सरकार ने 2016-17 सत्र के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने की मंजूरी दी
दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने इन फसलों पर बोनस की घोषणा की, जो स्वीकृत एमएसपी के अतिरिक्त दी जाएगी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - किसानों को करना होगा कम प्रीमियम का भुगतान - खरीफ की फसल के लिए बीमा राशि का 2% , रबी की फसल के लिए 1.5%
सरकार ने किसानों की मदद करने और उन्हें उपलब्ध बीमा कवर के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए फसल बीमा पोर्टल और मोबाइल ऐप लांच किया
सरकार ने 'नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट' (एनएएम) के तहत एक पैन इंडिया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए योजना लांच की
देश भर में किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड जारी किए जा रहे हैं - कार्ड से मिट्टी की उर्वरता के बारे में जानकारी मिलती है
परंपरागत कृषि विकास योजना: सरकार जैविक खेती और जैविक उत्पादों के लिए बाजार के विकास को बढ़ावा दे रही है
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: सिंचाई के प्रसार को बढ़ाने के इरादे से योजना को लागू किया गया

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत धान, गेहूं, मोटे अनाज और दलहन का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में संपन्‍न आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समि‍ति ने 2016-17 की खरीफ फसलों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी।ये कीमतें 1 अक्‍टूबर 2016 से प्रभावी होंगी। उच्‍च न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों से निवेश और उत्‍पादन में इजाफा होगा और किसानों को उचित कीमत प्राप्‍त होगी।

स्‍वीकृत एमएसपी, सीएसीपी की सिफारिशों पर आधारित है। इसके संदर्भ में सीएसीपी उत्‍पादन लागत, कुल मांग एवं आपूर्ति, घरेलू एवं अंतरराष्‍ट्रीय कीमतों, फसलों के बीच कीमतों में समानता, कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्रों के बीच व्‍यापार शर्तों, अर्थव्‍यवस्‍था पर मूल्‍य नीति के संभावित प्रभावों इत्‍यादि का आकलन करती है। इसके अलावा जमीन और पानी जैसे संसाधनों के तर्कसंगत इस्‍तेमाल को सुनिश्चित करने के भी कदम उठाए जाते हैं। इन सबके आधार पर सीएसीपी न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की सिफारिश करती है।

चूंकि सीएसीपी एक विशेषज्ञ निकाय है इसलिए आमतौर पर उसकी सिफारिशें मंजूरी की जाती हैं। बहरहाल, दालों और तिलहनों की घरेलू मांग और आपूर्ति के अंतराल को ध्‍यान में रखते हुए सीसीईए ने बोनस देने का निर्णय किया है। इसका आधार खरीफ दलहन के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल के मद्देनजर सीएसीपी की सिफारिश है। दलहन में अरहर, उड़द और मूंग शामिल हैं। इसी तरह तिल के संदर्भ में 200 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस और साबुत मूंगफली, सूरजमुखी बीज, सोयाबीन और मोथा जैसे खरीफ तिलहन के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस की सिफारिश भी की गई है। आशा की जाती है कि इससे किसानों को कीमत के संबंध में सकारात्‍मक संदेश जाएगा ताकि वे अधिक भूमि पर खेती करें तथा दालों और तिलहन के उत्‍पादन एवं निवेश में इजाफा कर सकें।

2016-17 की खरीफ फसल के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की तालिका नीचे दी जा रही है-

जिंस

किस्‍म

2015-16केलिए एमएसपी(रुपये/क्विंटल)

 

2015-16केलिए एमएसपी(रुपये/क्विंटल)

 

शुद्ध बढ़ोतरी

(रुपये/क्विंटल)

बढ़ोतरी प्रतिशत में

बोनस

(रुपये/क्विंटल)

धान

सामान्‍य

1410

1470

60

4.3

---

ग्रेड ए

1450

1510

60

4.1

---

ज्‍वार

संकर

1570

1625

55

3.5

---

मलडांडी

1590

1650

60

3.8

---

बाजरा

---

1275

1330

55

4.3

---

मक्‍का

---

1325

1365

40

3.0

---

रागी

---

1650

1725

75

4.5

---

तूर (अरहर)

---

4625 (200रुपये बोनसशामिल)

5050 ( 425 रुपये बोनसशामिल)

425

9.2

425

मूंग

---

4850 (200रुपये बोनसशामिल)

5225 ( 425 रुपये बोनसशामिल)

375

7.7

425

उड़द

---

4625 ( 200 रुपये बोनसशामिल)

5000 ( 425 रुपये बोनसशामिल)

375

8.1

425

साबुत मूंगफली

---

4030

4220 ( 100 रुपये बोनस

190

4.7

100

सोयाबीन

पीला

2600

2775 ( 100 रुपये बोनस

175

6.7

100

सूरजमुखी बीज

---

3800

3950 ( 200 रुपये बोनस

150

3.9

100

मोथा

---

3650

3825 ( 100 रुपये बोनस

175

4.8

100

तिल

---

4700

5000 ( 200 रुपये बोनस

300

6.4

200

कपास

मध्‍यम रेशा

3800

3860

60

1.6

---

लम्‍बा रेशा

4100

4160

60

1.5

---

अनाज, दलहन और तिलहन के संबंध में मूल समर्थन गतिविधियों के लिए भारतीय खाद्य निगम को केंद्रीय नोडल एजेंसी बनाया गया है। कपास के समर्थन गतिविधियों के लिए भारतीय कपास निगम को केंद्रीय नोडल एजेंसी बनाया गया है।

अन्‍य किसान अनुकूल पहलें:

खरीफ संबंधों के लिए एनएसपी में इजाफा करने के अलावा सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान कई किसान अनुकूल पहलें की हैं। इनका ब्‍यौरा इस प्रकार है-

  • सरकार ने 2015-16 के दौरान खरीफ दलहनों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के मद्देनजर बोनस की घोषणा की और 2016-17 के संबंध में रबी दलहनों के लए 75 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया है।
  • सरकार ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ नामक एक नई फसल बीमा योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत किसानों द्वारा चुकाए जाने वाले प्रीमियम की बहुत कम दर रखी गई है, जो सभी खरीफ फसलों के लिए बीमित रकम का दो प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और नकदी तथा बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत है। नई बीमा योजना में फोन और दूर संवेदी उपकरणों जैसी तकनीकों को जोड़ा गया है ताकि आकलन तथा दावों के निपटारे को जल्‍द पूरा किया जा सके। सरकार ने ‘क्रॉप इंश्‍योरेंस’ जैसे मोबाइल एप्‍प को भी जारी किया है जिससे किसानों को बीमा के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्‍त होगी।
  • सरकार ने राष्‍ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत एक अखिल भारतीय इलैक्‍ट्रोनिक लेन-देन मंच संबंधी योजना भी शुरू की है जिसका उद्देश्‍य 585 बाजारों को मार्च 2018 तक ई-मार्केट प्‍लेटफॉर्म पर लाना है। इसमें तीन प्रमुख परिवर्तन शामिल है- इलैक्‍ट्रोनिक लेन-देन, सभी राज्‍यों में एकल लाइसेंस की वैधानिकता और एकल बाजार प्रवेश शुल्‍क।
  • देशभर में किसानों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड दिए गए हैं। इस कार्ड में मिट्टी की उर्वरकता तथा उर्वरकों के इस्‍तेमाल के संबंध में सलाह एवं सूचना दर्ज है। 24 मई, 2016 तक 189 कार्ड वितरित किए गए।
  • परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत सरकार जैविक खेती को प्रोत्‍साहन दे रही है और उसके लिए बाजार भी विकसित कर रही है।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की जा रही है। इसका लक्ष्‍य है कि सिंचाई परियोजनाओं को जल्‍द पूरा कर लिया जाए और ड्रिप सिंचाई प्रणाली को प्रोत्‍साहित किया जाए।
  • दूरदर्शन ने किसान चैनल भी शुरू किया है जो 24 घंटे किसानों को मौसम और अन्‍य जानकारियां देता है।
  • सरकार किसान उत्‍पादक संगठनों के गठन के लिए प्रोत्‍साहित कर रही है।
  • दालों और प्‍याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने दालों के बफर स्‍टॉक बनाने तथा दालों एवं प्‍याज का मूल्‍य स्थिरीकरण कोष के तहत आयात करने का निर्णय किया है।
  • ‘फार्म विमेन फ्रेंडली हैंडबुक’ नामक महिला किसानों के लिए एक पुस्तिका तैयार की गई है जिसमें किसान महिलाओं के लिए वर्तमान अभियानों, योजनाओं और खेती तथा किसान कल्‍याण से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी उपलब्‍ध है। महिला किसान/लाभार्थी अपने निकट के जिला परियोजना निदेशक/ उपनिदेशक (कृषि) या संभाग प्रौद्योगिकी प्रबंधक/सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधकों से संपर्क करके सहायता प्राप्‍त कर सकते हैं।