Watch: Shri Modi addressing a public meeting in Azamgarh, Uttar Pradesh
8 मई को उत्तर प्रदेश में अपनी रैलियों के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को काशी की आध्यात्मिक भूमि की सेवा करने और केंद्र में एक नीति संचालित सरकार के माध्यम से अपने लोगों को सशक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता का एक मजबूत आश्वासन दिया। आजमगढ़, लालगंज, चंदौली और रोहनिया में रैलियों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने समावेशी विकास के अपने दृष्टिकोण को लोगों के साथ साझा किया तथा बताया कि कैसे इससे कृषि और हथकरघा जैसे विभिन्न क्षेत्रों की क्षमता का दोहन किया जा सकता है, और साथ ही यह भी वैश्विक मंच पर उनकी प्रसिद्धि को फैलाने में सक्षम होगा।
श्री मोदी इस धरती और यहाँ के लोंगों के साथ उनके गहरे संबंध की बात की और कहा कि उनका संबंध ‘एक सेवक' का है, और कहा कि उनका एकमात्र ध्यान 'उन्नति और विकास' पर है। " मोदी केवल आपका उम्मीदवार नहीं है। हम पहले से ही एक बहुत मजबूत बंधन विकसित किया है। अभी एक फिल्म में दिखाया गया है कि साबरमती को कैसे बदला गया। हम गंगा के लिए भी ऐसा ही करेंगे। मैं एक ही एजेंडे के साथ आपके पास आया हूँ और कि हमें विकास चाहिए। विकास को छोड़कर मेरे एजेंडे में कुछ भी नहीं है," श्री मोदी ने कहा, और आश्वासन दिया कि बनारस को राष्ट्र के 'राष्ट्र गुरु' के रूप वापस स्थापित करके इसके अतीत के गौरव को वापस पाने के लिए सक्षम बनाया जाएगा।
भारत के पूर्वी राज्यों में आर्थिक गतिविधियों में विकास और ढिलाई की कमी पर अपनी गहरी चिंता को साझा करते हुए श्री मोदी ने प्रत्येक क्षेत्र को विकसित करने और अपने पश्चिमी समकक्षों की बराबरी तक पहुँचाने में उन्हें सक्षम बनाने के अपने दृढ़ संकल्प की बात की। उन्होंने कृषि, पर्यटन और हथकरघा उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए भाजपा के एकनिष्ठ ध्यान को रेखांकित किया। श्री मोदी ने यह भी बताया कि भाजपा कैसे लाल बहादुर शास्त्री जी के 'जय जवान, जय किसान' के मंत्र को सुदृढ़ करना चाहता था, जब उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए एक मानकीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य की योजना को भाजपा घोषणा पत्र में शामिल किए जाने को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने काशी क्षेत्र के आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व को रेखांकित करके, इस क्षेत्र को पर्यटकों के आकर्षण के एक केंद्र के रूप में उभारने के अपने ध्यान का आश्वासन दिया।
गुजरात के पतंग निर्माताओं, जो मुख्य रूप से मुसलमान हैं, की सफलता की कहानी सुनाते हुए श्री मोदी कहा कि इन्हें इन पर केंद्रित योजना के माध्यम से सशक्त किया गया है, और कहा कि इस क्षेत्र के हथकरघा उद्योग में भी इस पहल को लागू किया जा सकता है, जिसमें गुणवत्ता वर्धन और उत्पादों की ब्रांडिंग पर ध्यान केंद्रित करके इसे सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सूरत में हथकरघा उद्योग वैश्विक मोर्चे पर अपनी पहचान बना सकता है, तो यहाँ के बुनकर समुदाय की कलात्मकता को सही प्रोत्साहन देकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जा सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार ने अपने लोगों की चिंता करना छोङ दिया है, और वे भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हैं जिसने पूरे देश को लूट लिया है। अपने काम के लिए जवाबदेह नहीं होने और उनके अहंकार में चूर होने की निंदा की, और बताया कि उनका सारा ध्यान मोदी को बदनाम करने और उसे प्रधानमंत्री बनने से रोकने पर था।
श्री मोदी ने बताया कि उनका सारा ध्यान 'सबका साथ, सबका विकास ' पर है और जातिवादी राजनीति उनके लिए तुच्छ है। उन्होंने उन लोगों से जो इस तरह की राजनीति करते हैं, श्री मोदी के खिलाफ झूठे आरोपों न लगाने का आग्रह किया। "मैं जिस जाति से हूँ उस जाति की राजनीति मैंने कभी नहीं की। मैं ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करता हूँ। मेरी मेरे अतीत चाय विक्रेता होने के लिए मेरे पीछे पङे थे, मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं किस जाति का हूँ। मैं उन्हें बता दूँगा- मैं झूठ बोलने के बजाय मर जाना पसंद करूँगा। कृपया मेरी जाति का मजाक न बनाएं। जब मैं विकास की बात करता हूँ तो मैं आशा करता हूँ कि आप भी ऐसा ही करेंगें। आप भारत को क्यों विभाजित कर रहे हैं, " श्री मोदी ने कहा।
Watch: Shri Modi addressing a public meeting in Rohaniya, Uttar Pradesh
उन्होंने वाराणसी में अपनी रैली के लिए निर्वाचन आयोग के इनकार करने का करारा जवाब देते हुए 'सुरक्षा चिंताओं' जैसे बेतुके कारण देने को बहुत ही दु:खद बताया। "यहाँ के मेरे कार्यक्रम की योजना एक लंबे समय पहले ही बन गई थी, लेकिन जो पहले ही पराजित हो चुके हैं, वे मोदी को उभरते हुए नहीं देखना चाहते हैं।मेरे इस क्षेत्र में इससे भी अधिक और कार्यक्रम थे, लेकिन जो लोग जबर्दश्त हार का सामना कर रहे उन लोगों ने ऐसी मैच फिक्सिंग की है कि कोई क्या ही कहे, और जो कारण वे गिना रहे हैं वे बहुत ही ज्यादा बेतुके हैं। मैं माओवादी क्षेत्र के बीचों-बीच चला गया और कश्मीर में भी जाकर मैंने अपने विचारों को व्यक्त किया है। लेकिन केवल बनारस में मैं असुरक्षित हूँ? क्या यह सरकार एक मनुष्य की रक्षा नहीं कर सकती है? और चाहे जो हो मैं भारत माता के लिए मरने के लिए तैयार हूँ, तब मुझे समझ में नहीं आता है कि आप मुझे क्यों रोक रहे हैं? उन्होंने मुझे गंगा माता के पास जाने से भी रोक दिया है। मैं देश के कानून से कर्तव्यनिष्ठ ढंग से बंधा हूँ। मैं आपके द्वारा किए जा रहे मेरे अपमान को झेल रहा हूँ, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि भारत के लोग इसे माफ नहीं करेंगे," श्री मोदी ने कहा। इसके अलावा श्री मोदी ने पिछले 14 वर्षों से उन्हें बदनाम करने के लिए संस्थानों का दुरूपयोग करके श्री मोदी को परेशान करने के केंद्र सरकार के दृष्टिकोण की निंदा की, लेकिन इसके बावजूद भी वे लोगों के दिलों में रहते हैं।
पिछले 3 चरणों में हेराफेरी की खबरों पर चिंता का हवाला देते हुए श्री मोदी ने चुनाव आयोग से पक्षपात रोकने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
केवल झूठ फैलाने में विश्वास करने वालों और राष्ट्र के विकास की क्षमता को बर्बाद करने वालों की निंदा करते हुए श्री मोदी ने लोगों से उन्हें खारिज करके और भाजपा की विकासोन्मुखी शासन के लिए अपना समर्थन दिखाने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से 12 मई को मतदान के अंतिम दिन - श्री सोन लाल पटेल की बेटी और क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार- अनुप्रिया पटेल को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि चुनाव लोगों के लिए आशा की एक किरण लेकर आया है और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके सहयोग से केंद्र में बनी एक मजबूत सरकार, एक शक्तिशाली भारत का निर्माण करेगा।
रैली से चंद मिनट पहले श्री मोदी ने आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी कर्नल निजामुद्दीन से मुलाकात की, और श्री मोदी को आशीर्वाद देने के लिए उन्हें सम्मानित किया और उनका आभार व्यक्त किया। सुभाष चंद्र बोस के योगदान को याद करते हुए, जिनके साथ कर्नल निजामुद्दीन ने काम किया था, श्री मोदी ने कहा “हमारे बीच आज वो हैं जिन्होंने सुभाष बाबू के साथ काम किया था, जिन्होंने कहा था ‘ तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूँगा।’ आज मैं कहता हूँ कि मैं आपको एक मजबूत सरकार दूँगा, मैं आपको एक मजबूत भारत दूँगा।"
एक दृश्य–श्रव्य (आडियो-विजुअल) प्रस्तुति के माध्यम से अहमदाबाद में साबरमती नदी में लाए गए एक प्रेरक परिवर्तन को दर्शाया गया, जो पहले एक उपेक्षित जल संसाधन से एक उत्साहजनक विकास मॉडल बन गया और आज यह कई लोगों की आजीविका सुनिश्चित करता है और एक पर्यटन स्थल बन गया है।