मंगलवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिवंगत सत्य साईंबाबा के अंतिम दर्शन किए और शोकाकुल परिजनों के दुःख में सहभागी होते हुए संवेदनापूर्ण श्रद्घासुमन पार्थिव देह पर अर्पित किए।

पुट्टपर्थी के प्रशांति निलयम परिसर में अंतिम दर्शनार्थ सत्य साईंबाबा के पार्थिव देह के समक्ष श्री मोदी ने शोकाकुल हृदय से प्रार्थना की। दिवंगत आध्यात्मिक गुरु के परिजनों के साथ उनके भतीजे श्री रत्नाकर को मुख्यमंत्री ने दुःख में भागीदार बनकर सांत्वना देते हुए कहा कि सत्य साईंबाबा पार्थिव देह से हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन वह मानवजाति को युगों तक सेवाधर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंगत सत्य साईंबाबा के परलोकगमन से पूरा विश्व दुःख और शोक में डूबा है, ऐेसे में शोकमग्न है। उन्होंने अन्तःकरण से भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सत्य साईंबाबा ने समग्र विश्व में भारत की महान संस्कृति के प्रति आध्यात्मिकता के माध्यम से लोगों को आकर्षित किया था और मानवसेवा का मार्ग अपनाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसेवा के क्षेत्रों में समाजशक्ति से विराट उपलब्धियों की प्रतीति करवाई थी। सत्य साईंबाबा की चिरविदाई से मानवता के विश्व को जो आघात लगा है उसकी पूर्ति कभी नहीं हो सकती।

श्री मोदी ने सत्य साईंबाबा के साथ के अपने 30 वर्ष के भावनात्मक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि आध्यात्म और सेवाधर्म की प्रेरणा, प्रभाव और आशीर्वाद उन्हें मिलता रहा। गरीबों के भले के लिए सत्य साईंबाबा ने जो मानवता और सेवा का मार्ग दिखलाया है, उस मार्ग का अनुसरण कर हम सच्ची श्रद्घांजलि अर्पित करें।