PM Modi visits Saudi Arabia, meets King Salman bin Abdulaziz Al Saud, holds bilateral talks
PM Modi and Saudi King underline the close and friendly bilateral ties, deep-rooted in shared history, discuss people-to-people ties
PM Modi and Saudi King emphasize on furthering bilateral strategic engagement in the areas of security and defence cooperation
India-Saudi Arabia agree to enhance cooperation to strengthen maritime security in the Gulf and the Indian Ocean regions
India-Saudi Arabia strengthen cooperation in combating terrorism, both at the bilateral level and within multilateral system of the UN
King Salman Bin Abdulaziz lauds PM Modi’s #StartUpIndia, #MakeInIndia, #SmartCities and #SwachhBharat initiatives
PM Modi exhorts Saudi industries to invest in India
Saudi Arabia expresses keen interest in investing in railways, roads, ports, and shipping sectors in India

1. दोनों पवित्र मस्जिदों के संरक्षक महामहिम किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के निमंत्रण पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2-3 अप्रैल, 2016 को सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा की।

2. दोनों पवित्र मस्जिदों के संरक्षक ने 3 अप्रैल को रॉयल कोर्ट में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगवानी की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों और वहां की जनता के बीच मजबूत मैत्री की भावना के तहत चर्चा की। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्राउन प्रिंस, उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री महामहिम प्रिंस मोहम्मद बिन नईफ बिन अब्दुल अजीज अल सऊद और उप क्राउन प्रिंस, द्वितीय उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री महामहिम प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से भी मुलाकत की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेश मामलों के मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री एवं सऊदी अरामको के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष से भी भेंट की।

3. दोनों पवित्र मस्जिदों के संरक्षक किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने द्वीपक्षीय, क्षेत्रीय और पारस्परिक हितों संबंधी बहुस्तरीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों, दोनों देशों के साझा ऐतिहासिक संबंधों, दोनों देशों के बीच बढ़ती आर्थिक साझेदारी, बहुआयामी सहयोग और लोगों के बीच जीवंत आदान-प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। मैत्रीपूर्ण माहौल में बहुस्तरीय और सकारात्मक चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच एक दूसरे की चिंताओं तथा विभिन्न परिप्रेक्ष्यों के तहत खाड़ी क्षेत्र और भारतीय उप महाद्वीप में सुरक्षा और स्थिरता कायम करने के लिए नजदीकी संपर्क पर जोर दिया गया। इसके अलावा क्षेत्र के देशों के लिए शांतिपूर्ण माहौल तथा विकास के संबंध में सुरक्षा कायम करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।

4. दोनों नेताओं ने इस बात की सराहना की कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा, रक्षा, श्रमशक्ति और लोगों के बीच आदान-प्रदान हाल के वर्षों के दौरान बहुत विकसित हुए हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच होने वाले उच्च स्तरीय दौरों के नियमित आदान प्रदान पर संतोष व्यक्त किया और इस बात को रेखांकित किया कि दिल्ली घोषणा (2006) और रियाद घोषणा (2010) ने पारस्परिक लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक पहुंचा दिया है।

5. पूरे क्षेत्र और विश्व में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को प्रोत्साहन देने के अपने दायित्व के मद्देनजर दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग, दोनों देशों तथा वहां के लोगों के साझा हितों से संबंधित क्षेत्र शामिल हैं।

6. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जब फरवरी, 2014 में महामहिम किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री के तौर पर भारत पधारे थे, तो उस समय रक्षा सहयोग पर दोनों देशों के बीच होने वाला समझौता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ था। दोनों नेताओं ने सैन्य कर्मियों एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, संयुक्त सैन्य अभ्यासों, जलपोतों और हवाई जहाजों के दौरों के आदान-प्रदान, अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति तथा उनके संयुक्त विकास के जरिए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने रियाद में संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की दूसरी बैठक के आयोजन के निर्णय का स्वागत किया, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद होगी।

7. दोनों नेताओं ने खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जो दोनों देशों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने मानवीय सहायता तथा प्राकृतिक आपदाओं और तनावपूर्ण परिस्थितियों में बचाव कार्य के लिए द्विपक्षीय योगदान को बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की।

8. दोनों नेताओं ने हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की, चाहे उसके अपराधी और उनका उद्देश्य जो भी हो।

9. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि उग्रवाद और आतंकवाद हर देश और समाज के लिए बड़ा खतरा है। इसके मद्देनजर दोनों नेताओं ने आतंकवाद को किसी खास नस्ल, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के हर तरह के प्रयासों को अस्वीकार किया। उन्होंने हर देश से आग्रह किया कि वे अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल अस्वीकार करें, जहां कहीं भी आतंकी ढांचा मौजूद है उस समाप्त करें, अपनी भूमि से दूसरे देशों में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिए धन या समर्थन देना बंद करें और आतंकवादी गतिविधियों के जिम्मेदारों को सजा दें।

10. दोनों नेताओं ने द्वीपक्षीय स्तर पर और संयुक्त राष्ट्र की बहुस्तरीय प्रणाली के दायरे में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि आतंकवाद की चुनौतियों का सफल मुकाबला करने के लिए बहुस्तरीय दण्ड प्रणाली को मजबूत करें। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर समेकित समझौते पर भारत के प्रस्ताव को अपनाने के लिए मिलकर काम करने पर समहति व्यक्त की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के सभी पक्षों का मुकाबला करने तथा इसके विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय भागीदारी करने के लिए सऊदी अरब के प्रयासों की सराहना की। आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम राष्ट्रों को एकजुट करने के संबंध में सऊदी अरब द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भारतीय पक्ष को प्रदान की गई।

11. अपने मजबूत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को दृष्टि में रखते हुए दोनों नेताओं ने आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में सहयोग, गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और कानून लागू करने में सहयोग, मनी लॉन्ड्रिंग निषेध, मादक पदार्थों की तस्करी तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों को रोकने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने अवैधानिक धन अंतरण के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी सहमति व्यक्त की।

12. दोनों नेताओं ने साइबर सुरक्षा में योगदान को प्रोत्साहन देने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें आतंकवाद तथा सामाजिक सौहार्द को छिन्न-भिन्न करने के लिए कट्टर विचारों के प्रचार संबंधी साइबर उपयोग पर रोकथाम शामिल है। दोनों नेताओं ने अपनी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे वैमनस्य फैलाने के लिए समूहों और देशों द्वारा धर्म के बेजा इस्तेमाल तथा कट्टर विचारों का मुकाबला करने के संबंध में सहयोग करें। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को उचित ठहराने के प्रयासों के खिलाफ भी मिलकर काम करें। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के धार्मिक विद्वानों और बुद्धिजीवियों के बीच संवाद के आदान-प्रदान, शांति, सहिष्णुता, समावेश और कल्याण संबंधी मूल्यों को प्रोत्साहन देने के संबंध में सम्मेलनों तथा गोष्ठियों के आयोजन के विचार का स्वागत किया।

13. द्विपक्षीय सहयोग की गति बनाए रखने के संबंध में नियमित द्विपक्षीय वार्ता के महत्व पर बल देते हुए दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने मंत्रियों और आला अधिकारियों सहित नियमित आदान-प्रदान के महत्व को भी रेखांकित किया।

14. दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा, रक्षा और श्रमशक्ति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सांस्थानिक प्रणाली के सुचारू रूप से चलने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रणालियों के तहत होने वाली बैठकों के दौरान सहयोग के नए और सक्षम क्षेत्रों की पहचान की गई है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में मदद मिल रही है। दोनों नेताओं ने इन प्रणालियों के तहत लिए जाने वाले निर्णयों को प्रभावशाली तरीके से लागू करने का आह्वान किया।

15. दोनों नेताओं ने मई, 2015 में नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त आयोग बैठक के 11वें सत्र तथा दिसम्बर, 2015 में रियाद में आयोजित समीक्षा बैठक के सकारात्मक परिणामों का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने के संबंध में उच्च स्तर पर लिए गए निर्णयों के संबंध में सऊदी-भारत संयुक्त आयोग को अधिकार प्रदान किया। 16. भारत और सऊदी अरब की अर्थव्यवस्थाओं में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों को दृष्टि में रखते हुए दोनों नेताओं ने रणनीतिक संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए व्यापार तथा निवेश के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अपने वित्त और व्यापार मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे संयुक्त रूप से कार्य करें ताकि द्विपक्षीय निवेशों में सतत प्रवाह बना रहे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों का विकास हो।

17. पिछले कुछ वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में स्थिर वृद्धि को देखते हुए दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वर्ष 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 39 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। शानदार व्यापार और आर्थिक गतिविधियों के मद्देनजर दोनों देश एक दूसरे के सर्वोच्च व्यापारिक साझेदार बन गए हैं। दोनों नेताओं ने गैर-तेल कारोबार में विविधता के जरिए इन संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।

18. दोनों नेताओं ने एक दूसरे के देशों के बाजारों में भारतीय और सऊदी कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति पर संतोष व्यक्त किया और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि व्यापार प्रोत्साहन उपायों तथा मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी के जरिए कंपनियों को और प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने दिसम्बर, 2015 में नई दिल्ली में आयोजित सऊदी-भारत व्यापार परिषद की बैठक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए परिषद एक उपयोगी मंच है।

19. दोनों पक्षों ने नवम्बर, 2015 में किंग अब्दुल्लाह इकॉनोमिक सिटी, जेद्दाह में आयोजित होने वाले चौथी इंडिया जीसीसी इंडस्ट्रियल फोरम का स्वागत किया। सऊदी पक्ष ने रियाद और जेद्दाह में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय मेलों तथा प्रदर्शनियों में भारतीय कंपनियों की बड़ी तादाद में सक्रिय भागीदारी के लिए भारत को धन्यवाद दिया।

20. दोनों पवित्र मस्जिदों के संरक्षक किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा प्रदर्शित मजबूत विकास की सराहना की और भारत के भविष्य के प्रति प्रधानमंत्री श्री मोदी के शानदार विजन का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “स्टार्ट-अप इंडिया”, “मेक इन इंडिया”, “स्मार्ट सिटी” और “क्लीन इंडिया” जैसे महत्वपूर्ण कदमों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक विकास की अपार क्षमता मौजूद है।

21. भारतीय पक्ष ने भारत में व्यापार की आसानी संबंधी सुधार और रेलवे, रक्षा तथा बीमा सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों के संबंध में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नियमों में ढिलाई तथा मौजूदा नियमों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण दिया। भारत की विकास गाथा में भागीदारी करने के लिए सऊदी अरब को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सऊदी अरामको, एसएबीआईसी और अन्य सऊदी कंपनियों को भारत की संरचना क्षेत्र में शरीक होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विशाल औद्योगिक निर्माण गलियारों, स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं में हिस्सा लेने के लिए भी सऊदी कंपनियों को प्रोत्साहित किया।

22. सऊदी पक्ष ने भारत में संरचना विकास, खासतौर से रेलवे, सड़क, बंदरगाह और नौवहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के प्रति दिलचस्पी दिखाई है। सऊदी पक्ष ने अपने यहां भारतीय पक्ष द्वारा निवेश की रुचि का स्वागत किया, जो सउदी आर्थिक एवं औद्योगिक शहरों द्वारा प्रतिस्पर्धी निवेश अवसरों का लाभ उठाने के संबंध में है।

23. दोनों नेताओं ने दोनों देशों में निजी क्षेत्रों द्वारा किए जाने वाले निवेशों के संबंध में सऊदी अरब की जनरल इनवेस्मेंट अथॉरिटी और इनवेस्ट इंडिया के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने की प्रक्रिया का स्वागत किया।

24. रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तम्भ के रूप में ऊर्जा सुरक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार के प्रति संतोष व्यक्त किया। इस संबंध में भारत को कच्चे तेल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को रेखांकित किया गया।

25. दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में विक्रेता-क्रेता संबंधों को नया आयाम देने पर सहमति व्यक्त की, जिसके तहत पेट्रोरसायन परिसरों में संयुक्त उपक्रम लगाने व निवेश तथा भारत, सऊदी अरब और तीसरे देशों में संयुक्त अन्वेषण में सहयोग शामिल हैं। दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास तथा ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों पर फोकस करने के प्रति सहमति व्यक्त की। इस संबंध में दोनों पक्षों ने भारत-सऊदी अरब मंत्रिस्तरीय ऊर्जा संवाद के तहत नियमित बैठकों की आवश्यकता पर बल दिया।

26. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों और उच्च शोध संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की।

27. दोनों नेताओं ने सौर संबंधी नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सतत विकास, शुष्क कृषि, मरुस्थल पारिस्थितिकी, शहरी विकास, स्वास्थ्य सेवा और बायोटेक्नोलॉजी सहित वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय सहयोग को लगातार प्रोत्साहन के महत्व पर जोर दिया।

28. सऊदी पक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहल की सराहना की। उन्होंने विश्वभर में नई सौर प्रौद्योगिकी के प्रोत्साहन के लिए इस गठबंधन के महत्व को स्वीकार किया।

29. दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में दोनों देशों के लोगों के जीवंत आदान-प्रदान को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की मूल्यवान भूमिका तथा भारत और सऊदी अरब की प्रगति और विकास में उसके योगदान की सराहना की। उन्होंने सामान्य वर्ग कामगारों की बहाली के लिए श्रम सहयोग संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की प्रक्रिया का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने नियमित आधार पर दूतावास संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत-सऊदी अरब संयुक्त आयोग के तहत दूतावासी विषयों पर संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का स्वागत किया।

30. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के हज और उमरा करने वालों की सुविधाओं के लिए सऊदी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली उत्कृष्ट व्यवस्था के प्रति हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की।

31. दोनों नेताओं ने भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक और साझा सभ्यतामूलक संबंधों को रेखांकित किया, जो व्यापार, जनता और विचारों के आदान-प्रदान से समृद्ध हुई है। दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि आसन्न समकालीन चुनौतियों के मद्देनजर दोनों देशों के बीच साझा धरोहर के जरिए संबंध मजबूत हो सकते हैं। मानवता और सहिष्णुता की विस्तृत समझ तथा आपस में विभाजन के बजाय जोड़ने वाले विश्वास के प्रति आग्रह के जरिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को सकारात्मक दिशा प्रदान की जा सकती है।

32. दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक शान्ति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अपने साझा हितों के मद्देनजर पश्चिम एशिया, मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया में सुरक्षा परिस्थितियों सहित द्विपक्षीय हितों के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। यमन और सीरिया के हालात के संबंध में पूर्व की घोषणाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों (2216, 2254 और 2268) के कार्यान्वयन का आह्वान किया। उन्होंने लीबिया और इराक के सुरक्षा हालात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। इस संबंध में उन्होंने दोहराया कि बातचीत और राजनीतिक प्रक्रियाओं के जरिए इन मुद्दों का शान्तिपूर्ण हल निकाला जाना महत्वपूर्ण है।

33. क्षेत्रीय मुद्दों पर अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों पक्षों ने अच्छे पड़ोसी होने के सिद्धांत, घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करने, एक दूसरे की आजादी का सम्मान करने, सार्वभौमिकता एवं क्षेत्रीय अखण्डता तथा शान्तिपूर्ण तरीकों से विवादों के हल के महत्व पर जोर दिया।

34. दोनों पक्षों ने आशा व्यक्त की कि अरब शांति पहल और अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों के तहत न्यायोचित, समेकित और स्थाई शांति को प्राप्त किया जाएगा। इसके मद्देनजर फलिस्तीनी जनता को उनके वैधानिक अधिकारों की गारंटी होगी तथा उनका एक स्वतंत्र, संयुक्त और सक्षम राज्य स्थापित होगा, जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम बनेगा।

35. दोनों नेताओं ने समकालीन वास्तविकताओं के संबंध में संयुक्त राष्ट्र दृष्टिकोण को केन्द्र में रखते हुए प्रभावशाली बहुस्तरीय प्रणाली पर जोर दिया, जो विश्व चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रमुख घटक होगी। उन्होंने सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वशाली, विश्वसनीय और प्रभावशाली बनाने के लिए उसकी सदस्यता के वर्ग में विस्तार देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुधारों को गति देने की आवश्यकता पर बल दिया।

36. दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की सऊदी अरब यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध तथा रणनीतिक साझेदारी ठोस और गहरी बनेगी तथा दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में शानदार द्विपक्षीय संबंध और विकसित होंगे जिनसे दोनों देशों और वहां के लोगों की साझा आकांक्षाएं पूरी होंगी।

37. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने गर्मजोशी भरे स्वागत और शानदार आवभगत के लिए महामहिम किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने महामहिम को पारस्परिक सुविधा अनुसार भारत की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे महामहिम ने प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया।