गुजरात में कृषि महोत्सव का शुभारम्भ
उत्तर गुजरात के राधनपुर में तपती गर्मी के बीच भी उमड पड़े पशुपालक और किसान समुदाय
गुजरात में वैश्विक स्तर का कृषि मेला आयोजित किया जाएगा
टपक सिंचाई की स्पर्धा करने का श्री मोदी का आह्वान
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के 9 वें कृषि महोत्सव का शुभारम्भ राधनपुर से करते हुए कृषि क्रांति का नेतृत्व कर गुजरात में टपक सिंचाई की स्पर्धा करने का आह्वान किया है। आगामी 15 अगस्त तक गांव- गांव, तहसीलों और जिला स्तर की सिंचाई की स्पर्धा करने के श्री मोदी ने प्रशासन और कृषि विभाग को निर्देश भी दिए।उत्तर गुजरात के पाटन जिले के रेगिस्तानी इलाके राधनपुर में पांच जिलों में से भारी संख्या में किसान और पशुपालक परिवार इस कृषि महोत्सव में उमड़ पड़े। मुख्यमंत्री ने 31 मई 2013 तक समग्र गुजरात में चलने वाले कृषि महोत्सव के आरम्भ में गौ पूजन करके कृषि प्रदर्शनी और पशु स्वास्थ्य कृषि मेले का उद्घाटन करके उसका निरीक्षण किया।
तपती गर्मी में भी उमड़ पड़ी ग्रामिण नारीशक्ति से टपक सिचाई पद्धति अपनाने का आह्वान करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बुवाई के कमरतोड़ परिश्रम में से किसानों – महिलाओं के मुक्त होने का उत्तम उपाय टपक सिचाई में है।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने खेती और पशुपालन को वैज्ञानिक तथा आधुनिक बनाने के लिए किसानों और पशुपालकों के लिए जमीन के स्वास्थ्य और पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अभियान चलाए हैं। सोइल हैल्थ कार्ड द्वारा जमीन की गुणवत्ता सुधरे और पशुओं के स्वास्थ्य मेलों द्वारा लाखों पशुओं की तदुरुस्ती को बरकरार रखते हुए कृषि उत्पादन और दूध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगामी 2014 में गुजरात के लाखों किसानों को दुनिया में कृषि क्षेत्र में उत्तम संशोधनों और संसाधनों की जानकारी घर आंगन तक पहुंचाने के लिए वैश्विक स्तर का कृषि मेला हर दो साल में आयोजित करने की रूपरेखा पेश की।
कृषि महोत्सव से गुजरात के कृषि और पशुपालन में नयी ताकत के दर्शन हुए हैं। इसमें राज्य की कृषि युनिवर्सिटियों के 800 जितने कृषि वैज्ञानिकों और राज्य सरकार के एक लाख जितने कृषि- पशुपालन के कर्मयोगियों को गांव- गांव घूमकर आधुनिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पर बधाई दी।
उन्होंने प्रगतिशील किसानों के सफल कृषि प्रयोगों की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कार और सम्मानपत्र प्रदान किए। कृषि के ऋषि के तौर पर उनको सम्मानित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने कृषि क्षेत्र में भी स्कील डवलपमेंट का अनोखा अभियान चलाया है। सफल प्रयोगशील किसान अपने अनुभवों का लाभ देने के लिए इस कृषि महोत्सव के माध्यम से परम्परागत खेती करने वाले किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।श्री मोदी ने गुजरात के स्थापना के बाद के 40 वर्ष और पिछले एक दशक में कृषि विकास और जल सिंचन में हुई प्रगति की तुलना करते हुए कहा कि भारी गर्मी में भी कृषि महोत्सव और पशु स्वास्थ्य मेलों में ग्राम समाज इतनी भारीसंख्या में भाग लेता है, इसी से साबित होता है कि सरकार और किसानों की मेहनत सफल रही है।
नर्मदा का आगमन गुजरात में हो, इससे पूर्व गुजरात सरकार ने किसानों के सहयोग से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उत्तर गुजरात में उत्तम खेती और उत्तम पशुपालन के लिए सही दिशा अपनाई गई है।
गुजरात में दस साल पूरव किसानों की कैसी दुर्दशा थी इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि खेती कर्जदार थी। नर्मदा के पानी की उम्मीद में दो पीढ़ीयां विलीन हो गई। किसानों के पास कृषि युनिवर्सिटियों के पते तक नहीं थे। कृषि महोत्सव ने एक नई दिशा बतलाई है। यह सरकार सिर्फ पानी ही नहीं पहुंचाना चाहतीबल्कि आने वाली पीडःी को भी पानीदार बनाना चाहती है।
कार्यक्रम में कृषि और पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बाबुभाई बोखिरिया, स्वास्थ्य मंत्री परबत भाई पटेल, राज्य मंत्री लिलाधर भाई वघेला और गृह राज्य मंत्री रजनीकांत पटेल ने भी अप्ने विचार रखे।
इस मौके पर पर श्री मोदी ने प्रगतिशील किसानों को सरदार कृषि पुरस्कार से सम्मानित किया। और दुर्घटना बीमा योजना के 1 लाख के चेक किसानों के परिजनों को प्रदान किए।
यहां पर वित्त मंत्री नितिन भाई पटेल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रमन भाई वोरा, राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा और कई जन प्रतिनिधियों के साथ ही किसान मौजूद रहे।