भारत-किर्गिस्तान ने छह अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए और आगे भी बहुआयामी सहयोग को जारी रखने पर सहमति जताई
भारत-किर्गिस्तान आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक सहयोग और दोनों देशों की जनता के बीच आपसी संबंध मजबूत करने पर सहमत हुए
भारत ने द्वितीय योग दिवस उत्सव का पूर्ण समर्थन करने के लिए किर्गिज पक्ष के प्रति अपना आभार व्यक्त किया
भारत-किर्गिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बेहतर बनाने को महत्व दिया है

किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री अलमाजबेक अतामबायेव ने 18-21 दिसंबर 2016 तक भारत की राजकीय यात्रा की। सरकारी कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन में समारोहपूर्वक स्वागत, राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के साथ बैठक, उप राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ बैठक; राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा भोज का आयोजन; और भारत और किर्गिज गणराज्य व्यापार मंच में भागीदारी शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अलमाजबेक अतामबायेव ने एक मैत्रीपूर्ण एवं सदभावनापूर्ण माहौल में उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान किया और मैत्रीपूर्ण सहयोग, द्विपक्षीय संबंधं और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कवर करने वाले मुद्दों की सम्पूर्ण श्रृंखला पर चर्चा की। 

नेताओं ने 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की किर्गिस्तान यात्रा के बाद दोनों देशों किए समझौतों की स्थिति की समीक्षा की, द्विपक्षीय संबंधों के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया और आगे बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की।

किर्गिज़-भारत संबंधों के स्तर में सुधार लाने की समान इच्छा से प्रेरित होकर, दोनों पक्षों ने इस बात को दोहराया कि भारत और किर्गिज गणराज्य ऐसे लोकतांत्रिक देश और ऐसे भागीदार हैं जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून प्रशासन जैसे समान मौलिक मूल्यों को साझा कर रहे हैं।

द्विपक्षीय संबंध
राजनीतिक सहयोग

नेताओं ने इस बात को भी दोहराया कि भारत गणराज्य और किर्गिज गणराज्य के लोग प्राचीन काल से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों में बंधे हैं और 25 वर्ष पूर्व दोनों देशों के बीच के राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से इन संबंधों को विस्तृत बनाने में वृद्धि की प्रवृत्ति पर संतोष व्यक्त किया।

आपसी सम्मान के आधार पर जीवन के सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, दोनों पक्षों में शांति और जन समृद्धि के लिए मिलकर काम करने के लिए सहमति जताई। भारतीय पक्ष ने अक्टूबर 2015 को किर्गिज गणराज्य में बायोमेट्रिक डेटा के उपयोग के साथ हुए संसदीय चुनावों के सफल और पारदर्शी आचरण की सराहना की।

भारत और किर्गिस्तान ने संसदीय विनिमयन के मूल्य को रेखांकित किया। भारतीय पक्ष ने किर्गिज गणराज्य की संसद के सदस्यों एवं कर्मचारियों के लिए व्यवस्थित किए जाने वाले विशेष कोर्स के दौरान अपने अनुभव को साझा करने की पेशकस की। किर्गिज पक्ष ने भारतीय पक्ष के इस विशेष भाव की सराहना की।

दोनों पक्षों के किर्गिज गणराज्य में चुनाव एवं मत संग्रह के केंद्रीय आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच चुनावी मामलों पर सहयोग पर समझौता ज्ञापन, जिसपर जुलाई 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे, के प्रभावी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया।

किर्गिज पक्ष ने विकास में एक भागीदार के रूप में भारत की भूमिका की सराहना की। दोनों पक्षों ने सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन, कृषि, जैव चिकित्सा अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, शिक्षा और संस्कृति सहित कार्यान्वयन के अधीन परियोजनाओं के साथ साथ विविध क्षेत्रों की पाइपलाइन परियोजनाओं का उल्लेख किया।

दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए, दोनों नेताओं ने इस अवसर पर इवेंट्स की एक श्रृंखला आयोजित करने पर सहमति जताई।

रक्षा के क्षेत्र में सहयोग

दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के विकास पर संतोष व्यक्त किया, जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास के उच्च स्तर को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत द्वारा तीन आईटी केंद्रों को किर्गिज़ सैन्य संस्थानों में स्थापित किया गया है, और एक आईटी केंद्र इस समय अपग्रेड किया जा रहा है।

भारत-किर्गिज़स्तान सैन्य अभ्यास की ‘‘खंजर’’ श्रृंखला एक वार्षिक आयोजन बन गया है। ‘‘खंजर-II" अभ्यास का आयोजन मार्च 2015 को किर्गिजस्तान में किया गया था, ‘‘खंजर III’’ का आयोजन ग्वालियर, भारत में मार्च-अप्रैल 2016 में किया गया था। ‘‘खंजर - IV" अभ्यास का आयोजन फरवरी-मार्च 2017 में किर्गिस्तान में निर्धारित किया गया है।

तीसरे संयुक्त भारत किर्गीज़ सेना पर्वतारोहण अभियान का आयोजन अगस्त-सितंबर 2016 में किया गया था। 19 अधिकारियों और सैनिकों की एक संयुक्त टीम ने भारत में मध्य हिमालय में समुद्र तल से 6113 मीटर की ऊंचाई पर जोगिन-III चोटी पर चढ़ाई की। इससे पहले अभियान लद्दाख (सितम्बर 2011) में स्टॉक कांगड़ी की चोटी पर और किर्गिस्तान (3-25 अगस्त 2013) में लेनिन पीक के शिखर पर पहुंचा था।

भारत और किर्गिस्तान ने संयुक्त रूप से किर्गिज़स्तान के इसिक कुल जिले के बालीक्ची शहर में किर्गीज़ इंडिया माउंटेन प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण किया है। यह केंद्र किर्गिज गणराज्य के सशस्त्र बलों के कर्मियों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ साथ किर्गीज़ इंडियन ज्वाइंट माउेंन ट्रेनिंग अभ्यास का आयोजन भी करेगा।

किर्गिज़ पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए किर्गिज़ सैन्य क्षेत्र द्वितीय स्तरीय अस्पताल को लैस करने में समर्थन एवं सहायता करने के लिए भारत का धन्यवाद किया और प्रशिक्षण में सहायता के प्रस्ताव का स्वागत किया।

आर्थिक सहयोग

दोनों पक्षों ने कहा कि भारत और किर्गिस्तान के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों का वर्तमान स्तर उपलब्ध क्षमता से नीचे है और दोनों देशों के मंत्रालयों एवं विभागों को पांच वर्ष की समय सीमा के लिए इस क्षेत्र में एक व्यापक रोडमैप विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए नए तंत्र का अन्वेषण करने पर सहमति जताई।

उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि द्विपक्षीय निवेश संधि को 20 दिसंबर, 2016 की सुबह से पहले आद्यक्षर किया गया था।

दोनों पक्षों ने 27-28 नवंबर 2016 को बिशकेक में आयोजित व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग पर किर्गिज़ भारतीय अंतर सरकारी आयोग की 8वीं बैठक की सफलता का उल्लेख किया। नेताओं ने आईजीसी को क्षेत्रीय मुद्दों पर विभिन्न संयुक्त कार्य समूह के ढांचे में नियमित बैठकों का आयोजन करने के साथ साथ द्विपक्षीय समझौतों के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए निर्देशित किया।

दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति, विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय तक सहयोग; ड्रिप सिंचाई के लिए एक प्रदर्शन इकाई की स्थापना; और किर्गिज से भारत को सूखे मेवे, शहद और अखरोट के निर्यात को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की। किर्गिज़ पक्ष ने जैविक खेती के क्षेत्र में खुशबूदार उद्योग और परामर्श स्थापित करने में भारतीय पक्ष की सहायता का स्वागत किया।

दो पक्षों ने नई दिल्ली और बिशकेक के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स की ओपनिंग और प्रभावी वीजा सुविधा की दिशा में काम करने के संकल्प के बाद दोनों देशों के बीच पर्यटन के बढ़ते प्रवाह पर संतोष व्यक्त किया।

यूरेशियन अंतरिक्ष में एकीकरण की प्रक्रिया पर विचार विमर्श के हिस्से के रूप में, किर्गिज़ पक्ष ने यूरेशियन इकोनोमिक यूनियन (ईएईयू) में शामिल होने के परिणामस्वरूप भारतीय उद्यमियों के लिए उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला। दोनों पक्षों ने उस संयुक्त अध्ययन समूह के कार्य में प्रगति का उल्लेख किया जो भारत और यूरेशियन इकोनोमिक यूनियन के बीच मुक्त व्यापार समझौते की व्यवहार्यता पर विचार कर रही है।

दोनों पक्षों ने उल्लेख किया कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) पर माल की आवाजाही रसद मुद्दों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और भारत-किर्गिज़स्तान व्यापार संबंधों को बढ़ावा देगा। आईएनएसटीसी के सदस्य के रूप में, दोनों पक्षों ने आईएनएसटीसी पर मार्ग की आवाजाही को संचालित करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि ईरान में चाहबहार बंदरगाह किर्गिज़स्तान को भारत तक लघुतम कनेक्टिविटी प्रदान करता है।

वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक सहयोग के साथ-साथ लोगों के बीच संपर्क

भारत पक्ष ने किर्गिज़ इंडिया माउंटेन बायो मेडिकल रिसर्च सेंटर के लिए किर्गिज गणराज्य द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की। दोनों पक्षों ने स्यूक उच्च दर्रे पर द्वितीयक चरण प्रयोगशाला के सफल समापन और इस वर्ष नवंबर व दिसंबर में परीक्षण के आयोजन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में सहयोग जारी रखने और अनुसंधान के दायरे का विस्तार करने पर सहमति जताई।

राष्ट्रपति अलमाजबेक अतामबायेव ने किर्गिस्तान में टेलीमेडिसिन नेटवर्क की स्थापना और किर्गिस्तान के बाकी क्षेत्रों में इसके विकास में भारत के योगदान की प्रशंसा की। दोनों पक्षों ने भारत के विशेषीकृत अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा किर्गिज़स्तान के नियमित दौरों सहित स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी अस्पतालों के बीच बढ़ते लिंक पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने उल्लेख किया कि चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों के लिए किर्गिस्तान एक लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है।

दोनों पक्षों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किर्गिस्तान राज्य संरचनाओं में काम कर रहे 1,100 से अधिक पेशेवरों ने भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया था। किर्गिज़ पक्ष ने आईटीईसी ढांचे में किर्गिज़स्तान के विशेषज्ञों का सतत रूप से समर्थन करने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया।

भारतीय पक्ष ने दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जश्न के लिए दिए गए पूर्ण समर्थन के लिए किर्गिज़ पक्ष का आभार व्यक्त किया। किर्गिज़ पक्ष ने इस बात की सराहना की कि भारत ने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में परामर्श और शिक्षा की पेशकश करने लिए किर्गिज गणराज्य में आयुष केंद्र (आयुर्वेद केंद्र, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) का गठन किया है और पूरे किर्गिज़स्तान के प्रशिक्षकों के लिए योग शिविरों की व्यवस्था की है।

दोनों नेताओं ने संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग और दोनों देशों के बीच संस्कृतिक आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास एवं संस्कृति वर्ष, और किर्गिस्तान में द्वितीयक विश्व घुमंतू खेलों के सफल समापन पर राष्ट्रपति जी को बधाई दी। राष्ट्रपति अतामबायेव जी ने विश्व घुमंतू खेलों सहित किर्गिस्तान के सांस्कृतिक जीवन में भारत द्वारा पूरे मन से भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

नेताओं ने किर्गिज़ राष्ट्रीय नाटक रंगमंच पर किर्गिज़ भाषा में महाकाव्य ‘‘महाभारत’’ पर आधारित नाटक मंचन; किर्गिजस्तान में भारत उत्सव; हस्तशिल्प मेले ’’ओईमो’’ में भारतीय कलाकारों की भागीदारी; किर्गिज भाषा में महात्मा गांधी की आत्मकथा के प्रकाशन सहित दोनों देशों में आयोजित उल्लेखनीय सांस्कृतिक महाकाव्य "महाभारत" पर आधारित नाटक का मंचन सहित दोनों देशों में आयोजित संस्कृतिक महोत्सवों के महत्व पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने थिएटर से थिएटर सहयोग को को मजबूत बनाने की पहल का स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान, किर्गिज़ लोगों के वीर महाकाव्य ‘‘मानस-समेते-सेतक’’ की पहली प्रति राष्ट्रपति अतामबायेव द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दी गई। किर्गिज़ भाषा में भारतीय कविताओं के संग्रह ‘‘जीवन के रंग’’ की पहली प्रति प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रपति अतामबायेव को प्रस्तुत की गई।

दोनों नेताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, व्यापार और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सबसे अनुकूल स्थिति पैदा करने के लिए वीजा प्रक्रिया को उदार बनाने पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग

कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों की समान स्थिति का जिक्र करते हुए, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र के ढांचे सहित अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारत और किर्गिस्तान के बीच सहयोग को मजबूत बनाने के महत्व पर बल दिया और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को मजबूत करने की आवश्यकता व्यक्त की।

दुनिया में शांति बनाए रखने में भारत के योगदान का जिक्र करते हुए, किर्गिज़ पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के सही दावे का समर्थन किया। भारतीय पक्ष ने इस समर्थन की सतत पुनरावृत्ति के लिए किर्गिज़ पक्ष को धन्यवाद दिया।

किर्गिज़ पक्ष ने 2016-2018 अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के चुनावों में किर्गिज गणराज्य को सक्रिय सहयोग देने के लिए भारतीय पक्ष का आभार व्यक्त किया।

किर्गिज़ पक्ष ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत के आसन्न पूर्ण सदस्यता का स्वागत किया। भारतीय पक्ष ने एससीओ के एक सदस्य के रूप में भारत की स्वीकृति पर राष्ट्रीय प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए किर्गिज़ की सराहना की।

दोनों नेताओं ने विश्व के साथ एशियाई महाद्वीप में आतंकवाद और उग्रवाद से उत्पन्न चुनौतियों का उल्लेख किया और शांतिपूर्ण आर्थिक विकास के लिए एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया। इस संदर्भ में, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मसौदा व्यापक अभिसमय के अंगीकरण करने का आह्वान किया।

दोनों नेताओं ने भारत सहित विभिन्न देशों द्वारा यूएनएफसीसीसी के पेरिस समझौते के अनुसमर्थन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि समझौते का निर्देशन जलवायु परिवर्तन पर यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के सिद्धांतों, विशेष रूप से आम लेकिन विविध जिम्मेदारी सिद्धांत (सीबीडीआर) द्वारा किया जाएगा। उन्होंने अनुबंध II देशों की पूर्व-2020 दायित्वों को पूरा करने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करने महत्व को रेखांकित किया।

कमजोर और नाजुक पारिस्थितिकी प्रणालियों और दुर्लभ एवं गायब हो रही प्रजातियों की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, किर्गिज़ पक्ष ने भारतीय पक्ष को सुचित किया कि बर्फ तेंदुओं के संरक्षण पर एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किर्गिज़स्तान में सितंबर 2017 में किया गया है और शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया है।

निष्कर्ष

दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय संपर्कों पर संतोष व्यक्त किया जो प्रगतिशील वृद्धि और सहयोग के पूरे स्पेक्ट्रम को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

राष्ट्रपति अतामबायेव ने राजकीय यात्रा के दौरान उनके एवं उनके प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से हुए स्वागत की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को किर्गिज गणराज्य की यात्रा के लिए आमंत्रित किया जिसे प्रधानमंत्री मोदी जी ने आभार के साथ स्वीकार किया है।

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