- खेलदिली की समाज भावना का साक्षात्कार
- इस वर्ष रिकार्ड ३१.४४ लाख खिलाड़ियों ने खेलकर गुजरात को खेलकूद क्षेत्र में गौरव दिलवाया
- शारीरिक-मानसिक विकलांग स्पेशली एबल्ड ८० हजार से ज्यादा बालकों ने खेल प्रतियोगिता में क्षमता दिखलाई
- नये ८७ रिकार्ड, १३८७ अवार्ड विजेता, २१ भारतीय खेल प्राणवान बने
- १.५३ लाख बहन-बेटियों ने स्वरक्षा की तालीम प्राप्त की
- राज्य सरकार ने २४.४७ करोड़ के पुरस्कार प्रदान किए
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विराट खेलोत्सव खेल महाकुंभ का आज अहमदाबाद में समापन करते हुए संकल्प जताया कि भविष्य में गुजरात भारत को उत्तम खिलाड़ी देने में समर्थ बनेगा।
उन्होंने कहा कि गुजरात का बचपन और गुजरात की जवानी खेल जगत में गुणात्मक विकास कर रहे हैं। पड़कार अभियान में कन्या-किशोरियों को आत्मरक्षा की तालीम देने का नवीनतम अभिगम झांसी की रानी की हिम्मत का साक्षात्कार करवाता है।
गुजरात के स्वर्णिम जयंती के मौके पर २०१० से प्रारंभ खेल महाकुंभ के चौथे वर्ष पर रिकार्ड ३१.४४ लाख खिलाड़ियों ने २१ भारतीय खेलों में भाग लिया और ग्रामीण स्तर से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं में १३८७ अवार्ड जीते। इस वर्ष ८० हजार से ज्यादा स्पेशली एबल्ड बालकों ने खेलकूद क्षेत्र में विशिष्ट शक्ति का प्रदर्शन किया। खेल महाकुंभ में ८७ नये रिकार्ड बनाए गए।
इस वर्ष स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गुजरात द्वारा बहनों व कन्याओं को स्वरक्षा के लिए तालीम के रूप में पड़कार अभियान शुरू किया गया था, जिसमें १.५३ लाख महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया गया।
विजेता खिलाड़ियों को २४.४७ करोड़ के ईनाम और पुरस्कार प्रदान कर मुख्यमंत्री ने खेल महाकुंभ में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को अंतःकरण से शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में खेलकूद क्षेत्र में जो गुणात्मक परिवर्तन आया है, उससे मात्र स्थगितता का वातावरण ही दूर नहीं हुआ है बल्कि खेलकूद की सामाजिक महिमा बढ़ी है। भविष्य में भारत को उत्तम खिलाड़ी गुजरात देगा। इस सन्दर्भ में १२ वर्ष से कम आयु के बाल शिशु खिलाड़ियों को खेलकूद क्षेत्र में रत्न खोजकर उनको तालीम देने के उम्दा प्रयास गुजरात सरकार ने शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्पर्धात्मक युग में बालक मैदानों में खेल खेलकर पसीना बहाएं, ऐसा माहौल गुजरात सरकार ने तैयार किया है। लाखों परिवारों ने खिलाड़ी बनकर खेलदिली की भावना समाज में उजागर की है। शाला स्तर पर खेल की महिमा, खेल के मैदानों के लिए ढांचागत सुविधाओं और मानव संसाधन शक्ति विकसित करने में सफलता मिली है। विकलांग बालकों की खेलकूद के क्षेत्र में विशेष क्षमता और शक्ति उजागर हुई है।
युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग के मंत्री रमणलाल वोरा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१० से खेल महाकुंभ की शुरुआत हुई तब १६ लाख खिलाड़ी इसमें सहभागी बने थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या ४० लाख हो गई है।
कार्यक्रम में पोरबंदर-महेसाणा के बीच आयोजित रस्साखेंच प्रतियोगिता में पोरबंदर की टीम विजेता बनी। युवक सेवा प्रवृत्तियों के सचिव भाग्येश झा द्वारा लिखित गीत पर खिलाड़ियों ने जोश और आनंद के साथ नृत्य पेश किया। जबकि महिला खिलाड़ियों ने भारी संख्या में एक समूह में स्वरक्षा के विविध निदर्शन प्रस्तुत किए।
इस महाकुंभ के समापन समारोह में अर्जुन अवार्ड विजेता लिंबाराम, अंतरराष्ट्रीय चेस ग्रांड मास्टर यू.बी. लावा, टेबल टेनिस कोच कमलेश मेहता, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इशात शाह, जयेश जैन, एशियन स्पेशल ओलंपिक के अध्यक्ष एयर मार्शन डेन्जिल, ऑस्ट्रेलियन हाई कमीश्नर जेनी मिशेल आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सदस्य श्रीमती आनंदीबेन पटेल, भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, गणपतभाई वसावा, बाबूभाई बोखीरिया, प्रदीपसिंह जाडेजा, लीलाधरभाई वाघेला, सांसद पुरुषोत्तमभाई रुपाला, अरिवंदभाई पाठक, किरीट सोलंकी, अहमदाबाद की मेयर श्रीमती मीनाक्षीबेन पटेल, विधायकगण, मुख्य सचिव वरेश सिन्हा, युवक सेवा सचिव भाग्येश झा और उच्च पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।