महात्मा मन्दिर : गांधीनगर
ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण के लिए गुजरात की पहल मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ
ग्रामशक्ति को विकास में शामिल करें : मुख्यमंत्री
भारतभर के तमाम राज्यों के 5900 पंचायतीराज पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों की मौजूदगी
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पंचायती राज और ग्राम विकास की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद का आज गांधीनगर में शुभारम्भ करते हुए ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण के लिए ग्रामशक्ति को विकास में शामिल करने का आह्वान किया।पंचायती राज के माध्यम से ग्राम विकास के क्षेत्र में अनेक अनोखी पहल किस प्रकार हो सकती है उसका मार्गदर्शन भी मुख्यमंत्री ने दिया।
पंचायती राज की स्वर्णिम जयंती मना रहे गुजरात में महात्मा मन्दिर, गांधीनगर में आज से दो दिवसीय पंचायती राज और ग्राम विकास की राष्ट्रीय परिषद का शुभारम्भ हुआ। भारत के सभी राज्यों से ग्रामीण विकास क्षेत्र और पंचायत राज के प्रतिनिधि और पदाधिकारियों सहित करीब 5900 से ज्यादा विशेषज्ञ और अग्रणी इसमें भाग ले रहे हैं। पांच टेक्निकल सत्रों और 20 समूह चार्चा बैठकों में 32 जितने विशेषज्ञ विभिन्न विषय पर आधारित थीम पर परामर्श करेंगे और उनके विचार रखेंगे।
परिषद में गुजरात के साथ ही अन्य राज्यों से 3400 से अधिक प्रतिनिधि मंडलों में 1860 महिलाएं भी शामिल हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने (1) ग्राम विकास से देश विकास- गुजरात के अनुभव, (2) मिशन मंगलम के अंतर्गत ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की सफलता गाथा- अनोखी पहल और(3) महिला सशक्तिकरण पुस्तकों का विमोचन किया। साथ ही इनकी ई बुक आवृत्तियों का भी विमोचन किया। यह तीनों पुस्तकें गुजरात सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित की गई हैं।
देश में पंचायती राज और ग्राम विकास के क्षेत्र में अनोखी पहल और उत्तम उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
इस ग्राम विकास परिषद में लघु ग्रामीण भारत के दर्शन होते हैं। गर्व से इस बात का उल्लेख करके प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पंचायती राज के 50 वर्ष गुजरात में पूर्ण हुए हैं और देश में सभी राज्यों में पंचायती राज की माध्यम से ग्रामीण विकास में नयी ऊंचाइयां किस प्रकार हासिल हो, ग्रामीण भारत में बसनेवाले नागरिकों का जीवन स्तर किस तरह ऊंचा हो इसके लिए गुजरात में आयोजित यह परिषद नयी दिशा दर्शाएगी।
महात्मा गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने की सार्थकता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत में 80 करोड़ ग्राम शक्ति विकास और निर्णय में भागीदार बनें तो काफी बड़ा गुणात्मक परिवर्तन आ सकता है। भारत के सात लाख गांवों में विकास की आशा और सपने पलते हैं।
महात्मा मंदिर के निर्माण में भारत की सभी नदियों का जलाभिषेक हुआ है और अब लौह पुरुष सरदार पटेल के भव्य स्मारक स्टेचू ऑफ यूनिटी का नर्मदा नदी के सरदार सरोवर डैम के नजदीक निर्माण करने का और भारत की किसान शक्ति का भावनात्मक सहयोग लेने का अभियान गुजरात ने शुरू किया है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल किसान नेता थे और इसीलिए भारत के सात लाख गांवों में से पुराने खेती के औजार सांकेतिक रूप से एकत्र कर स्टेचू ऑफ यूनिटी के निर्माण में काम में लिए जाएंगे। सरदार जयंती से इस अभियान का देश भर में प्रारंभ होगा।
महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज में गांव और ग्रामीण समाज आत्मनिर्भर बने इसके स्पष्ट दर्शन होते हैं। और गुजरात सरकार ने गांवों का सशक्तिकरण करके उसको आर्थिक गतिविधियों के उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करने की पहल की है। गुजरात के आदिवासी पूर्वी पट्टे में न्यू गुजरात पैटर्न से आदिवासी समाज के हाथ में विकास का आयोजन करने के अधिकार और धन खर्च करने के अधिकार दिए गए हैं। आदिवासी योजना बोर्ड और जिला-तहसील योजना मंडलों ने इस दिशा में अनेक अनोखे परिणाम प्राप्त किये हैं। करीब ४० हजार करोड़ रुपये की वनबंधु कल्याण योजना से आदिवासी गांव में विकास की जनचेतना गतिशील हुई है। एक ओर जीवन स्तर ऊंचा आया है जबकि दूसरी ओर समुद्रीतट के क्षेत्र में स्थित गांवों के कायापलट और ढांचागत सुविधा के लिए २१ हजार करोड़ रुपये की सागरखेड़ु विकास योजना काफी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
ग्रामीण शक्ति को ग्राम विकास में शामिल करने का अभियान शुरू करने का आह्वान करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गांव के विकास में ग्रामीण शक्ति को निर्णय में भागीदार बनाने के लिए ग्राम सभा लोकतंत्र का आधारभूत माध्यम है लेकिन संविधान में ग्रामीण सभा का महत्व दर्शाया था, किंतु शायद ही इसे महत्व दिया गया था। गुजरात सरकार ने अक्टूबर, २००१ से ग्राम सभा के अभिगम को प्राणवान बना दिया है। आज ग्राम विकास के निर्णय और समस्या के निराकरण में गुजरात की ग्राम सभा निर्णायक बनी है।
गांव के विकास में चुनावी दुर्भावना से जो प्रतिकूल असर पड़ते हैं इसका निराकरण करने के लिए समरस गांव योजना शुरू की गई है। इतना ही नहीं, ३६२ गांव तो ऐसे हैं जहां पूरी ग्राम पंचायत ही महिला सरपंच द्वारा संचालित हो रही है। इसकी गौरवगाथा प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समरस गांवों से ग्राम विकास में सबके साथ से सबकी भागीदारी संभव हुई है। ग्रामीण महिलाएं पंचायती राज में सशक्त नेतृत्व कर रही हैं। महिला सरपंचों ने गांव में गरीबी दूर करने का संकल्प किया है, निरक्षरता दूर करने का संकल्प किया है, गांव में शौचालय की पूर्ति करने के अभियान चलाए हैं, गांव की सुविधा के लिए कौन सी जरूरत प्राथमिकता है यह ग्रामीण महिला की सच्ची समझ को दर्शाता है।
ग्राम विकास के लिए कितना ही भारी बजट क्यों न हो, लेकिन विकास के लिए जनभागीदारी या जननेतृत्व सक्षम नहीं होगा तो मनचाहे परिणाम हासिल नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि गांव में पशुपालन की उत्तम वैकल्पिक और वैज्ञानिक व्यवस्था का पथ गुजरात ने पशु छात्रालय के मॉडल से खड़ा किया है। राज्य में एनीमल हॉस्टल का संचालन यही महिला शक्ति करती है और पशुपालन की आर्थिक प्रवृत्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उपलब्धि हासिल की है।
ज्योतिग्राम से हर गांव में २४ घंटे बिना अवरोध बिजली आपूर्ति ने गुजरात के गांवों में आर्थिक और शैक्षणिक, सामाजिक परिवर्तन तथा कृषि विकास में काफी बदलाव आया है।
राजस्व सुधार का परिणाम दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने प्राचीन पुराने राजस्व-जमीन के कानून में समयानुकूल परिवर्तन के सुधार करके ग्रामीण विकास और किसानों की जमीन के राजस्व अधिकार और हितों की रक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का सार्वत्रिक उपयोग किया है। किसानों और ग्राम समुदाय की अनेक परेशानियों का निराकरण ई-ग्राम, ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी, ई-धरा सहित अनेक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गोकुल ग्राम से गांवों का ढांचागत विकास गुजरात का पथप्रदर्शक बना है।
गांव और शहर दोनों ही विकास के मॉडल किस तरह बनें, गांव को शहर जैसी सुविधा मिले तो गांव निष्प्राण बनने से बच सकते हैं। गांवों से स्थानांतरण करके शहरों में आने वाली आबादी के कारण शहरीकरण बोझ न बनें इसके लिए टेक्नोलॉजी से ई-ग्राम विश्व ग्राम द्वारा सभी ग्राम पंचायतों को २४ घंटे ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी दी गई है। इसकी वजह से गांवों में नये प्राण आए हैं।
गुजरात सरकार ने ग्रामीण जनता के लिए ग्राम स्वागत ऑनलाइन जनशिकायत निवारण योजना का सफलतापूर्वक अमल करके लोकतंत्र में आम ग्रामीणों की शिकायत को प्रशासन मं सुनकर इसका संतोषजनक निराकरण लाया जा सकता है, ऐसा विश्वास पैदा किया है।
भारत में सात लाख गांवों और ८० लाख ग्रामीण आबादी की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज का सशक्तिकरण करने की अनेक पहल गुजरात सरकार ने इन दस वर्षों में की है। श्री मोदी ने आह्वान किया कि गांवो आर्थिक प्रवृत्ति के उत्पादन केन्द्र बनें और ग्रामीण विकास के लिए सक्षम नेतृत्व करें, तभी विकास चहूंमुखी होगा।