाए, विदेशों की बैंकों में जो काला धन पड़ा है, वो काला धन वापिस लाने में दिल्ली की सरकार को क्या परेशानी हो रही है..? हिन्दुस्तान के सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी जैसे एक वरिष्ठ व्यक्ति ने भारत की भलाई के लिए काला धन वापिस लाने की माँग की, लेकिन दिल्ली की सल्तनत ने किसकी भलाई के लिए इस माँग को भी ठुकरा दिया..? तब सवाल उठता है कि काला धन किसका है..? ये अरबो-खरबों का काला धन किसका है जो विदेशी बैंकों में पड़ा हुआ है..?

भाइयों-बहनों, आज भारतीय जनता पार्टी और एन.डी.ए. की सरकारों ने देश में सुशासन की मिसाल दिखाई है। यहाँ कितने सारे नौजवान हैं..! सारे विश्व में स्किल डेवलपमेंट का माहात्म्य प्राथमिकता बन गया है, लेकिन आपके आंध्र में स्किल डेवलपमेंट की दिशा में नामोनिशान नहीं है। मैं आंध्र के कांग्रेस के नेताओं से कहना चाहता हूँ कि अगर आपको गुजरात से नफरत है तो गुजरात का नाम मत लो, लेकिन आपके पड़ौस में तमिलनाड़ में डॉ. जयललिता जी की सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में जो काम किया है, जरा उससे तो कुछ सीखो और आंध्र के नौजवानों की भलाई के लिए कुछ तो करो..! आज भी भाइयों-बहनों, दिल्ली की सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि गरीब की थाली में रोटी कैसे पहुंचाए..! मैं दिल्ली की सरकार को कहना चाहता हूँ, कांग्रेस के नेताओं को कहना चाहता हूँ, गरीब की थाली में रोटी पहुंचाने का रास्ता हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी ने दिखाया है। उन्होंने जिस प्रकार से पी.डी.एस. सिस्टम को आधुनिक बनाया है, और भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सराहा है, लेकिन किसी भी कांग्रेसी सरकार को गरीबों का भला हो उसके लिए ना कुछ सीखने की इच्छा है, ना कुछ समझने की इच्छा है और ना कुछ करने की इच्छा है..! इतना ही नहीं, बेटियों का सम्मान कैसे हो, परिवार में कन्या का गौरव कैसे हो, माँ-बाप को बेटी बोझ ना लगे उसके लिए एक सामाजिक आंदोलन कैसे खड़ा हो..! मैं कांग्रेस के मित्रों को कहता हूँ कि जाइए और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के हमारे शिवराज सिंह चौहान को देखिए, उन्होंने ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ करके पूरे मध्य प्रदेश की बेटियों के जीवन को गौरव दिया है, सम्मानित किया है, उन्हें जीने के लिए हक दिया है, पढ़ने के लिए व्यवस्था की है..! क्या हमारे देश की बेटियों को शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए..? दिल्ली की सरकार, साठ-साठ साल बीत चुके हैं मित्रों, एक ही परिवार ने दशकों तक राज किया है लेकिन सामान्य मानवी की भलाई के लिए कुछ भी करने में ये सफल नहीं हुए हैं..!

भाइयों-बहनों, मैंने भारत के प्रधान मंत्री को एक बार कहा था। मैंने कहा, आंध्र के पास 900 किलोमीटर से बड़ा समुद्री तट है, गुजरात के पास 1600 किलोमीटर का समुद्री तट है, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, केरल, तमिलनाडु, उड़िसा, पश्चिम बंगाल, इन प्रदेशों को समुद्र तट का सौभाग्य मिला है। मैं भारत सरकार को कहता रहा कि इन समुद्र तट पर जो राज्य बसे हैं, उनकी एक सेपरेट मीटिंग बुलाई जाए, दो दिन उनसे चर्चा की जाए कि समुद्र तट के राज्यों की कठिनाइयाँ क्या हैं, ग्लोबल इकॉनामी के जमाने में इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के युग में हमारे तटवर्ती क्षेत्रों का विकास कैसे करें ताकि भारत का रूपया टूटता हुआ बच जाए..! आप देखिए, हिन्दुस्तान जब आजाद हुआ तब एक डॉलर की कीमत थी एक रूपया..! भाइयों-बहनों और नौजवानों, चीज को समझिए, जब हिन्दुस्तान आजाद हुआ तब एक रूपया बराबर एक डॉलर हुआ करता था, आज भारत के वित्त मंत्री की उम्र इज इक्वल टू वन डॉलर..! एक डॉलर कभी पैसठ रूपया, कभी चौसठ रूपया... आप कल्पना कर सकते हो कि क्या होता होगा देश का..!

एक जमाना था जब पूरा विश्व हिन्दुस्तान की धरती पर पढ़ने के लिए आता था। दुनिया के देशों के नौजवान भारत में आकर के शिक्षा-दीक्षा लेते थे। मित्रों, भारत सरकार के आंकड़े बोल रहे हैं कि आज अकेले पिछले एक वर्ष में हिन्दुस्तान से जो नौजवान विदेशों में पढ़ाई करने के लिए गए उनकी फीस भरने में एक लाख बीस हजार करोड़ रूपया हिन्दुस्तान के खजाने से खाली हुआ..! क्योंकि उनको चाहिए वैसी पढ़ाई यहाँ नहीं मिल रही थी। वो तो गए, हमारा बुद्घि धन तो गया, साथ-साथ हमारा लक्ष्मी धन भी गया..! क्या दिल्ली की सरकार हिन्दुस्तान में हमारे नौजवानों को अच्छी शिक्षा मिले, उन्हें भटकना ना पड़े, ये व्यवस्था नहीं कर सकती है..? नहीं कर रही है..! भाइयों-बहनों, आज गाँव में डॉक्टर नहीं है, गाँव के गरीब आदमी को दवाई चाहिए तो दवाई की व्यवस्था नहीं है..! ये दिल्ली की सरकार को कितने साल हो गए, हमारे देश की जनता की आवश्कता के अनुसार डॉक्टर तैयार हो, डॉक्टरों को तैयार करने के लिए मेडिकल कॉलेजेस हों, क्या ये नहीं हो सकता है..? मित्रों, आंध्र और गुजरात दो राज्य ऐसे हैं जो दवाई के उत्पादन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं। दवाईयों का तो उत्पादन हो रहा है लेकिन दवाई लिखने वाले डॉक्टर नहीं हैं तो गरीब की बीमारी कहाँ से जाएगी..? भाइयों-बहनों, ऐसी-ऐसी समस्याएं... खाने को रोटी नहीं, पहनने को कपड़ा नहीं, रहने को घर नही, पढ़ने का शिक्षा नहीं, बीमार को दवाई नहीं... ये सारी अमानतें कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं। ये कांग्रेस की दी हुई विरासत है..!

भाइयों-बहनों, हिन्दुस्तान के आने वाले कल की चिंता करनी है, हिन्दुस्तान के भाग्य को बदलना है तो हमें विकास का रास्ता अपनाना पड़ेगा..! और मैं कहने आया हूँ कि विकास के रास्ते के बिना हम सामान्य मानवी का भला नहीं कर सकते..! पीड़ित, शोषित, दलित, आदिवासी, मछुआरे, इन सबका कल्याण कौन करेगा..? क्या हुआ कि कांग्रेस पार्टी ने इनके कल्याण की दिशा में कुछ नहीं किया..? उनको तो चुनाव आते हैं तब तिजोरी खाली करो और वोट पाने के रास्ते खोजो, उसके सिवाय कोई रास्ता सूझता नहीं है। और इसलिए भाइयों-बहनों, आज मैं आपसे अनुरोध करने आया हूँ, मैं हैदराबाद की धरती से पूरे हिन्दुस्तान को प्रार्थना करने आया हूँ कि इस देश के हर नागरिक को हिन्दुस्तान की चिंता है, देश का हर नागरिक चिंतित है, नौजवान चिंतित है, अगर उनको हम भरोसा नहीं देंगे, अगर उनको हम विश्वास नहीं देंगे, तो हम जो डेमोग्राफिक डिविडेंड की बात करते हैं, जो हमारी 65% जनसंख्या 35 से नीचे की है, उसके पास शक्ति है, सपने हैं, सामर्थ्य है लेकिन उसके पास काम नहीं है, अगर हम हमारे देश के नौजवानों को रोजगार नहीं देंगे तो इस देश की हालत क्या होगी इसका आप अंदाजा कर सकते हैं..!

भाइयों-बहनों, मैं आज जब हैदराबाद की धरती पर आया हूँ तो मेरे मन में सरकार की कल्पना क्या है वो भी आज मैं बताना चाहता हूँ। भाइयों-बहनों, मेरा स्पष्ट मत है कि सरकार का एक ही मजहब होता है और वो मजहब होता है, इंडिया फर्स्ट..! सरकार का एक ही धर्मग्रंथ होता है और वो धर्मग्रंथ है, भारत का संविधान..! सरकार की एक ही भक्ति होती है और वो भक्ति है, भारत भक्ति..! सरकार की एक ही शक्ति होती है और वो शक्ति है, कोटी-कोटी जनशक्ति..! सरकार की पूजा होती है सवा सौ करोड़ बंधु भगिनी की भलाई, सवा सौ करोड़ देशवासियों की भलाई और सरकार की कार्यशैली होती है, ‘सबका साथ, सबका विकास’..! इस मंत्र को लेकर के हमें आने वाले दिनों में हिन्दुस्तान के भाग्य को बदलने के लिए भारत को कांग्रेस से मुक्त कराने का प्रयास करना है..!

मैं एक चीज आपसे बुलावाना चाहता हूँ। बोलेंगे..? पूरी ताकत से बोलेंगे..? दोनों हाथ ऊपर करके बोलेंगे..? मैं जो बोलूं वो आपको बोलना है। मैं बोलता हूँ फिर बोलिए,

यस, वी कैन... यस, वी कैन..! यस, वी विल डू... यस, वी विल डू..!

मेरे साथ बोलिए, जय तेलंगाना...! जय सीमांध्र..!

भारत माता की जय..! भारत माता की जय..!

वंदे मातरम्..! वंदे मातरम्..! वंदे मातरम्..!

Explore More
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

लोकप्रिय भाषण

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
Modi govt's next transformative idea, 80mn connections under Ujjwala in 100 days

Media Coverage

Modi govt's next transformative idea, 80mn connections under Ujjwala in 100 days
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
मध्य वर्ग के लिए आर्थिक लाभ
March 14, 2019

मध्य वर्ग के लिए आर्थिक लाभ