भारतीय सांख्यिकीविदों द्वारा एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मापने का तरीका बदलने के बाद सोमवार को भारत का यह अनुमान है कि इस वर्ष मार्च तक वार्षिक आर्थिक वृद्धि 7.4 फीसदी हो जाएगी।
पुरानी पद्धति के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लगभग 5.5 फीसदी वृद्धि के अनुमान एवं एक वर्ष पहले की संशोधित 6.9 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में नया अनुमान बहुत ही ज्यादा है।
नई पद्धति के तहत, अर्थव्यवस्था में इस तिमाही दिसंबर के अंत में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो गत तिमाही में चीन की 7.3 फीसदी की वृद्धि से ज्यादा है। यह भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाता है।
ये संशोधन उस अर्थव्यवस्था के लिए एक आकस्मिक बदलाव है जिसके बारे में मुश्किल से दो सप्ताह पहले यह कहा जा रहा था कि सुधार के लिए कार्यरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अधीन भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। पिछले मई में मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने से पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था 1980 के दशक के बाद से विकास के अपने न्यूनतम स्तर पर थी।
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सौजन्य : एनडीटीवी